क्या है फॉक्सकॉन-वेदांत प्रोजेक्ट, कैसे गया महाराष्ट्र से गुजरात के हाथ, शिंदे पर क्यों भड़के विपक्षी दल? जानिए

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार की इस बात को लेकर कड़ी आलोचना की जा रही है कि उसने इस प्‍लांट को गुजरात क्‍यों जाने दिया गया।

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे
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नवजीवन डेस्क

भारतीय कंपनी वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने की फैक्टरी लगाने की घोषणा की है। इस प्रोजेक्‍ट को पहले महाराष्ट्र में स्थापित करने का प्रस्ताव था और पिछली महा विकास आघाड़ी सरकार ने इस संबंध में फॉक्सकॉन के साथ कई दौर की चर्चा भी की थी। लेकिन अब इसे अहमदबाद के नजदीक स्थापित की जाएगी। गांधीनगर में मंगलवार को आयोजित समारोह में रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

मुंबई को भी बेच देंगे शिंदे

इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र की शिंदे सरकार विपक्षी दलों के निशाना पर आ गई है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने बीजेपी और शिंदे गुट पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही शिंदे सरकार की इस बात को लेकर कड़ी आलोचना की जा रही है कि उसने इस प्‍लांट को गुजरात क्‍यों जाने दिया गया। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट के जाने से न सिर्फ महाराष्ट्र को राजस्व का नुकसान हुआ है बल्कि हजारों युवाओं को मिलने वाला रोजगार भी खत्म हो गया है। इन सब के पीछे और कोई नहीं बल्कि राज्य की शिंदे बीजेपी सरकार है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा गया है। सामना ने लिखा है कि हमें इस बात का यकीन है कि जिस तरह से फडणवीस ने अंतर्राष्ट्रीय वित्त केंद्र को मुंबई से गुजरात भेजा है। उसी तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फॉक्सकॉन- वेदांत प्रोजेक्ट को भी गुजरात ले जाने की अनुमति दी है। शिंदे आने वाले दिनों में मुंबई को भी बेच देंगे।


डील के बदले मिली सीएम की कुर्सी


शिवसेना ने सामना के जरिए एकनाथ शिंदे को घेरते हुए लिखा है कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को इसी बात पर मुख्यमंत्री बनाया था ताकि वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को आसानी से गुजरात भेजा जा सके। सनम लिखा है कि फॉक्सकॉन सिर्फ शुरुआत है इस डील से इस प्रोजेक्ट के गुजरात जाने से एक बात साफ हो गई है अगर बीजेपी ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया है और उनके विधायकों को करोड़ों दिए हैं तो फिर संडे को महाराष्ट्र के तिजोरी की चाबी भी बीजेपी को सौंपनी होगी।

बीजेपी पर भड़के एमवीए के नेता

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुंह का निवाला छीन लिया है। जयंत पाटिल ने कहा कि एक बड़ा प्रोजेक्ट राज्य के हाथ से फिसल गया और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश चला गया। लेकिन शिंदे सरकार कुछ भी नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को राजनीतिक सभाओं से फुर्सत नहीं मिलती।


आदित्य ठाकरे ने साधा निशाना

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी ने इस प्रोजेक्ट के लिए बहुत मेहनत की थी और लगभग तय हो गया था कि प्लांट महाराष्ट्र मे लगेगा। आदित्य ठाकरे ने कहा कि निवेशकों को शिंदे सरकार पर भरोसा नहीं है, यह सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है। इसलिए यहां बड़ी परियोजनाएं नहीं आ रहीं।

'एमवीए की सरकार में 90 प्रतिशत फाइनल हो गया था प्रॉजेक्ट'

बताया जा रहा है कि पिछली एमवीए सरकार के दौरान यह प्रॉजेक्ट फाइनल हो चुका था। कंपनी के अधिकारियों ने तालेगांव फेज IV में 1,000 एकड़ से अधिक की जमीन भी देखी। एमवीए का दावा है कि उनकी सरकार में प्रॉजेक्ट 90 पर्सेंट फाइनल था। शिंदे की सरकार आगे बात नहीं संभाल पाई और पीएम मोदी के सामने समर्पण कर दिया।

प्लांट में क्या निर्माण होगा

इस संयंत्र को लगाने में वेदांता और फॉक्सकॉन 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे एक लाख रोजगार पैदा होंगे। यहां सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बनाए जाएंगे। सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कारों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है। 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश से 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे, जबकि 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे।

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