पहलवानों ने रेलवे की ड्यूटी ज्वाइन की, साक्षी ने प्रदर्शन से हटने की खबरों का किया खंडन, कहा- लड़ाई जारी

आंदोलन से हटने की चल रही खबरों का साक्षी मलिक ने पूरी तरह से खंडन किया और कहा कि खबर पूरी तरह से गलत है। हममें से कोई भी पीछे नहीं हटा है। हम न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस बीच मैं रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं।

पहलवानों ने रेलवे की ड्यूटी ज्वाइन की
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नवजीवन डेस्क

यौन उत्पीड़न के आरोपी कुश्ती संघ प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से ज्वाइन कर ली है। हालांकि, पहलवान साक्षी ने आंदोलन से हटने की खबरों का खंडन किया है और कहा है कि लड़ाई जारी रहेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर रेलवे मुख्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने 31 मई को बड़ौदा हाउस कार्यालय में अपनी ड्यूटी फिर से ज्वायन कर ली। इससे एक दिन पहले साक्षी, विनेश और बजरंग गंगा में अपने अंतर्राष्ट्रीय पदकों को विसर्जित करने पहुंचे थे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत समेत कई लोगों के अनुरोध पर उन्होंने उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने पदक किसान नेताओं को सौंप दिए।


सोमवार को साक्षी मलिक ने भी रेलवे की अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने की पुष्टि कर दी है। साथ ही इसे लेकर उनके आंदोलन से हटने की चल रही खबरों का उन्होंने पूरी तरह से खंडन किया और कहा कि खबर पूरी तरह से गलत है। हममें से कोई भी पीछे नहीं हटा है। हम न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस बीच मैं रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं।

इससे पहले, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने विरोध से संबंधित मामले पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्री के साथ अपनी चिंता साझा की। बैठक लंबी चली और उन्होंने सब कुछ सुना। लेकिन 'अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ'। हालांकि, इस बैठक के बाद पहलवानों ने अपनी ड्यूटी ज्वायन कर ली है।


बजरंग, साक्षी और विनेश अप्रैल से ही पहलवानों के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 28 मई को नए संसद भवन के बाहर महापंचायत करने के लिए कूच कर रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और विरोध स्थल जंतर मंतर पर लगे उनके टेंट उखाड़ दिए थे।

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