क्या किसानों को मिलेगी ‘काले कानूनों’ से निजात, सरकार के साथ ‘निर्णायक’ दौर की वार्ता जारी

दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही इस बैठक में किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं।

फोटोः विपिन
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार के विवादित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों का आंदोलन आज 40वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 7वें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। विज्ञान भवन में हो रही इस बैठक में किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं।

आज की बैठक शुरू होने से पहले सबसे पहले किसान आंदोलन के दौरान अब तक शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद हल्के-फुल्के माहौल में चर्चा शुरू हुई। बैठक में किसानों ने अपनी दो प्रमुख मांगों पर फैसला लेने की मांग की है। किसान संगठनों की दोनों प्रमुख मांग हैं- केंद्र द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देना।

सरकार के साथ किसान नेताओं की यह सातवें दौर की अहम वार्ता है, जिसमें किसानों को उनकी दो प्रमुख मांगों पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है। इससे पहले सरकार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है। बीते साल के आखिर में हुई बैठक के बाद सरकार ने किसानों की आधी मांगें मानने का दावा किया था और 4 जनवरी की अगली बैठक में मुद्दे का हल निकलने की उम्मीद जताई थी।

बता दें कि किसान केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मांगी गईं तो इ 26 जनवरी को वे दिल्ली समेत देश के प्रमुख शहरों में ट्रैैक्टर परेड करेंगे।

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Published: 04 Jan 2021, 4:27 PM