कर्नाटक: महिलाओं को लेकर बीजेपी के बिगड़े बोल से खफा है ‘नारी शक्ति’ 

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की ओर से महिलाओं को दी जा रही सहूलियतों पर कुमारस्वामी की टिप्पणी से महिलाएं बेहद नाराज हैं। यहां तक कि पिछले दिनों महिलाओं ने उनके खिलाफ चूड़ी और ब्लाउज़ का कपड़ा लेकर प्रदर्शन किया।

कुमारास्वामी के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं (फोटो - आईएएनएस)
कुमारास्वामी के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं (फोटो - आईएएनएस)
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नाहिद अताउल्लाह

महिलाओं को लेकर बीजेपी के बिगड़े बोल

‘नारी शक्ति’ की दुहाई देने वाली बीजेपी कर्नाटक में महिलाओं को हाशिए पर रखने के लिए ओवरटाइम काम करती दिख रही है। दक्षिण बेंगलुरु से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या उस समय बैठक छोड़कर चलते बने जब एक बीजेपी नेता द्वारा संचालित सहकारी बैंक द्वारा ठगे गए नाराज जमाकर्ताओं ने उनसे असुविधाजनक सवाल पूछ लिए। एक वायरल वीडियो में सूर्या को बाहर निकलते समय एक महिला के हाथ को झटकते हुए देखा गया जिसके बाद लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। इससे पहले बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कांग्रेस मंत्री दिनेश गुंडू राव की पत्नी तबस्सुम की ओर इशारा करते हुए उनके परिवार को ‘आधा पाकिस्तान’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। 

अब एनडीए के महत्वपूर्ण सहयोगी जेडीएस के एच डी कुमारस्वामी ने यह आरोप लगाकर हंगामा खड़ा कर दिया कि कांग्रेस सरकार की पांच गारंटियों के कारण राज्य में महिलाएं ‘पथभ्रष्ट’ हो गई हैं। राज्य परिवहन की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, परिवार की महिला मुखिया को हर महीने 2000 रुपये और हर महीने 10 किलो मुफ्त चावल योजना जैसी गारंटी दी गई है जो बेहद सफल रही हैं और महिलाएं कांग्रेस के पीछे एकजुट हो गई हैं।

कुमारस्वामी से नाराज महिलाओं ‘कुमारस्वामी वापस जाओ’ के नारे लगाए और उनके निर्वाचन क्षेत्र मांड्या में गुस्साई महिलाओं ने चूड़ियों और ब्लाउज के कपड़े लेकर प्रदर्शन किया। महिलाओं को शांत करने के लिए कुमारस्वामी को सफाई देनी पड़ी कि उनके कहने का मतलब यह था कि कांग्रेस गारंटी के नाम पर निर्दोष ग्रामीण महिलाओं को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, ‘आपको (महिलाओं को) ताकत दिए बिना, कांग्रेस सरकार आपको ऐसी स्थिति में रखने की कोशिश कर रही है जहां आप भीख मांगें और खैरात पर गुजारा करें।’ कुमारस्वामी ने यह कहा तो था महिलाओं को शांत करने के लिए लेकिन इससे महिलाओं में नाराजगी बढ़ ही गई है।

इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा, ‘मैं उनसे माफी मांगने के लिए नहीं कहूंगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी से जवाब की मांग करूंगा कि वे साफ करें कि क्या वे कुमारस्वामी की बातों का समर्थन करते हैं? आखिरकार कुमारस्वामी एनडीए के साझेदार हैं।’


ये विवाद ही काफी नहीं थे, कि बेलगावी के पूर्व बीजेपी विधायक संजय पाटिल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर पर निशाना साधकर एक और बवाल खड़ा कर दिया। हेब्बालकर के विधानसभा क्षेत्र बेलगावी के ग्रामीण इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पाटिल को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि ‘इस रैली में महिलाओं की भारी मौजूदगी को देखते हुए अक्का (बड़ी बहन) को रात में अच्छी नींद के लिए या तो नींद की गोलियां लेनी होंगी या फिर उन्हें एक-दो पैग और लगाने होंगे।’ 

इससे नाराज महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर को घेर लिया जिससे पाटिल को यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि उन्होंने अपने भाषण में हेब्बालकर का नाम नहीं लिया था और केवल अक्काबाई कहा था। उन्होंने कहा, ‘(आपने जो समझा) वह आपकी व्याख्या है। अतिरिक्त पैग का मतलब एनर्जी ड्रिंक है। भारतीय संस्कृति ने मुझे महिलाओं का सम्मान करना सिखाया है। जो लोग परेशान हैं, वे चुनाव आयोग में शिकायत कर सकते हैं लेकिन मेरे घर की घेराबंदी नहीं कर सकते।’

बीजेपी सांसद की पीएम को ‘न’

चामराजनगर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद ने 14 अप्रैल को मैसूर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित एक सार्वजनिक बैठक में भाग लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के व्यक्तिगत निमंत्रण को ठुकरा दिया। लोकसभा चुनाव में प्रसाद के दामाद को टिकट देने से इनकार करने के बाद बीजेपी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया था जिससे नाराज सांसद ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।

परस्पर जुदा राहें अखित्यार करने के सात साल बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अचानक प्रसाद के घर पहुंचे तो बीजेपी हरकत में आ गई। सिद्धारमैया और प्रसाद पुराने दोस्त हैं लेकिन 2016 में सिद्धारमैया द्वारा कैबिनेट से अनौपचारिक रूप से हटा दिए जाने के बाद प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने चामराजनगर लोकसभा सीट से जीत हासिल की। प्रसाद से मुलाकात के बाद सिद्धारमैया ने कहा कि हालांकि प्रसाद ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है लेकिन उन्होंने (सिद्धारमैया ने) प्रसाद से अनुरोध किया कि एक पुराने कांग्रेसी होने के नाते वह पार्टी के प्रति खुला नजरिया और सहानुभूति रखें। 


सिद्धारमैया की प्रसाद से अचानक मुलाकात और दोनों नेताओं के बीच सुलह की संभावना से चिंतित येदियुरप्पा भागे-भागे प्रसाद के पास पहुंचे और उनसे पांच मिनट के लिए भी पीएम मोदी की सार्वजनिक सभा में शामिल होने का अनुरोध किया, लेकिन प्रसाद ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने इस बारे में कहा, ‘येदियुरप्पा ने मुझसे मोदी की सभा में शामिल होने और वहां कुछ देर बैठने का अनुरोध किया। मैंने हाथ जोड़कर उनसे कहा कि मैं राजनीति और बीजेपी से संन्यास ले चुका हूं। घर आने वालों का स्वागत करना हमारा कर्तव्य है। लेकिन जाने या न जाने का फैसला मेरा है।’ 

मधुमक्खियों के लिए प्रोटोकॉल

मंगलुरु पुलिस ने सुरक्षा कारणों से 14 अप्रैल को मंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के रास्ते से सभी मधुमक्खियों के छत्ते हटा दिए। मंगलुरु पुलिस आयुक्त ने 11 अप्रैल को उप वन संरक्षक को मंगलुरु आंतरिक हवाईअड्डे से मोदी द्वारा अपनाए जाने वाले पूरे रूट में पड़ने वाले मधुमक्खियों के सभी छत्तों को हटाने के लिए लिखा था।

इस कदम की हरित कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है। उनका दावा है कि मधुमक्खियां किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल कुछ समय से लागू है लेकिन नौकरशाही ने पर्यावरण और प्रकृति के प्रति बेहद असंवेदनशीलता दिखाई जो अफसोस की बात है। विभिन्न कारणों से मधुमक्खियों की आबादी लगातार घटती जा रही है और ऐसे में उनके छत्तों को रास्ते से हटाने का आदेश अतार्किक और आधारहीन है। 

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