सुप्रीम कोर्ट ने इन तीन वकीलों को सौंपी शाहीन बाग केस की मध्यस्थता, जानें इनके बारे 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया है। ये वार्ताकार हैं वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े। कोर्ट ने वकील साधना रामचंद्रन और वजहत हबीबुल्लाह को भी वार्ताकार बनाया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो महीने से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस विरोध-प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए कोर्ट में याचिका भी डाली गई है। इसी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया है। ये वार्ताकार हैं वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े। कोर्ट ने वकील साधना रामचंद्रन और वजहत हबीबुल्लाह को भी वार्ताकार बनाया है। अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है।

वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच पुल का काम करेंगे। संजय हेगड़े ने एक बयान जारी कर अपनी भूमिका स्वीकार की है। उन्होंने कहा, “मेरे सहयोगी साधना रामचंद्रन और मैं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हमें दी गई जिम्मेदारी स्वीकार है। हम सभी पक्षों से उनके मुद्दों को हल करने के लिए उनकी सहायता करने के लिए एक बैठक करेंगे ताकी सभी पक्षों का सम्मान हो। हमें उम्मीद है कि हमारी सहायता से इस मामले का ऐसा हल निकल सकेगा जो सभी पक्षों को मान होगा और जिससे सभी पक्ष संतुष्ट होंगे।


आइए जानते हैं इन वार्ताकारों के बारे में

संजय हेगड़े

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े हाल में ही अपने एक ट्वीट के कारण चर्चा में आए थे जिसके कारण उनका अकाउंट भी कुछ दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। जिसे लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी। ट्विटर पर उनके अकाउंट को फिर से रिस्टोर करने के लिए एक अभियान भी चला था। संजय हेगड़े ने एलएलबी की की पढ़ाई 1989 में बाम्बे विश्वविद्यालय से की। इसके बाद उन्होंने 1991 में इसी विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई भी पूरी की।

वजाहत हबीबुल्लाह

भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे वजाहत हबीबुल्लाह भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता टीम में शामिल हैं। हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा वे पंचायती राज मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव रह चुके हैं। हबीबुल्लाह 1968 से अगस्त 2005 में अपनी सेवानिवृति तक भारतीय प्रशासनिक सेवा से अधिकारी रह चुके हैं।

इसके अलावा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता पर गंभीर आपत्तियों का उल्लेख करते हुए 106 पूर्व नौकरशाहों द्वारा लिखे गए खुले पत्र में भी पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल थे।


साधना रामचंद्रन

साधना रामचंद्रन सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वकालत के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। साधना रामचंद्रन दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रस्ताव पर मध्यस्थता विभाग के सचिव पद पर भी रही हैं।

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