केंद्र के खिलाफ फिर मोर्चा खोलेंगे किसान? MSP पर गठित कमेटी को किया खारिज, कहा- आंखों में धूल झोंक रही सरकार

संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को लेकर सरकार की ओर से गठित कमेटी को खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह कमेटी MSP के लिए नहीं है। पहले से मिल रही MSP को और प्रभावशाली बनाने के लिए बनाई गई है। किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

MSP के मुद्दे पर किसानों और मोदी सरकार के बीच एक बार फिर से टकराव देखने को मिल सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को लेकर सरकार की ओर से गठित कमेटी को खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह कमेटी MSP के लिए नहीं है। पहले से मिल रही MSP को और प्रभावशाली बनाने के लिए बनाई गई है। किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।

किसान नेता अभिमन्यु कोहर का आरोप

किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने आरोप लगाया कि इस कमेटी में कथित किसान नेताओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया था।

"यह कमेटी सिर्फ कागजों में रह जाएगी"

किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमने ऐसी कमेटी की मांग नहीं की थी। हमने सिर्फ MSP पर आधारित कमेटी मांगी थी। उन्होंने कहा कि कमेटी का समय क्या होगा? कमेटी के पास क्या अधिकार होंगे? इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। यह कमेटी MSP पर कोई काम नहीं कर पाएगी। यह कमेटी सिर्फ कागजों में रह जाएगी।


जिसका डर था वही हुआ: योगेंद्र यादव

SKM नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि जिसका डर था वही हुआ। सरकारी कमेटी के नाम पर किसानों की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की जा रही है। योगेंद्र यादव ने अपने ट्वीट में संदेह को सार्वजनिक किए हैं।

  • इस कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य कौन होंगे? कहीं इसमें सरकार का बोलबाला तो नहीं रहेगा?

  • इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा अन्य किन किसान संगठनों को बुलाया जाएगा? कहीं सरकार अपने पिट्ठुओं से तो इसे नहीं भर देगी?

  • इस कमेटी का एजेंडा क्या होगा? क्या इसमें एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर विचार भी होगा? या कि इसे बातचीत से भी बाहर रखा जाएगा?

योगेंद्र यादव ने कहा कि कमेटी के सरकारी नोटिफिकेशन से यह स्पष्ट है कि इस बारे में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संदेह सच निकले है:

  1. कमेटी के अध्यक्ष पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल हैं, जिन्होंने तीनों किसान विरोधी कानून बनाए और आखिर तक उनकी हिमायत की. उनके साथ नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद हैं, जिन्होंने इन तीनों कानूनों को ड्राफ्ट किया था।

  2. कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के 3 प्रतिनिधियों के लिए जगह छोड़ी गई है. लेकिन बाकी स्थानों में किसान नेताओं के नाम पर सरकार ने अपने 5 वफादार लोगों को ठूंस लिया है, जिन सबने खुलकर तीनों किसान विरोधी कानूनों की वकालत की थी। यह सब लोग या तो सीधे बीजेपी आरएसएस से जुड़े हैं या उनकी नीति की हिमायत करते हैं।

  • कृष्णा वीर चौधरी, भारतीय कृषक समाज से जुड़े हैं और बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं.

  • प्रमोद कुमार चौधरी, RSS से जुड़े भारतीय किसान संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं.

  • गुणी प्रकाश, भूपेंद्र मान के किसान संगठन के हरियाणा अध्यक्ष हैं.

  • सैयद पाशा पटेल, महाराष्ट्र से बीजेपी के एमएलसी रह चुके हैं.

  • गुणवंत पाटिल, शेतकरी संगठन से जुड़े, डब्ल्यूटीओ के हिमायती और भारतीय स्वतंत्र पक्ष पार्टी के जनरल सेक्रेटरी हैं.


यह पांचों लोग तीनों किसान विरोधी कानूनों के पक्ष में खुलकर बोले थे।

उन्होंने आगे कहा कि कमेटी के एजेंडा में एमएसपी पर कानून बनाने का जिक्र तक नहीं है। यानी कि यह प्रश्न कमेटी के सामने रखा ही नहीं जाएगा। एजेंडा में कुछ ऐसे आइटम डाले गए हैं जिन पर सरकार की कमेटी पहले से बनी हुई है और एक ऐसा आइटम डाला गया है जिसके जरिए सरकार पिछले दरवाजे से वापस तीन काले कानूनों को लाने की कोशिश कर सकती है

फोटो: विपिन
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केंद्र ने MSP पर की कमेटी गठित

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को ही एमएसपी पर सिफारिशों के लिए एक कमेटी का गठन किया था। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि क्षेत्र में सुधारों को बढ़ावा देने के लिए समिति गठित की है। इसकी जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई है। मंत्रलाय की ओर से कहा गया है कि यह समिति जीरो-बजट आधारित खेती, फसलों के पैटर्न बदलने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को और ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी गठित की जा रही है।

इस समिति में इसके अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अलावा कई अहम नाम शामिल हैं। इनमें नीति आयोग के मेंबर (कृषि) रमेश चंद, किसानों के प्रतिनिधि के तौर पर संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्य (इनके नाम बाद में शामिल होंगे), कृषि अर्थशास्त्री डॉक्टर सीएससी शेखर और डॉक्टर सुखपाल सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले किसान भारत भूषण त्यागी और अन्य किसान संगठनों के सदस्यों में गुणवंत पाटिल, प्रमोद कुमार चौधरी, गुणी प्रकाश, कृष्णवीर चौधरी और सैयद पाशा पटेल भी शामिल रहेंगे।

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Published: 19 Jul 2022, 12:57 PM