हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से झारखंड बीजेपी की उड़ी नींद, कहीं रणनीति न हो जाए फेल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार उपचुनाव के नतीजा ने एक बार फिर बीजेपी के खोखले विकास के दावों की हवा निकाल दी है। अब बीजेपी का बड़बोलापन खत्म हो जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

झारखंड में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ‘65 पार’ का नारा बुलंद करने वाली बीजेपी ताजा विधानसभा चुनाव के नतीजों से डर गई है।

बीजेपी, विपक्ष के कुछ नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बाद जीत का सपना देख रही थी।लेकिन गुरुवार को दो राज्यों- खासकर हरियाणा और बिहार में हुए उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी रणनीतिकारों की नींद उड़ा दी है।

बीजेपी के नेताओं की मानें तो पार्टी ने एक रणनीति के तहत विपक्षियों का मनोबल तोड़ने के लिए विपक्षी दलों के ऐसे नेताओं को तोड़ने की योजना बनाई थी। बीजेपी की यह रणनीति कामयाब भी रही। विपक्ष के कुछ नेता बीजेपी में शामिल भी हो गए। इस साल हुए लोकसभा चुनाव परिणाम से उत्साहित 'कमल दल' अन्य दलों के दिग्गजों के आने के बाद खुद को मजबूत मान रही थी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव कहते हैं, “हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार उपचुनाव के नतीजा ने एक बार फिर बीजेपी के खोखले विकास के दावों की हवा निकाल दी है। अब बीजेपी का बड़बोलापन खत्म हो जाएगा।”


उन्होंने कहा कि बीजेपी के बड़े नेता महाराष्ट्र में 200 और हरियाणा में 75 के पार का दावा कर रहे थे, लेकिन दो प्रदेशों के मतदाताओं ने बीजेपी की आकांक्षाओं के अनुरूप बहुमत नहीं दिया। दोनों प्रदेशों के चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहे। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी '65 पार' का नारा खोखला साबित होगा।

झारखंड की राजनीति पर गहरी नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय ने कहा कि हरियाणा का चुनाव परिणाम बीजेपी को सीख देने वाला है। उन्होंने स्पष्ट कहा, "बीजेपी की रणनीति झारखंड में फिर से बड़ी जीत दर्ज करने की है, इसलिए हरियाणा से सीख लेते हुए ऐसे लोगों को टिकट देने से परहेज करेगी, जो जिताऊ नहीं होगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि इस परिणाम से स्पष्ट है कि अन्य दलों से आने वाले विधायकों को भी बीजेपी टिकट देने में काफी सोच-विचार करेगी।

बीजेपी के प्रवक्ता इस बात को हालांकि नकारती हैं कि हरियाणा चुनाव परिणाम का यहां कोई प्रभाव पड़ेगा। बीजेपी की प्रवक्ता मिस्फिका हसन ने कहा, “हरियाणा में पार्टी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंची, यह समीक्षा का विषय है और पार्टी नेतृत्व इसकी समीक्षा भी करेगी, मगर झारखंड के हालात हरियाणा से पूरी तरह अलग हैं।”


बीजेपी के एक नेता का कहना है कि चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी जमीनी स्तर पर अपनी तैयारियों को अंजाम दे ही रही है। पार्टी संगठन मतदान केंद्र स्तर पर काम कर रहा है, वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव पूर्व ही ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे हुए हैं। रघुवर का रथ अब तक राज्य के आधे विधानसभा क्षेत्रों को नाप चुका है।

बहरहाल, बीजेपी खेमा विपक्षी दलों के दिग्गज नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर चुनाव से पूर्व ही खुद को मजबूत स्थिति में मान उत्साहित थी, लेकिन हरियाणा चुनाव के परिणाम ने बीजेपी को फिर से सोचने को विवश कर दिया है। हालांकि, कौन किस पर भारी रहेगा, इसका फैसला तो जनता करेगी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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