CAA के विरोध में दिल्ली की तरह प्रयागराज में महिलाओं का प्रदर्शन, बोलीं- जितना तुम्हारा, उतना ही ये मुल्क हमारा

प्रयागराज में महिला प्रदर्शनकारियों ने नारों के जरिए भी सीएए और एनआरसी का विरोध जताया। उनके हाथों में नारे लिखीं तख्तियां थीं। इनमें ‘इंकलाब जिंदाबाद, सबने इसे संवारा है, जितना तुम्हारा, उतना ही यह मुल्क हमारा है, संविधान का उल्लंघन, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ जैसे नारे लिखे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली की तरह प्रयागराज में महिलाएं शहर के मनसूर अली पार्क में बीते तीन दिनों से धरने पर बैठी हैं। पुलिस और प्रशासन ने 3 दिनों की मशक्कत के बाद भी उनका धरना समाप्त कराने में कामयाब नहीं हो सका है। जबरदस्त भीड़ और विरोध के चलते प्रशासन सफल नहीं हो पा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने नारों के जरिए भी सीएए और एनआरसी का विरोध जताया। उनके हाथों में नारे लिखीं तख्तियां थीं। इनमें 'इंकलाब जिंदाबाद, सबने इसे संवारा है, जितना तुम्हारा, उतना ही यह मुल्क हमारा है, संविधान का उल्लंघन, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' जैसे नारे लिखे हैं।

प्रदर्शनकारियों की खास बात यह है कि इस बार आंदोलन की कमान मुस्लिम महिलाओं के हाथों में है मुस्लिम महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में छोटे बच्चे और पुरुषों की जमात भी डटी है। महिलाएं पूरी रात यहां खुले आसमान तले बैठी हैं, यहीं नमाज पढ़ती हैं, यहीं से सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं।

रोशनबाग निवासी रूबीना का कहना है कि उनका विरोध न किसी पार्टी से है और न ही सरकार से। उनका विरोध सिर्फ इस बात का है कि हिंदुस्तान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बिगाड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी तरह सबीना अहमद ने बताया कि उनके पास अपनी नागरिकता के प्रमाण हैं। लेकिन, कम पढ़े-लिखे तमाम ऐसे लोग हैं, जिन्होंने जागरूकता के अभाव में इस तरह के दस्तावेज नहीं बनवाए। उनके यहां घरेलू काम करने वाली महिला भी इनमें से एक है, तो क्या ऐसे लोगों को देश में रहने का अधिकार नहीं है? इस आंदोलन में कई विपक्षी पार्टी और वामपंथी संगठनों का समर्थन मिल रहा है।


गौरतलब है कि रविवार को 100 से ज्यादा महिलाओं ने सीएए और एनआरसी के विरोध में खुल्दाबाद स्थित मंसूर अली पार्क में धरना प्रदर्शन शुरू किया था। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन महिलाएं मानने को तैयार नहीं हुईं। भीड़ बढ़ती देख देर रात पीएसी भी बुलाई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

पुलिस का मानना था कि रात होते ही प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं रातभर मंसूर अली पार्क में डटे हैं। मंसूर अली पार्क में चल रहे धरना-प्रदर्शन को विभिन्न संगठनों ने भी समर्थन दिया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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Published: 15 Jan 2020, 9:01 AM