क्या है शराब घोटाला, जिसमें मनीष सिसोदिया को CBI ने किया गिरफ्तार

केजरावील सरकार ने नई शराब नीति से माफिया राज खत्म करने और राजस्व में भारी इजाफा होने का दावा किया था। लेकिन दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू हुई तो नतीजे दावों के उलट आए। सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा।

फोटोः @AamAadmiParty
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नवजीवन डेस्क

आज सीबीआई ने दिल्ली के बहुचर्चित शराब नीति घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। आज इस मामले में करीब आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को निर्दोष बताया है और खुद सीएम अरविंद केजरीवाल पूरी पार्टी के साथ सिसोदिया के समर्थन में आ गए हैं। आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर राजनीति और गर्माने की उम्मीद है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर दिल्ली का शराब घोटाला किया है और यह कितना बड़ा है, जिसमें सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला 2021-22 में आई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़ा है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 से दिल्ली में नई आबकारी नीति (एक्साइज पॉलिसी) लागू की थी, जिसके तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया था और सरकार इससे पूरी तरह बाहर आ गई थी। इसमें दिल्ली के 32 जोन में से हर जोन में अधिकतम 27 दुकानें खोलने की अनुमति दी गई थी।


दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को ऐतिहासिक बताया था। केजरावील सरकार इस पॉलिसी से शराब कारोबार में माफिया राज खत्म करने का दावा किया था। साथ ही दावा किया था कि इस नई नीति से सरकार के राजस्व में भारी इजाफा होगा। सिसोदिया और केजरीवाल ने तो यहां तक दावा किया था कि देश के बाकी राज्य भी इस नीति को लागू करेंगे। लेकिन दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू हुई तो नतीजे दावों के उलट आए। सरकार को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ा।

खुद केजरीवाल सरकार ने 31 जुलाई 2022 को कैबिनेट में माना की शराब की भारी बिक्री के बावजूद रेवेन्यू का बड़ा नुकसान हुआ है। इसकी वजह बताते हुए कहा गया कि नई नीति के कारण बड़े पैमाने थोक और खुदरा कारोबारियों ने लाइसेंस लौटा दिए, जिसकी वजह से राजस्व का नुकसान हुआ। नई आबकारी नीति के बाद दिल्ली सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 1485 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जो बजट के अनुमान से काफी कम था। इसके बाद हर महीने राजस्व में कमी आई। आखिरकार दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति वापस लेना पड़ा और 1 सितंबर 2022 से पुरानी शराब नीति लागू कर दी गई।


दिल्ली की नई आबकारी नीति में गड़बड़ी का आरोप सबसे पहले दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने लगाया था। नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौपी रिपोर्ट में आबकारी नीति में गड़बड़ी के साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद दिल्ली के एलजी ने इस रिपोर्ट के आधार पर 22 जुलाई 2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और सिसोदिया समेत कई लोगों से पूछताछ की और कई लोगों को हिरासत में भी लिया। अब जाकर सीबीआई ने सिसोदिया को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया।

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