योगी की पुलिस ने लॉकडाउन में सब्जी बेचने वाले युवक के साथ की बर्बरता! मौत के बाद परिजनों का हंगामा, केस दर्ज

उत्तर प्रदेश में पुलिस की निरंकुशता का आलम यह है कि उन्नाव पुलिस ने एक युवक फैसल को सिर्फ इसलिए पीट-पीट कर मार डाला क्योंकि वो अपने परिवार का पेट पालने के लिए लॉकडाउन में सब्जी बेच रहा था। फैसल की मौत के उन्नाव में लोगों ने सड़कों पर उतर कर हंगामा किया।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच यूपी के उन्नाव से पुलिस की बर्बरता वाली घटना सामने आई है। इस घटना में एक सब्जी विक्रेता युवक की मौत हो गई है। इस मामले में हंगामा को देखते हुए उन्नाव के एएसपी ने दो आरक्षी और एक होमगार्ड को नामजद किया गया है, तीनों को निलंबित कर दिया है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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दरअसल उत्तर प्रदेश में पुलिस की निरंकुशता का आलम यह है कि उन्नाव पुलिस ने एक युवक फैसल को सिर्फ इसलिए पीट-पीट कर मार डाला क्योंकि वो अपने परिवार का पेट पालने के लिए लॉकडाउन में सब्जी बेच रहा था। फैसल की मौत के उन्नाव में लोगों ने सड़कों पर उतर कर हंगामा किया। इसके बाद आरोपी दो सिपाही और एक होमगार्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।


फोटो: आस मोहम्मद कैफ
फोटो: आस मोहम्मद कैफ

एएसपी शशि शेखर के अनुसार लॉकडाऊन के अनुपालन में एक युवक को थाने लाया गया था जहां उसकी तबियत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। वादी की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है। दो आरक्षी और एक होमगार्ड को नामजद किया गया है, तीनों को निलंबित कर दिया गया है।

एएसपी शशि शेखर के मुताबिक सब्जी मंडी से खबर आई थी कि वहां लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। जिसका पालन कराने के लिए पुलिस टीम वहां गई थी। जहां से वो एक युवक को थाने ले लेकर आई। यहां आकर उसकी तबियत खराब हो गई और वो गिर गया। यह कोतवाली के सीसीटीवी फुटेज में आ रहा है।

मृतक युवक फैसल उन्नाव के भटपुरी इलाके में रहता था। शुक्रवार को वो यहीं पास के कस्बे बांगरमऊ सब्जी बेच रहा था। उसके परिजनों के अनुसार दो सिपाहियों और एक होमगार्ड ने उसकी लॉकडाऊन में बाहर सब्जी बेचने को लेकर पिटाई कर दी। उसके बाद पुलिस उसे थाने भी ले गई। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने वहां भी फैसल की पिटाई की। वहां तबियत बिगड़ने पर पुलिस ही युवक को अस्पताल लेकर गई मगर वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस फैसल के शव को अस्पताल में छोड़ कर भाग गई।

इसके बाद गुस्साए लोग सड़कों पर उतर गए और स्थानीय पुलिस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। परिजनों ने हरदोई उन्नाव मार्ग को भी जाम कर दिया। इस दौरान परिजनों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें भी हुई। घंटों तक यह हंगामा चलता रहा। इसके बाद एएसपी शशि शेखर ने बताया कि उन्होंने होमगार्ड को बर्खास्त कर दिया गया है और दोनों सिपाहियों को भी निलंबित कर दिया है। देर रात लगभग 11 बजे आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया इसके बाद परिजन शांत हुए।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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मृतक युवक फैसल के चाचा मोहम्मद मेराज के मुताबिक, उनका बेटा बांगरमऊ कस्बे मे सब्जी बेच रहा था। कोतवाली पुलिस के सिपाही विजय चौधरी, सीमावत और होमगार्ड सत्यप्रकाश ने फैसल को बाजार में सबके सामने थप्पड़ मारा और उसके बाद उसे बुलेट पर बिठाकर थाने ले गये जहां उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

फैसल के एक परिजन इकराम ने बताया कि यहां आंशिक लॉकडाउन है और सब्जी आवश्यक वस्तु है तब भी पुलिसकर्मियों को फैसल पर इतना गुस्सा क्यों आया कि उसे पीट कर मार दिया। अब पुलिस कह रही है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। उसे कस्बे के बाजार से सभी के सामने पुलिसकर्मियों ने अपनी बुलेट पर बिठाकर थाने ले जाया गया। आंशिक लॉकडाउन के दौरान तमाम लोगों ने यह देखा। फैसल वहां अकेला नहीं था। दूसरे लोग भी सामान वगैरह बेच रहे थे। इन पुलिसकर्मियों को फिर से वर्दी नहीं मिलनी चाहिये। ये तीनों क़ातिल है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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उन्नाव में मृतक के परिजनों से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी फोन पर बात की और परिवार की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

पूर्व विधायक बबलू खान के अनुसार पुलिस इस मामले में पूरी तरह दोषी दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि लॉकडाउन के दौरान परिवार खाना कैसा खायेगा। सब्जी बेचना कोई अपराध नही है। सरकार न तो इलाज दे पा रही है और न ही वो गरीबों को रोटी दे पा रही है। इन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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