देश में कोरोना के नए वैरिएंट से आएगी नई लहर? बढ़ते मामलों के बीच डॉ.गुलेरिया का आया बड़ा बयान!

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अस्पताल और सामुदायिक दोनों स्तरों पर सक्रिय निगरानी की जरूरत है, ताकि यह पता चल सके कि क्या मामलों की संख्या और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, ताकि से समय पर उपायों को लागू किया जा सके।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों ने लोगों के साथ सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों के पीछे नया वैरिएंट है। इस वैरिएंट की वजह से देश में चार मीहने बाद कोरोना मामलों की संख्या ज्यादा हो गई है। ऐसे में बढ़ते मामलों के बीच कई सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या नए वैरिएंट की वजह से देश में नई लहर का खतरा पैदा हो गया है? सवाल यह कि यह वैरिएंट कितना खतरनाक है? ऐसे कई सवालों का जवाब एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दिया है।

डॉक्टर गुलेरिया से कहा कि नया XBB.1.16 वैरिएंट तेजी से फैल सकता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इससे गंभीर बीमारी या  फिर मौत का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट सामने आते रहेंगे, क्योंकि वायरस समय के साथ अपना रूप बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि एक्सबीबी 1.16 एक तरह से 'समूह का नया बच्चा' है। उन्होंने कहा कि जब तक वायरस के इन वैरिएंट्स से गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और मौत का खतरा नहीं, तब तक ठीक है।

सवाल यह है कि क्या अगले कुछ दिनों में कोरोना के एक्सबीबी 1.16 वैरिएंट की लहर देश में आ सकती है? इस पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देखा जा सकता है, लेकिन फिर हो सकता है कि यह सामने ही नहीं आएं, क्योंकि शुरू में लोग बहुत सतर्क थे और खुद जाकर जांच कराते थे। अब भले ही उनमें फ्लू जैसे लक्षण हों, ज्यादातर लोग जांच नहीं कराते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रैपिड एंटीजन जांच करा लेते हैं और संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भी वे इसके बारे में नहीं बताते हैं। ऐसे में जो नंबर में रिपोर्ट कर रहे हैं वो वास्तविक संख्या से कम हो सकती है।


सवाल यह है कि क्या किसी को कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा एक साथ हो सकता है? इस पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वायरस समय के साथ विकसित होता है, और यह कोरोना और इन्फ्लूएंजा दोनों के साथ होता है और इसे एंटीजेनिक बहाव कहा जाता है। उन्होंने बताया कि यह धीरे-धीरे विकसित होगा, थोड़ा अपना रूप बदलेगा और नए वैरिएंट सामने आएंगे।  उन्होंने कहा कि अगर हम नजर डालें कि पिछले एक साल में क्या हुआ है, तो पता चलेगा कि हमें जो वैरिएंट मिले हैं वो मूल रूप से केवल ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट हैं। वायरस थोड़ा स्थिर हो गया है, यह उतनी तेजी से वैरिएंट नहीं बदल रहा है जितना अतीत में था।

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अस्पताल और सामुदायिक दोनों स्तरों पर सक्रिय निगरानी की जरूरत है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मामलों की संख्या और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, ताकि से समय पर रोकथाम रणनीतियों और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू किया जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आकंड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना मामलों की संख्या 7,026 हो गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों का भी जायजा लिया। भारत में बुधवार को कोरोना वायरस के 1,134 नए मामले दर्ज किए गए, जो 138 दिनों में सबसे ज्यादा है।

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Published: 23 Mar 2023, 10:39 AM