दुनिया की खबरें: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से पूरी दुनिया सकते में और भारत के हमले से पाकिस्तान में खौफ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत के करारे जवाब से पाकिस्तान में दहशत का माहौल है। वहां के लोग डरे-सहमे नजर आ रहे हैं और दुआ कर रहे हैं कि वे सुरक्षित रहें।

भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘बढ़ती शत्रुता’’ से चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने बृहस्पतिवार को दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष यांग ने स्थायी शांति के लिए ‘‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप’’ संवाद और राजनयिक समाधान की भी वकालत की।
यांग की अपील भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के एक दिन बाद आई है। इसके बाद पाकिस्तान सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय गांवों को निशाना बनाते हुए तोप और मोर्टार से गोलाबारी तेज कर दी है जो हाल के वर्षों में सबसे तेज गोलाबारी में से एक है।
यूएनजीए अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती शत्रुता को लेकर बेहद चिंतित हूं। मैं दोनों पक्षों से अधिक से अधिक संयम बरतने और तत्काल तनाव कम करने की अपील करता हूं।’’
यांग ने आतंकवाद और नागरिकों पर हमलों की भी निंदा की तथा कहा कि स्थायी शांति के वास्ते जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर सभी आतंकवादी हमलों और नागरिकों तथा नागरिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ हमलों की निंदा करता हूं।’’
यांग ने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ता से यह मानना है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बातचीत एवं कूटनीतिक समाधान ही मतभेदों को सुलझाने तथा स्थायी शांति एवं स्थिरता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है।’’
भारत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में मंगलवार रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि मध्यरात्रि के बाद किए गए भारत के मिसाइल हमले में 31 लोग मारे गए हैं और 57 अन्य घायल हुए हैं।
भारत के मिसाइल हमले के बाद जम्मू कश्मीर में एलओसी के पास अग्रिम गांवों को निशाना बनाकर की गई पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में चार बच्चे, एक सैनिक समेत 13 लोग मारे गए हैं और 57 अन्य घायल हुए हैं।
भारत के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान ने तोप और मोर्टार से गोलाबारी तेज कर दी है जो हाल के वर्षों में सबसे तेज गोलाबारी में से एक है।
भारत के हमले से पाकिस्तान में खौफ, संसद में रोते हुए पूर्व मेजर बोले- 'अल्लाह हमारी हिफाजत करे'
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत के करारे जवाब से पाकिस्तान में दहशत का माहौल है। वहां के लोग डरे-सहमे नजर आ रहे हैं और दुआ कर रहे हैं कि वे सुरक्षित रहें। इसका उदाहरण पाकिस्तानी संसद से भी सामने आया है, जहां चर्चा के दौरान नेशनल असेंबली के सदस्य और सेना के पूर्व मेजर रो पड़े।
पूर्व पाकिस्तानी मेजर ताहिर इकबाल ने नेशनल असेंबली में कहा, "हम अपनी कौम से कहते हैं कि सब मिलकर चलो और अपने रब से दुआ करो कि हम सबकी हिफाजत करें। इस मुल्क की रक्षा करें।"
ताहिर इकबाल ने कहा कि अल्लाह ने चाहा कि पाकिस्तान बने और उन्होंने ही इस मुल्क को बनाया है। अब वही इसकी हिफाजत करेंगे।
उन्होंने रोते हुए कहा, "अल्लाह, तू हमें माफ कर दे। हम तेरे सामने सर झुकाते हैं, माफी मांगते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम तेरे बड़े गुनहगार हैं।"
पूर्व पाकिस्तानी मेजर ने कहा कि अल्लाह की रहमत काम आएगी। उनकी रहमत मिलेगी तो हम कामयाब होंगे और इस मुल्क की हिफाजत करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला ऑपरेशन 'सिंदूर' से लिया है। इसके तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह कर दिया गया। भारत की सैन्य कार्रवाई में करीब 100 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
इस हमले से बौखलाए पाकिस्तान ने एलओसी से सटे सीमावर्ती इलाके में गोलाबारी की, जिसमें कई भारतीय हताहत हो गए हैं। इसके साथ ही उसने भारत में बुधवार रात कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया और पाकिस्तानी सेना अपनी योजना में बुरी तरह विफल हो गई।
ब्रिटेन की संसद में भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर चर्चा, तनाव कम करने की अपील
पहलगाम आतंकी हमले और इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई भारत की कार्रवाई के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर ब्रिटेन की संसद में लंबी चर्चा हुई।
चर्चा के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए ब्रिटेन की ओर से मदद की जरूरत पर जोर दिया।
भारत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री हैमिश फाल्कनर ने बुधवार को निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में एक बयान के साथ चर्चा की शुरुआत की और कूटनीति एवं संवाद के महत्व पर प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर की पिछली टिप्पणियों को दोहराया गया।
उन्होंने देश में बड़ी संख्या में रहने वाले ब्रिटिश भारतीयों और ब्रिटिश पाकिस्तानियों के लिए संघर्ष के बहुत ही ‘‘व्यक्तिगत’’ पहलू से संबंधित चिंताओं को भी व्यक्त किया।
फाल्कनर ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान दोनों को हम लगातार यही संदेश देना चाहते हैं कि वे संयम बरतें। उन्हें एक त्वरित, कूटनीतिक मार्ग तलाशने के लिए बातचीत में शामिल होने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन का दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध है। नागरिकों की जान जाते देखना दिल को झकझोर देने वाला है। अगर तनाव ऐसे ही और बढ़ता है, तो किसी की भी जीत नहीं होगी। हमने पिछले महीने हुए भयावह आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की।’’
ब्रिटेन की छाया विदेश मंत्री (ब्रिटेन की आधिकारिक विपक्ष की समानांतर छाया कैबिनेट) प्रीति पटेल ने भारत के खुद का बचाव करने और ‘‘आतंकवादी ठिकानों’’ को नष्ट करने के लिए ‘‘उचित एवं सधा’’ कदम उठाने के अधिकार पर प्रकाश डाला।
ब्रिटेन की भारतीय मूल की सांसद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी भारत और पश्चिमी हितों के लिए खतरा हैं। यह वही देश है जहां ओसामा बिन लादेन छिपा हुआ था। भारत में आतंकवादियों द्वारा हिंसा के लंबे इतिहास के कारण ब्रिटेन ने भारत के साथ सुरक्षा सहयोग समझौते किए हैं।’’
भारत में जन्मे और ब्रिटेन के इलफर्ड साउथ से लेबर पार्टी के सांसद जस अठवाल ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उनके माता-पिता पाकिस्तान में पैदा हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी अच्छी तरह से जानता हूं कि कोई भी देश अपने कदम पीछे नहीं करेगा। इसलिए मंत्री मुझे और मेरे संसदीय क्षेत्र के निवासियों को आश्वस्त करने के लिए ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कि दोनों शक्तिशाली देश दुनिया के इस अस्थिर हिस्से में शांति बहाल करने के वास्ते बातचीत की मेज पर आएं जिसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।’’
कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पाकिस्तान से ‘‘हमेशा हमेशा के लिए’’ आतंकवादी ठिकानों को हटाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने तब यह स्पष्ट कर दिया था कि या तो पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के साथ लगते इन आतंकवादी ठिकानों को हटा दे या फिर भारत उन्हें हटा देगा... नौ जगहों को निशाना बनाया गया; वे आतंकवादी ठिकाने थे जहां आतंकवादियों को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था।’’
पाकिस्तानी मूल के कई ब्रिटिश सांसदों ने भी ‘‘दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव’’ और दोनों परमाणु शक्ति संपन्न ताकतों के बीच युद्ध के वास्तविक खतरे के बढ़ने की निंदा की।
मंत्री फाल्कनर ने जोर देकर कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि सदन दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित करे।’’
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख ने संयम की अपील की
भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘बढ़ती शत्रुता’’ से चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने बृहस्पतिवार को दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष यांग ने स्थायी शांति के लिए ‘‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप’’ संवाद और राजनयिक समाधान की भी वकालत की।
यांग की अपील भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के एक दिन बाद आई है। इसके बाद पाकिस्तान सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय गांवों को निशाना बनाते हुए तोप और मोर्टार से गोलाबारी तेज कर दी है जो हाल के वर्षों में सबसे तेज गोलाबारी में से एक है।
यूएनजीए अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती शत्रुता को लेकर बेहद चिंतित हूं। मैं दोनों पक्षों से अधिक से अधिक संयम बरतने और तत्काल तनाव कम करने की अपील करता हूं।’’
यांग ने आतंकवाद और नागरिकों पर हमलों की भी निंदा की तथा कहा कि स्थायी शांति के वास्ते जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर सभी आतंकवादी हमलों और नागरिकों तथा नागरिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ हमलों की निंदा करता हूं।’’
यांग ने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ता से यह मानना है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बातचीत एवं कूटनीतिक समाधान ही मतभेदों को सुलझाने तथा स्थायी शांति एवं स्थिरता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है।’’
भारत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में मंगलवार रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि मध्यरात्रि के बाद किए गए भारत के मिसाइल हमले में 31 लोग मारे गए हैं और 57 अन्य घायल हुए हैं।
भारत के मिसाइल हमले के बाद जम्मू कश्मीर में एलओसी के पास अग्रिम गांवों को निशाना बनाकर की गई पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में चार बच्चे, एक सैनिक समेत 13 लोग मारे गए हैं और 57 अन्य घायल हुए हैं।
भारत के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान ने तोप और मोर्टार से गोलाबारी तेज कर दी है जो हाल के वर्षों में सबसे तेज गोलाबारी में से एक है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्थिति पर बेहद बारीकी से नजर रख रहे हैं: अमेरिकी सेना अधिकारी
अमेरिकी सेना के एक शीर्ष कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद अमेरिका ‘‘स्थिति पर बेहद बारीकी से नजर रख रहा है’’।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र कमांडिंग जनरल, रोनाल्ड क्लार्क ने बुधवार को डिजिटल माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हम स्थिति पर बेहद करीब से नजर रख रहे हैं। हम अपने मुख्यालय और अमेरिका हिन्द-प्रशांत कमान मुख्यालय (यूएसइंडोपैकोम) से सपंर्क साधे हुए हैं क्योंकि इन हमलों के बारे में जानकारी और भी स्पष्ट हो रही है।’’
‘यूएसइंडोपैकोम’ अमेरिकी सशस्त्र बलों की छह एकीकृत लड़ाकू कमान में से एक है, जिसका मुख्यालय हवाई में है।
क्लार्क भारत के हमलों के बाद उत्पन्न हुए हालात पर अमेरिका के दृष्टिकोण से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।
इससे पहले बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता संघर्ष ‘‘रुकना’’ चाहिए और अगर वह कुछ मदद कर सके हैं तो जरूर करेंगे।
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘युद्ध’’ पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह बहुत भयानक है। मेरी इच्छा यह है कि मैं दोनों को साथ लेकर काम करूं। मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं उन्हें इसे (तनाव को) हल करते हुए देखना चाहता हूं। मैं उन्हें रुकते हुए देखना चाहता हूं और उम्मीद है कि वे अब रुक सकते हैं। उन्होंने एक दूसरे के खिलाफ जैसे को तैसा वाला रुख अपनाया है तो अब उम्मीद है कि वे रुक सकते हैं। मैं उन दोनों को जानता हूं, हम दोनों देशों के साथ बहुत अच्छे से मिलकर काम करते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और मैं इसे रुकते देखना चाहता हूं। और अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मैं जरूर करूंगा।’’
पाकिस्तान सरकार ने लाहौर, इस्लामाबाद हवाई अड्डों पर वाणिज्यिक उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया
पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को लाहौर और इस्लामाबाद हवाई अड्डों पर सभी वाणिज्यिक उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण (पीएए) ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा, ‘‘लाहौर और इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर सभी वाणिज्यिक उड़ानों के लिए देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है।’’ हालांकि कराची हवाई अड्डे से परिचालन हो रहा है।
इससे पहले भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद बुधवार को पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को 48 घंटे के लिए बंद करने की घोषणा की थी।
पीएए ने कहा कि उसने भारत की ‘लापरवाह और उत्तेजक कार्रवाइयों’ से नागरिक विमानन सुरक्षा को उत्पन्न ‘गंभीर जोखिम’ के संबंध में औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (आईसीएओ) को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।
रूस ने अपनी तरफ से घोषित संघर्ष विराम का 700 से ज्यादा बार उल्लंघन किया: यूक्रेन
रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित 72 घंटे के संघर्ष विराम के पहले दिन अपने-अपने बलों पर हमले होने की जानकारी दी है।
यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने रूस पर बृहस्पतिवार को 734 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर संघर्ष विराम को “पाखंड” करार दिया।
वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेनी बलों पर देश में हमले करने का आरोप लगाया और कहा कि रूसी बल संघर्ष विराम के दौरान यूक्रेन को उसकी हरकतों के लिए आईना दिखाते रहेंगे।
बेलगोरोड, लिपेत्स्क, ओरेनबर्ग, रियाज़ान और तांबोव के क्षेत्रों में रात भर ड्रोन खतरे की चेतावनी जारी की गई, लेकिन किसी भी ड्रोन को मार गिराए जाने या रोके जाने की कोई जानकारी नहीं मिली।
रूस के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ‘रोसावियात्सिया’ ने भी निजनी नोवगोरोड में हवाई अड्डे से आने-जाने वाली उड़ानों पर कुछ समय के लिए पाबंदी लगा दी।
इससे पहले रूस ने यूक्रेन के उत्तर पूर्वी हिस्से में हमले किए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उत्तर पूर्व में सुमी क्षेत्र में किए गए इन बम हमलों में दो अन्य व्यक्ति घायल हो गए।
क्षेत्रीय अभियोजक कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बम सीमा के निकट रिहाइशी इलाकों में गिराए गए।
यूक्रेन की वायुसेना ने सुमी क्षेत्र में बृहस्पतिवार देर रात 02:39 बजे से शुरू होकर सुबह तक ग्लाइड बम और कम से कम एक मिसाइल दागे जाने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार पिछली रात 8:30 बजे के बाद से बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले नहीं हुए। हाल के सप्ताहों में यूक्रेन में लगभग प्रतिदिन ऐसे हमले हो रहे थे।
हालांकि देश के अन्य हिस्सों में अग्रिम मोर्चे के निकट छोटे पैमाने पर रूसी हमले जारी रहे, जिससे नागरिक हताहत हुए।
अभियोजकों ने बताया कि सुमी क्षेत्र के मायकोलाइवका में देर रात करीब तीन बजे हुए हमले में 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि लगभग 30 मिनट बाद, वोरोज्बा समुदाय में नागरिक बुनियादी ढांचे पर एक और बम गिरा, जिसमें 70 वर्षीय महिला घायल हो गई।
युद्ध विराम मॉस्को के समयानुसार बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात को लागू हुआ।
रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर मॉस्को में आयोजित समारोह के मौके पर 72 घंटे के एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। यूक्रेन दीर्घकालिक युद्ध विराम पर जोर दे रहा है।
मार्च में, अमेरिका ने 30 दिन के संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा था, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन रूस ने अपनी पसंद के अनुसार युद्ध विराम की शर्तें रखी थीं।
इस बीच यूक्रेन की संसद ने अमेरिका के साथ ऐतिहासिक खनिज समझौते को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।
इस समझौते के तहत अमेरिका को यूक्रेन के बड़े पैमाने पर अप्रयुक्त खनिजों तक पहुंच मिल जाएगी, जिसके बदले में अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए एक संयुक्त निवेश कोष का बनाएगा।
यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को ने ‘एक्स’ पर लिखा, “यह दस्तावेज महज एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, यह एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार (अमेरिका) के साथ बातचीत के एक नए मॉडल की नींव है।”
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