देश में इस बार कब आएगा मानसून और कैसा रहेगा? मौसम विभाग ने बताया, पढ़िए
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र ने कहा है कि मात्रा के हिसाब से, देश भर में कुल मिलाकर मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के 4 प्रतिशत कम/ज्यादा की मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 101 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2021-06%2F3f95e17f-a1ad-47b7-aa70-f1cf409b93a5%2Fmansoon.jpg?rect=97%2C0%2C875%2C492&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, पूरे देश में इस साल जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी बारिश सामान्य और सुविरित रहने की संभावना है। देशभर में कुल मिलाकर इन चार महीनों की अवधि में पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा के सामान्य रहने (दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत) की बहुत संभावना है।
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आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र ने कहा है कि मात्रा के हिसाब से, देश भर में कुल मिलाकर मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के 4 प्रतिशत कम/ज्यादा की मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 101 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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देश भर में कुल मिलाकर 1961-2010 की अवधि के लिए मौसमी वर्षा का एलपीए 88 सेमी है। चार समरूप वर्षा में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के उत्तर पश्चिम भारत (92-108 प्रतिशत) और दक्षिण प्रायद्वीप (93-107 प्रतिशत) में सामान्य रहने की बहुत संभावना है। मौसमी वर्षा के पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है जबकि मध्य भारत में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।
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मानसून कोर जोन, जिसमें देश के अधिकांश वर्षा पूरित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। मानसून मौसमी वर्षा के स्थानिक रूप से सुवितरित होने का अनुमान है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम के दौरान सामान्य तथा सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त होने का अनुमान है।
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नवीनतम वैश्विक मॉडल अनुमानों से संकेत मिलता है कि व्याप्त तटस्थ ईएनएसओ स्थितियों के विषवतरेखीय प्रशांत महासागर में जारी रहने तथा मानसून सीजन के दौरान हिन्द महासागर में नकारात्मक आईओडी स्थितियों के विकास की संभावना का अनुमान है।
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Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM