सरकार की तरफ से बातचीत के न्योते पर पहलवान साक्षी मलिक की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?

पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विरोध करने वाले पहलवानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महिला पहलवानों के साथ हुए कथित यौन शोषण के मुद्दे पर चौतरफा घिरी केंद्र की मोदी सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। यही वजह है कि केंद्रीय खेल मंत्री ने पहलवानों को बातचीत के लिए न्योता दिया है। इस पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रही पहलवान साक्षी मलिक की प्रतिक्रिया सामने आई है।

पहलवान साक्षी मलिक ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विरोध करने वाले पहलवानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे। जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम सहमत होंगे। ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात से सहमत होकर अपने विरोध-प्रदर्शन को खत्म कर देंगे। बैठक के लिए अभी तक कोई समय तय नहीं हुआ है।


इस बीच पहलवान बजरंग पूनिया दिल्ली में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि अनुराग ठाकुर द्वारा पहलवानों को बातचीत के लिए न्योता दिए जाने के बाद बजरंग पुनिया खेल मंत्री के आवास पर पहुंचे हैं।

इससे पहले ट्वीट कर कहा था, ''सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।'' इससे पहले शनिवार को भी पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।


भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का गंभीर आरोप है। पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई बड़े पहलवान बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने तक धरने पर बैठे रहे। बाद में दिल्ली पुलिस वहां से पहलवालनों को हटा दिया, साथ ही वहां से पहलवानों के टेंट भी उखाड़ दिए। बृजभूषण पर पहलवानों ने सैकड़ों लड़कियों के शोषण का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आलम यह था कि सुप्रीम कोर्ट के दबाव से पहले इस मामले में दिल्ली पुलिस एफआईर भी दर्ज नहीं कर रही थी।

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