बिजली सब्सिडी पर केजरीवाल के फैसले को लेकर क्या सोच रहे हैं दिल्लीवासी? किसी ने सराहा तो किसी ने इसे बताया ड्रामा!

दिल्ली के कोटला मुबारकपुर के रहने वाले देवी लाल गर्ग ने कहा कि सरकार के इस ऐलान के बाद थोड़ी बेचैनी तो हो रही है। कैसे होगा, क्या करना होगा। जब मैंने पूरा तरीका उनको समझाया तो उन्होंने फिर कहा कि ठीक है, लेकिन थोड़ी दिक्कत तो हो ही गई।

फोटो: सोशल मीडिया
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विनय कुमार

इस आधुनिक दौर में बिजली, जिंदगी की महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। लेकिन महंगाई के दौर में बिजली की कीमत लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। देश के अलग-अलग राज्यों में बिजली की कीमत अलग-अलग है। किसी राज्य में बिजली की कीमत कम है, तो किसी राज्य में ज्यादा है। खैर, हम बात कर रहे हैं इस समय दिल्ली की। दिल्ली में बिजली की कीमत की चर्चा इसलिए हो रही है, क्येंकि बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अगर किसी भी उपभोक्ता को फ्री में बिजली चाहिए यानी फ्री में बिजली जारी रखना है, तो उन्हें बिजली बिल में सब्सिडी लेने के लिए आवेदन करना होगा। ये बताते चलें कि दिल्ली में एक तरह से गरीब और मध्यम परिवार के लोगों को बिजली फ्री में मिल रही है या फिर बिजली की बिल में काफी राहत (कम) मिल रही है। कैसे, ये भी आपको बताते चलें। दिल्ली में अगर बिजली की खपत 200 यूनिट है तो आपका बिजली बिल एकदम फ्री है, कोई भी चार्ज नहीं लगता। अगर आपका बिजली यूनिट 200 से अधिक है तो आपका बिजली बिल जो भी होगा, उस पर दिल्ली सरकार सब्सिडी देती है, जिससे बिजली बिल आधी हो जाती है। अगर 400 बिजली यूनिट से अधिक है, तो आपको बिजली बिल पूरा देना होगा। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली सब्सिडी को लेकर बुधवार को जो ऐलान किया, उसके बाद लोगों में थोड़ी बेचैनी दिख रही है। खासकर, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों में। मैं दिल्ली के कोटला मुबारकपूर में रहता हूं और मेरे मन में थोड़ी सी बेचैनी हुई, जल्द से जल्द से सब्सिडी फॉर्म भरने की। क्योंकि समय भी कम है सिर्फ 15 दिन में फॉर्म को जमा करवाना है। ऐसे में मैंने सोचा क्यों ना अपने मोहल्ले के लोगों से इस कौतूहल और बेचैनी को समझने की कोशिश की जाए कि इस ऐलान को लोग कैसे ले रहे हैं?    

दिल्ली के कोटला मुबारकपुर के रहने वाले देवी लाल गर्ग ने कहा कि सरकार के इस ऐलान के बाद थोड़ी बेचैनी तो हो रही है। कैसे होगा, क्या करना होगा। जब मैंने पूरा तरीका उनको समझाया तो उन्होंने फिर कहा कि ठीक है, लेकिन थोड़ी दिक्कत तो हो ही गई। खैर, सरकार की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इतने दिनों से फ्री या कम में बिजली दे रही है,  अगर फॉर्म भरने और जमा करने में थोड़ी परेशानी होगी भी तो कोई बात नहीं।   


कपड़े प्रेस करने वाली महिला के साथ बैठी कई महिलाओं से पूछा कि सरकार के इस फैसले को कैसे लेती हैं आप? तो उनका कहना था कि लगता है मोदी जी की राह पर केजरीवाल जी चल रहे हैं। पहले कहेंगे फॉर्म भरने पर बिजली सब्सिडी मिलेगी, बाद में केजरीवाल सबकी सब्सिडी को खत्म कर देंगे।   

वहीं, एक महिला ने कहा कि केजरीवाल सिर्फ नौटंकीबाजी कर रहे हैं। सुविधा तो दे रहे हैं, लेकिन जितना सुविधा नहीं देते हैं, उससे ज्यादा हो-हल्ला मचाते हैं। एक अन्य महिला ने कहा कि बीते दिनों केजरीवाल ने कहा था कि उनके पास बहुत से लोगों के सुझाव और चिट्ठियां आती हैं। उस चिठ्ठी के आधार पर उन्होंने बताया था कि कुछ लोग मुफ्त बिजली नहीं लेना चाहते हैं, सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं। ऐसा कहीं होता है क्या? अगर चिठ्ठी आई है तो दिखाते क्यों नहीं। आप ही बताइए आज के समय में पैसा किसे काटता है, कोई कहेगा मुझसे पैसा ले लो। कोई नहीं कहेगा। आज के समय में धन्ना सेठ भी पैसे के पीछे भागे जा रहे हैं और मध्यम परिवार केजरीवाल से कहेगा कि मुझसे पैसा ले लो, ऐसा कही होता है क्या?  

थोड़ा आगे बढ़ा तो एक दुकानदार मिले। उनका नाम था श्याम। वो अपने टाइलस के दुकान पर बैठे थे, जब मैंने उनसे राय जानना चाहा तो उनका कहना था कि आगे-आगे देखिए होता है क्या? बिजली पर सब्सिडी के बाद पानी में दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर भी अरविंद केजरीवाल ऐसा ही कोई नया मॉडल पेश कर सकते हैं। आप मान कर चलिए केजरीवाल सरकार पर बोझ ज्यादा बढ़ गया है, और लोगों से वादा किया था सब्सिडी देंगे, ऐसे में सीधे-सीधे इसे वापस नहीं ले सकते हैं। इसके लिए उन्होंने एक तरीका निकाला है। यूं कहिए कि नया मॉडल, जिसमें उन्होंने कहा कि जो सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं वो दिल्ली सरकार को मदद करना चाहते हैं वो आगे आएं। 

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