पश्चिम बंगालः कुड़मी आंदोलन की वजह से तीसरे दिन भी चक्का जाम, हावड़ा-मुंबई रूट पर 225 से ज्यादा ट्रेन रद्द

कुड़मी समाज ने पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडीशा और बिहार में कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा देने और कुड़माली भाषा को मान्यता देने की मांग को लेकर क्षेत्र में रेल और सड़क मार्ग को अनिश्चित काल के लिए जाम कर आन्दोलन कर रहा है और पीछे हटने को तैयार नहीं है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल के खड़गपुर और आद्रा डिवीजन के खेमाशुली और कुस्तौर स्टेशन पर कुड़मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन की वजह से रेल और सड़क दोनों मार्ग बंद है। बीते तीन दिनों में रेलवे को कम से 225 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं।

इस आंदोलन की वजह से हावड़ा-मुंबई रूट पूरी तरह से ठप हो गया है। वहीं आंदोलन के कारण झारखंड का बंगाल से संपर्क पूरी तरह कट गया है। जमशेदपुर और घाटशिला से हावड़ा और कोलकाता जाने का रेल और सड़क मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध है। आंदोलनकारियों ने खेमाशुली से बरसोल तक एनएच-49 जाम कर रखा है। इस वजह से 50 किलोमीटर के दायरे में हजारों गाड़ियां फंसी हैं। कई यात्री बसों के जाम में फंसने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

पश्चिम बंगालः कुड़मी आंदोलन की वजह से तीसरे दिन भी चक्का जाम, हावड़ा-मुंबई रूट पर 225 से ज्यादा ट्रेन रद्द
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कड़मी समाज के लोग बुधवार सुबह से ही हावड़ा-मुंबई रूट पर कई स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से बीते तीन दिनों में रेलवे को कम से 225 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। इस रूट पर ट्रेन सेवाएं बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई हैं। एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रूट बदलकर चलाया जा रहा है। रेलवे को इन तीन दिनों में करोड़ों रुपये की चपत लगी है।

प्रदर्शन कर रहे लोग झंडे-डंडे के साथ हावड़ा-मुंबई रूट पर खड़गपुर और आद्रा डिवीजन के खेमाशुली और कुस्तौर स्टेशन पर पिछले तीन दिनों से जमे हैं। आंदोलनकारी ट्रैक और हाईवे से हटने को तैयार नहीं हैं। इन दिनो जेईई मेन्स की परीक्षाएं चल रही हैं। इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


कुड़मी समाज ने पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडीशा और बिहार में कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा देने और कुड़माली भाषा को मान्यता देने की मांग को लेकर क्षेत्र में रेल और सड़क मार्ग को अनिश्चित काल के लिए जाम कर आन्दोलन का एलान किया है। कुड़मी समाज पश्चिम बंगाल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश महतो ने कहा कि बिहार, झारखंड और ओडिशा राज्यों में कुड़मी समुदाय को जब तक अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

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