मुजफ्फरपुर कांड: क्या सुन पाएंगे ‘सुशासन बाबू’ यातना गृह की लड़कियों की आपबीती?

मुजफ्फरपुर बालिका संरक्षण गृह की भयावहता की चौतरफा चर्चा है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक इस मुद्दे पर चुप हैं। पुलिस चार्जशीट में इस संरक्षण गृह में जारी अत्याचार का तांडव दर्ज है, जिसमें पीड़ित बच्चियों ने आपबीती सुनाई है। क्या इन्हें सुनकर भी खामोश रहेंगे सुशासन बाबू?<i></i>

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मुजफ्फरपुर कांड में सिवाए सीबीआई जांच का आदेश देने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक शब्द भी नहीं बोला है। इस संरक्षण गृह से रूह को कंपा देने वाली दास्तान सामने आने के बावजूद वे खामोश हैं। क्या इसकी वजह यह है कि इस जघन्य अपराध के आरोपी बृजेश ठाकुर की बिहार सरकार से नजदीकियां हैं? बिहार सरकार में बृजेश के रसूख का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस दिन मुजफ्फरपुर मामले में केस दर्ज हुआ उसी दिन बृजेश ठाकुर के एनजीओ को एक और ठेका मिल गया था।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश की खामोशी को आपराधिक करार देते हुए सवाल उठाया है कि आखिर सरकार, पुलिस और अफसरशाही, सब के सब इस मामले से अब तक अनजान कैसे बने रहे?

पुलिस ने इस मामले की पीड़ित बच्चियों के बयान दर्ज किए हैं। थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी और डीएसपी मुकुल कुमार रंजन द्वारा दर्ज इन बयानों को पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह सारे बयान आईपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज हुए हैं। इनमें से कुछ बयान हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं, जिनसे इस बालिका संरक्षण गृह में जारी यातनाओं का अंदाज़ा लगता है। शायद इन्हें पढ़कर सुशासन बाबू कुछ बोलेंगेष

पीड़िता नंबर -1 : जब मैं चिल्लाई तो मेरे मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया

मैं चपाती नहीं बना पाती थी और मसाला नहीं पीस पाती थी। इसके लिए के आंटी मुझे बेरहमी से पीटती थीं। वहां बहुत से लोग आते थे। उनमें से तीन ने मेरे साथ बलात्कार किया। एक तो मुझे किसी दवा का इंजेक्शन देता था, जिसके बाद मैं बेहोश हो जाती। दूसरा व्यक्ति (इसकी फोटो पुलिस ने एफआईआर में लगाई है) मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूता था। तीसरे ने कई बार मेरे साथ गंदा काम किया। जब मैं चिल्लाती, तो वह मेरे मुंह में कपड़ा ठूंस देता था। के आंटी मुझे उस आदमी के साथ जबरदस्ती भेजती थीं, जो वहां आता था।

पीड़िता नंबर -2 : वहां काम करने वालों को हमारी हालत पता थी, लेकिन सब मिले हुए हैं

मुझे खाने में नींद की गोलियां दी जाती थीं। उसके बाद मेरे साथ गंदा काम किया जाता था। वहां काम करने वाले सभी को हमारी हालत पता थी, लेकिन वे सब इस गंदे काम में मिले हुए हैं। कोई भी इसके खिलाफ नहीं बोलता था। सबके सब इसमें शामिल थे। जब मैं सुबह को उठती थी तो मेरे नीचे (गुप्तांग) में दर्द होता था।

पीड़िता नंबर -3 : जब मैं सो जाती तो मेरे साथ बलात्कार होता था

वे मुझे खाने में नींद की गोलियां देते थे। जब मैं सो जाती तो मेरे साथ बलात्कार होता था। मुझे जबरदस्ती ‘बी’ सर के कमरे में भेजा जाता था। के, एन और सी आंटी कहती थीं कि ‘इसका काम हो गया।‘ ‘बी’ सर बाहर से भी लोगों को बुलाते थे। उन सबने मेरे साथ गंदा काम किया।

पीड़िता नंबर -4 : वह मुझे मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देता था

‘बी’ सर मुझे छत पर ले जाकर नंगा कर देते और बेरहमी से पीटते थे। उसके बाद वे मेरे साथ गंदा काम करते थे। वे कहते थे कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे।

पीड़िता नंबर -5 : वह हर मंगलवार को आता था और मेरे साथ गंदा काम करता था

मैं बालिका गृह में 2017 में आई थी। 10-15 दिन में ही चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सर आए। उन्होंने मुझे समझाया और फिर बलात्कार किया। उसके बाद काउंसलर ‘वी’ ने कई बार मेरे साथ रेप किया। वह हर मंगलवार को आता था और मेरे अलावा दूसरी लड़कियों के साथ भी बलात्कार करता था।

पीड़िता नंबर -6 : मैं अपने शरीर को काट लेती थी, ताकि के आंटी मुझसे गंदा काम न करवाएं

मैं यहां दो साल से ज्यादा से हूं। के आंटी मेरे साथ गंदा काम करती थीं। इससे बचने के लिए मैं अपने पैरों पर किसी धारदार चीज़ से काट लेती थी। मैं खुद को घायल करती थी ताकि के आंटी मुझसे गंदा काम न करवाएं

पीड़िता नंबर -7 : वह मेरे ऊपर खौलता हुआ गर्म पानी डाल देते थे

मैं यहां एक साल से हूं। मुझे कभी भरपेट खाना नहीं मिला। जब भी मैं खाना मांगती, डंडे से मेरी पिटाई की जाती। फिर मेरे ऊपर गर्म खौलता हुआ पानी डाल दिया जाता। मैंने इसकी शिकायत बालिका गृह की अधीक्षक आईके से की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने उलटा मुझे ही डांट लगा दी।

पीड़िता नंबर -8 : जब भी हम गंदे काम से मना करते, तो हमारी पिटाई होती थी

मैं यहां दो साल से ज्यादा वक्त से हूं। के आंटी हमारे साथ बहुत बुरा बरताव करती थीं। वह रात में बिना कपड़ों के सोतीं और लड़कियों को उनके साथ सोने को कहती थीं। मना करने पर वह हमें बुरी तरह मारती थी।

पीड़िता नंबर -9 : उससे बचने के लिए 3-4 लड़कियां एक-साथ सोती थीं

मैं कई साल से हूं यहां। के आंटी लड़कियों को उनके साथ सोने को मजबूर करती थी। रात में वह बराबर कमरे में लड़कियों को बुलाती और उनका यौन शोषण करती थी। उससे बचने के लिए 3-4 लड़कियों ने साथ में सोना शुरु कर दिया था।

पीड़िता नंबर -10 : ‘बी’ सर आते तो हमें डंडो से पीटते थे

जब मैं 7 साल की थी, तो गलती से यहां आ गई थी। तब से मैं यहीं हूं। बी सर आते और हमें डंडो से पीटते थे। फिर वह मेरे साथ गंदा काम करते थे। जब मैं मना करती, तो फिर से पिटाई करते थे। वे दूसरी लड़कियों के साथ भी बुरा काम करते थे।

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