ममता बनर्जी के विधानसभा जाने का रास्ता साफ, चुनाव आयोग ने उपचुनाव का किया ऐलान, 30 सितंबर को वोटिंग

तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से चुनाव के लिए दबाव बना रही थी और हाल ही में सौगत रॉय, जवाहर सरकार, सुखेंदु शेखर रॉय, सजदा अहमद और महुआ मोइत्रा सहित तृणमूल सांसदों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग की थी।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा सदस्य बनने का रास्ता साफ हो गया है। काफी अटकलों के बाद आज चुनाव आयोग ने भवानीपुर में उपचुनाव और समसेरगंज और जंगीपुर सीट पर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और 3 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।

पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन से पहले उम्मीदवारों की मौत के कारण मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव रोक दिए गए थे। वहीं भवानीपुर विधानसभा सीट के मौजूदा विधायक सोवोंदेब चट्टोपाध्याय के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देने की वजह से क्षेत्र में उपचुनाव होना है। ममता नंदीग्राम सीट से विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से हार गई थीं। वह अभी भी विधानसभा की निर्वाचित सदस्य नहीं हैं।

निर्वाचन आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में एक शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव कराया जाए। मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी के माध्यम से आयोग ने अपनी अधिसूचना में कहा कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में शून्यता से बचने के लिए, भवानीपुर, कोलकाता के लिए उप-चुनाव कराए जा सकते हैं, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने का इरादा रखती हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार, हालांकि, निर्वाचन आयोग ने अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और तीन संसदीय क्षेत्रों (देश भर में) में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है, लेकिन संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य से विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए उसने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का फैसला किया है।


अधिसूचना में कहा गया है कि इसके साथ ही आयोग ने 3 अन्य विधानसभा क्षेत्रों- पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज, 58-जंगीपुर और ओडिशा का एक विधानसभा क्षेत्र 110-पिपली में भी चुनाव कराने का फैसला किया है, जहां मतदान स्थगित कर दिया गया था। आयोग ने 20 सितंबर से चुनाव अभियान के लिए सात दिन का समय दिया है। हालाकि, उत्तर 24 परगना में खरदा, कूच बिहार में दक्षिण दिनहाटा, नादिया में शांतिपुर और दक्षिण 24 परगना में गोसाबा चार और विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां उप-चुनाव निर्धारित हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने कोविड महामारी को देखते हुए यहां चुनाव को रोक दिया है।

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 164(4) के अनुसार, चुनाव नहीं जीतने पर भी कोई व्यक्ति मंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है, लेकिन फिर अगले 6 महीने के अंदर उसे राज्य की विधानसभा का या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य होगा। चूंकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नहीं है, इसीलिए ममता बनर्जी को राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नवंबर से पहले चुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस काफी लंबे समय से चुनाव के लिए दबाव बना रही है और हाल ही में सौगत रॉय, जवाहर सरकार, सुखेंदु शेखर रॉय, सजदा अहमद और महुआ मोइत्रा सहित तृणमूल सांसदों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी और जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग की थी। यह घोषणा पार्टी के लिए एक बड़ी राहत है।

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