क्या है ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा कोरोना का नया स्वरूप, जिससे फिर से खौफ में आ गई है पूरी दुनिया

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 बड़े बदलाव हैं। सबसे खास बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है, जिसका इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में घुसने के लिए करता है। वायरस की ये नई किस्म पहले के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है।

फोटोः सोशल मीडिया
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DW

ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना वायरस का टीका लगने की शुरुआत होने से महामारी के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर में उम्मीद जगने लगी थी, लेकिन इसी बीच ब्रिटेन में फैल रही कोरोना वायरस की एक नई किस्म ने यूरोप में हड़कंप मचा दिया है और दुनिया के दूसरे कोनों में चिंता की एक लहर को जन्म दे दिया है।

ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस की यह नई किस्म इतनी तेजी से फैल रही है कि ये 'बेकाबू' हो गई है। स्थिति को देखते हुए भारत, आयरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं। इस नए खतरे को लेकर यूरोपीय संघ की आज अहम बैठक होगी जिसमें और संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा होगी।

क्या है वायरस की नई किस्म?

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 महत्वपूर्ण बदलाव हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है। ये वो प्रोटीन होता है जिसका इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में घुसने के लिए करता है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वायरस की ये नई किस्म पहले वाली किस्म के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने वायरस के नए स्ट्रेन को 'बेकाबू' बताया है। जानकारों का कहना है कि वायरसों में म्युटेशन होना बहुत सामान्य है और हमेशा ऐसा नहीं होता कि बदला हुआ वायरस पहले वायरस से ज्यादा खतरनाक ही हो। लेकिन चूंकि कोरोना वायरस की यह नई किस्म ज्यादा तेजी से संक्रमण को फैला रही है, इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है।

क्या मौजूदा वैक्सीन इस पर असर करेंगी?

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि विभिन्न देशों में कोरोना से निपटने के लिए जिन वैक्सीनों को लगाना शुरू किया जा चुका है, क्या वे इस नए स्ट्रेन के खिलाफ भी असरदार होंगी या बेअसर हो जाएंगी? वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इसके बारे में चिंता का समय नहीं आया है, क्योंकि अमूमन वैक्सीनें शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस के कई पहलुओं से लड़ने के लिए तैयार करती हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे में अगर वायरस के कुछ हिस्सों में म्युटेशन हो भी जाती है तो भी संभव है कि उपलब्ध कोरोना वैक्सीन उसका मुकाबला कर लेंगी। लेकिन फिर भी सजग रहने की आवश्यकता है, क्योंकि अगर वायरस पूरी तरह से म्यूटेट हो गया तो संभव है कि वैक्सीन उसके आगे बेअसर हो जाए।

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