मणिपुर वीडियो पर महिला आयोग ने ट्विटर को भेजा नोटिस, सरकार और पुलिस पर साधी चुप्पी

ऐसी घृणित घटनाओं के लिए सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर कार्रवाई पर जवाब मांगा जाता है। गैर बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के साथ अपराधों पर आयोग वहां की सरकार और पुलिस को आए दिन नोटिस जारी करता रहता है। ऐसे में सरकार पर आयोग की चुप्पी पर सवाल उठते हैं।

मणिपुर वीडियो पर महिला आयोग ने सरकार-पुलिस के बजाय ट्विटर को भेजा नोटिस
मणिपुर वीडियो पर महिला आयोग ने सरकार-पुलिस के बजाय ट्विटर को भेजा नोटिस
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बरता और नग्न परेड कराने के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को केंद्र या राज्य सरकार या पुलिस की बजाय ट्विटर को नोटिस जारी किया है। एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।

एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, "एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।


यहां गौरतलब है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने वीडियो वायरल होने के लिए सीधा-सीधा ट्वीटर को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस जारी कर दिया है। जबकि ऐसी घृणित घटनाओं के लिए सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर कार्रवाई पर जवाब मांगा जाता है। गैर बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के साथ अपराधों पर आयोग वहां की सरकार और पुलिस को आए दिन नोटिस जारी करता रहता है। ऐसे में सरकार पर आय़ोग की चुप्पी पर सवाल उठते हैं।

मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने भी अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जवाब मांगा है।


दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी। इससे पहले आज विपक्ष के भारी हंगामे के बाद मणिपुर हिंसा पर ढाई महीने बाद पीएम मोदी ने चुप्पी तोड़ते हुए घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।

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