सुप्रीम कोर्ट में 9 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति का रास्ता साफ, केंद्र ने कॉलेजियम के सभी नामों को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की लिस्ट में तीन महिला जजों के भी नाम हैं। इनमें कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं। वहीं, तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए तीन महिला न्यायाधीशों सहित सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित सभी नौ नामों को अपनी मंजूरी दे दी है। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक इन नामों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया गया है, जहां से जल्द ही मंजूरी आने की उम्मीद है।

पिछले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता में जस्टिस यू.यू. ललित, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और एल. नागेश्वर राव की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन नौ नामों की सिफारिश की थी। शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए इनमें आठ विभिन्न हाईकोर्ट के न्यायाधीश और एक वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल थे। यह संभवत: पहली बार है जब कॉलेजियम द्वारा नौ न्यायाधीशों की पदोन्नति के लिए सिफारिश की गई है, और केंद्र ने सभी नामों को मंजूरी दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसा किए गए नाम इस प्रकार हैं- कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार और केरल उच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली, गुजरात हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस. नरसिम्हा।


लिस्ट में शामिल कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ई.एस. वेंकटरमैया 1989 में कुछ महीनों के लिए सीजेआई रहे थे। कॉलेजियम द्वारा चयनित अन्य दो महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति हिमा कोहली, जो तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हैं और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी, जो गुजरात हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं, शामिल है।

वहीं लिस्ट में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस. नरसिम्हा शीर्ष अदालत की पीठ में सीधी नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की पसंद हैं। नरसिम्हा की सिफारिश न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन की सेवानिवृत्ति के बाद आई है, जो बार से सीधे नियुक्त होने वाले पांचवें वकील थे। न्यायमूर्ति नरीमन 12 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए थे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नवीन सिन्हा के 18 अगस्त को सेवानिवृत्त होने के बाद शीर्ष अदालत में स्वीकृत 35 न्यायाधीशों के पद में से 10 खाली हो गए थे। सितंबर 2019 के बाद शीर्ष अदालत में कोई नियुक्ति नहीं हुई थी। इन नौ जजों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में सिर्फ एक पद रिक्त रह जाएगा।

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