दुनिया की खबरें: गाजा में युद्ध विराम के दौरान बंधकों के शवों को लेकर अनिश्चितताओं का दौर जारी और 'शटडाउन लंबा...'

तत्कालिक प्रश्नों की सूची में यह भी शामिल है कि हमास गाजा में मृत समझे जाने वाले 28 बंधकों के शव इजराइल को कब लौटाएगा, साथ ही रिहा किए गए बंधकों और कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में भी सवाल पूछे जा रहे हैं।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

दो साल से चल रहे इजराइल-हमास युद्ध में मंगलवार को भी संघर्ष विराम कायम रहा, हालांकि कई जटिल मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं। यह कदम गाजा में बंधक बनाए गए शेष 20 जीवित बंधकों की इजराइल वापसी और बदले में सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई पर व्यापक खुशी के एक दिन बाद उठाया गया है।

तत्कालिक प्रश्नों की सूची में यह भी शामिल है कि हमास गाजा में मृत समझे जाने वाले 28 बंधकों के शव इजराइल को कब लौटाएगा, साथ ही रिहा किए गए बंधकों और कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में भी सवाल पूछे जा रहे हैं।

मृत बंधकों में से केवल चार के शव ही सोमवार को इजराइली अधिकारियों को सौंपे गए- जिनकी रिहाई भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए युद्धविराम समझौते के पहले चरण का हिस्सा है। मंगलवार को इजराइली सेना ने उनमें से दो की पहचान - इजराइल के गाइ इलूज और नेपाल के छात्र बिपिन जोशी- के तौर पर की।

सात अक्टूबर, 2023 को हुए हमले के दौरान जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने उन दोनों को अगवा किया था, तब दोनों की उम्र 20 वर्ष के आसपास थी। इस हमले ने युद्ध को जन्म दिया था - इलूज को नोवा संगीत समारोह से और जोशी को एक बम आश्रय स्थल से अगवा किया गया था।

इजराइल ने कहा कि इलूज की मौत उचित चिकित्सा उपचार के बिना बंदी बनाए जाने के दौरान हुए घावों के कारण हुई, जबकि जोशी की युद्ध के पहले महीनों में बंदी बनाकर हत्या कर दी गई थी। इजराइल कहा कि नेशनल सेंटर ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन मौत के अंतिम कारण के बारे में बाद में जानकारी देगा।

मुक्त किये गये इजराइली बंधकों को मंगलवार को चिकित्सा देखभाल दी गयी तथा कुछ परिवारों ने कहा कि इन लोगों को घर जाने में कई सप्ताह लग जायेंगे। पश्चिमी तट और गाजा में जहां सैकड़ों कैदियों को रिहा किया गया, वहीं कई को अस्पताल भी ले जाया गया।

सरकारी शटडाउन लंबा खिंच सकता है: स्पीकर जॉनसन

रिपब्लिकन पार्टी से स्पीकर माइक जॉनसन ने सोमवार को कहा कि संघीय सरकार का ‘शटडाउन’ (सरकारी वित्तपोषण रुकने से कामकाज ठप होना) अब तक का सबसे लंबा ‘शटडाउन’ हो सकता है।

जॉनसन ने कहा कि जब तक डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित अपनी मांगों को नहीं छोड़ते और इसे (वित्त पोषण) पुन: शुरू नहीं करते, तब तक वह उनके साथ ‘‘बातचीत नहीं करेंगे’’।

‘शटडाउन’ के 13वें दिन ‘कैपिटल’ (अमेरिकी संसद भवन परिसर) में स्पीकर ने कहा कि उन्हें ट्रंप प्रशासन द्वारा बर्खास्त किए जा रहे हजारों संघीय कर्मचारियों के विवरण की जानकारी नहीं है। यह एक बेहद असामान्य सामूहिक छंटनी है जिसे व्यापक रूप से सरकार के दायरे को सीमित करने के लिए ‘शटडाउन’ का लाभ उठाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है।

उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ‘‘सख्त’’ कटौतियों की चेतावनी दी है जो और पीड़ादायक हो सकती है। वहीं, कर्मचारी संघ मुकदमा कर रहे हैं।

जॉनसन ने कहा, ‘‘हम अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे ‘शटडाउन’ की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।’’

‘शटडाउन’ पर कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा जिसके कारण इसके लंबे समय तक जारी रहने की उम्मीद है। सरकारी वित्तपोषण रुकने से हुए ‘शटडाउन’ के कारण नियमित सरकारी कामकाज ठप पड़ गया है, स्मिथसोनियन संग्रहालय और अन्य ऐतिहासिक सांस्कृतिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं और हवाई अड्डों पर उड़ानों में व्यवधान के कारण अफरा-तफरी मच गई है जिससे पहले से ही अनिश्चित अर्थव्यवस्था में और अनिश्चितता पैदा हो गई है।

जॉनसन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस हफ्ते सैन्य कर्मियों का वेतन सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सोमवार को पुष्टि की कि तटरक्षक बल को भी वेतन मिल रहा है।

यह शटडाउन एक अक्टूबर को तब शुरू हुआ जब डेमोक्रटिक पार्टी के सदस्यों ने अल्पकालिक वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और मांग की कि विधेयक में ‘अफोर्डेबल केयर एक्ट’ के तहत स्वास्थ्य बीमा के लिए संघीय रियायत का विस्तार शामिल किया जाए।


वेनेजुएला में मूसलाधार बारिश के बाद खदान ढहने से 14 लोगों की मौत

वेनेजुएला के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के बाद बोलिवर राज्य के शहर एल कैलाओ में एक खदान ढहने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

बोलिवर राज्य में ‘ऑपरेशनल जोन फॉर डैमेज असेसमेंट एंड नीड्स एनालिसिस’ (जोएडन) के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल ग्रेगोरी गोंजालेज एसवेडो के नेतृत्व में ‘‘शवों को निकालने के अभियानों का समन्वय’’ किया जा रहा है और इसके लिए एक कमांड पोस्ट स्थापित की गई है।

एजेंसी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बयान में बताया कि काराकस से लगभग 850 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में एल कैलाओ शहर में स्थित ‘‘क्यूआत्रो एस्क्विनास डी कैरेटल’’ खदान के तीन अलग-अलग शाफ्टों में ये घटनाएं हुईं।

बयान में कहा गया है कि खोज और बचाव अभियान ‘‘पंप के जरिए पानी निकालकर जल स्तर को कम करने और फिर सोने की खदान के अंदर फंसे लोगों के लिए बचाव प्रयासों का मूल्यांकन’’ करने के साथ शुरू हुआ।

एल कैलाओ के अग्निशामकों ने सोशल मीडिया पर बताया कि मृतकों की संख्या अन्य खनिकों के बयानों पर आधारित है। बाढ़ के कारण ये खदानें ढह गईं।

एल कैलाओ एक ऐसा शहर है जहां लोगों की आजीविका सोने के खनन पर निर्भर है। यहां रहने वाले 30,000 लोगों में से अधिकतर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खनन में भाग लेते हैं। वेनेज़ुएला में तांबे, हीरे और अन्य कीमती धातुओं का भंडार है।

बांग्लादेश में लगातार तीसरे दिन शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी, चेतावनी दी, 'नहीं माने तो सचिवालय तक करेंगे मार्च'

बांग्लादेश के मासिक वेतन आदेश (एमपीओ) योजना के तहत सूचीबद्ध गैर-सरकारी संस्थानों के कई शिक्षकों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे सचिवालय की ओर मार्च करेंगे। ढाका में चल रहा धरना प्रदर्शन मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, उनकी मुख्य मांगों में 20 प्रतिशत मकान किराया भत्ता, 1,500 बांग्लादेशी टका का चिकित्सा भत्ता और कर्मचारियों के लिए 75 प्रतिशत त्यौहार बोनस शामिल हैं।

यह विरोध प्रदर्शन राजधानी के केंद्रीय शहीद मीनार में एमपीओ से संबद्ध शिक्षा राष्ट्रीयकरण गठबंधन के बैनर तले आयोजित किया गया।

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट बीडीन्यूज 24 ने गठबंधन के सदस्य सचिव, दिलवर हुसैन अजीजी के हवाले से कहा, "जब तक शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए आवास भत्ता मूल वेतन का 20 प्रतिशत, एमपीओ के तहत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए चिकित्सा भत्ता 1,500 टका और एमपीओ के तहत कर्मचारियों के लिए त्यौहार भत्ता उनके वेतन का 75 प्रतिशत निर्धारित करने वाली अधिसूचना जारी नहीं हो जाती, तब तक हम सड़क पर जमे रहेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "देश भर के सभी एमपीओ-सूचीबद्ध शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक काम नहीं कर रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र पूरी तरह ठप और गतिहीन हो गया है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, शिक्षक और कर्मचारी किसी भी कक्षा या शैक्षणिक गतिविधि में भाग नहीं लेंगे।"

बांग्लादेशी बंगाली दैनिक प्रोथोम आलो से बात करते हुए, अजीजी ने कहा, "हमने शिक्षा सलाहकार के चर्चा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। हमारी एकमात्र मांग आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना है। अब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है।"

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