वक्फ बोर्ड मामला: अमानतुल्ला खान को नहीं मिली राहत, दिल्ली HC ने ईडी से समन पर रोक लगाने से किया इनकार

अमानतुल्लाह खान ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) तथा ईडी द्वारा दायर मामलों को रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की है।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को 36 करोड़ रुपये की संपत्ति के मामले में ईडी से आप विधायक और वक्फ बोर्ड प्रमुख अमानतुल्लाह खान को जारी किए गए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने मंगलवार को अमानतुल्लाह खान को समन के खिलाफ तत्काल राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि अंतिम समय में राहत नहीं मांगी जा सकती।

अदालत ने यह भी स्पष्टीकरण मांगा था कि शुरू में समन कब जारी किया गया था। अमानतुल्लाह खान ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) तथा ईडी द्वारा दायर मामलों को रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने गुरुवार को एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर, मामले में समन और जांच को चुनौती देने वाली अमानतुल्लाह खान की याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया।

अमानतुल्लाह खान के वकील की अनुपलब्धता के कारण अदालत ने मामले को 7 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया।

अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील के अनुरोध पर मामले को स्थगित करते हुए यह स्पष्ट किया कि न तो अदालत ने याचिका में नोटिस जारी किया है और न ही कोई अंतरिम आदेश दिया है।"


राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने हाल ही में मामले में दायर ईडी के आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। ईडी ने जीशान हैदर, उनकी पार्टनरशिप फर्म स्काईपावर, जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर और कौसर इमाम सिद्दीकी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

कथित तौर पर खान से प्रभावित होकर अवैध धन से 36 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की गई थी, जिन्होंने कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये नकद दिए थे।

खान की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ईडी के वकील ने कहा था कि अन्य से संबंधित आगे की जांच जारी है। वकील ने बताया था कि अपराध में आरोप दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित हैं, जहां खान कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी और नौकरियां प्रदान करने सहित भ्रष्ट आचरण में शामिल थे।

जांच के दौरान, ईडी ने सीबीआई, एसीबी और दिल्ली पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर पर विचार किया। एसीबी ने खान के खिलाफ पीएमएलए जांच की मांग की, जिसमें आरोप लगाया गया कि कथित गलत कमाई से दिल्ली, तेलंगाना और उत्तराखंड में संपत्तियां ली गईं।

हामिद अली खान और कौसर इमाम सिद्दीकी के स्वामित्व वाले परिसरों की तलाशी में आपत्तिजनक सबूत और अवैध हथियार मिले। बरामद डायरियों में अमानतुल्लाह खान और जावेद इमाम सिद्दीकी के बीच उच्च मूल्य के लेनदेन का सुझाव दिया गया है, जिसमें ओखला के तिकोना पार्क में 36 करोड़ रुपये के प्लॉट की खरीद भी शामिल है।

अदालत को बताया गया कि आरोपी के मोबाइल से बरामद 36 करोड़ रुपये बेचने के समझौते में हेरफेर किया गया, जो सबूतों के साथ छेड़छाड़ का संकेत देता है। ईडी ने कहा कि संपत्ति खान के आदेश पर खरीदी गई थी। अदालत को 27 करोड़ रुपये के नकद लेनदेन के सबूत पेश किए गए, जिससे यह आरोपी व्यक्तियों को बुलाने के लिए एक अनिवार्य मामला बन गया।

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