शादी नहीं, युवाओं के लिए अर्थपूर्ण रिश्ता है महत्वपूर्ण, डेटिंग ऐप से होती है यह जरूरत पूरी: सर्वे

एसोचैम द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि भारत के युवा वैवाहिक साइटों और विज्ञापनों के बजाय मोबाइल डेटिंग एप और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से जुड़ना ज्यादा पसंद करते हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय युवा वैवाहिक साइटों और विज्ञापनों के बजाय मोबाइल डेटिंग एप और सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से लोगों से जुड़ना ज्यादा पसंद करते हैं। एसोचैम द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। एसोचैम ने सर्वेक्षण के हवाले से बताया कि "कुल उत्तरदाताओं में से करीब 55 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने निर्धारित मानदंडों और परंपराओं से हटकर अनौपचारिक डेटिंग, अर्थपूर्ण संबंधों के लिए डेटिंग ऐप का इस्तेमाल किया।"

एसोचैम के सोशल मीडिया शाखा ने चार मेट्रो शहर समेत 10 बड़े शहरों में 20 से 30 साल की आयुसीमा के 1,500 लोगों पर एक जनवरी से 10 फरवरी के बीच यह सर्वे किया था। इस सर्वे में कहा गया है कि उत्तरदाताओं में से ज्यादातर लोगों का मानना था कि ये ऐप सुरक्षित हैं, क्योंकि इससे उन्हें अनामिकता की अनुमति मिलती है, भले ही उनके पास उसे दिखाने का विकल्प हो।"

फोटोः सोशल मीडिया
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युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं डेटिंग ऐप

एसोचैम के प्रधानसचिव डी.एस. रावत ने सर्वेक्षण के बारे में कहा कि निकट भविष्य में डेटिंग एप को और ज्यादा प्रसिद्धि मिलेगी, क्योंकि यह ऑनलाइन लोगों से मिलने और उनके साथ जुडने के अवसरों की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा, "फिलहाल यह उद्योग एक नवोदित स्तर पर है और इसका टर्नओवर 500 करोड़ रुपये का भी नहीं है, लेकिन भारत मे बढ़ती युवाओं की संख्या ऑनलाइन डेटिंग को ज्यादा पसंद कर रही है और आने वाले दिनों में यह करोड़ों का उद्योग बन जाएगा।"

ये मोबाइल ऐप विशेषकर डेटिंग के लिए ही बनाए गए हैं। आमतौर पर युवा इन ऐप पर अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल का ही इस्तेमाल करते हैं। वे अपने अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिये इन ऐप से जुड़कर अपने आपको और अधिक विश्वसनीय बनाते हैं। यह सर्वे अहमदाबाद, बेंगलुरू, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में किया गया।

सर्वे में 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इन ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि वे लंबे समय तक साथ निभाने वाला पार्टनर ढूंढने के लिए गंभीर थे। सर्वे में शामिल अन्य 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे डेटिंग के अलावा लोगों से सामाजिक रूप से संपर्क बनाने के लिए इन ऐप का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, सर्वे में शामिल 10 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्हें इन ऐप के बारे में कई जानकारी नहीं थी।

इन ऐप का इस्तेमाल करने वाले एक शख्स ने कहा कि अपने जीवनसाथी को तलाशने के लिए किसी मैट्रीमोनियल साइट या विज्ञापन की बजाय वे फ्री डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करेंगे। सर्वे में शामिल बहुत सारे लोगों ने कहा कि अरेंज मैरेज का चलन काफी पुराना हो गया है। इनमें से ज्यादातर लोगों ने कहा कि इन ऐप पर उम्र, वजन, लुक रंग, रुचि, काम, जीवनशैली के आधार पर परखना आसान होता है।

यह पूछे जाने पर कि वे क्यों और क्यों नहीं इन डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, तो सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने कहा कि ये ऐप सुरक्षित हैं, क्योंकि यह लोगों को अपनी पहचान छिपाए रखने का विकल्प देती है। हालांकि इन ऐप में अपने आप को पूरे तौर पर जाहिर करने का भी विकल्प होता है। ज्यादातर युवाओं ने माना कि ये ऐप उन्हें आजादी और सुरक्षा दोनों देते हैं।

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