विष्णु नागर का व्यंग्यः विपक्षी एकजुटता पर हमलावर मोदी जी तो फकीर हैं, वह तो मुख्यमंत्री बनकर ही खुश थे!

पीएम मोदी कहते हैं कि उनके प्रति नफरत ही विपक्ष को एकजुट कर रही है। अच्छा जी! ऐसा है क्या? तब तो आप भी मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से नफरत करते थे, इसीलिए आपने प्रधानमंत्री बनना चाहा था, वरना आप तो फकीर आदमी हैं, आप तो मुख्यमंत्री बनकर ही खुश थे!

फोटोः सोशल मीडिया
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विष्णु नागर

मोदी जी कहते हैं (और अरुण जेटली जैसे उनके सत्ता भक्त भी ) और कम से कम एक बात तो सौ टका सही कहते हैंं कि विपक्ष मुझे हटाना चाहता है। हां जी जरूर हटाना चाहता है! इसमें कोई शक ही नहीं है और विपक्ष उन्हें कई कारणों से हटाना चाहता है। एक कारण यह भी  है कि मोदी जी यह भूल गए हैं कि वह अब 68 साल के हो चुके हैं यानी बुजुर्ग हो चुके हैं और 18-18 घंटे लगातार ड्रेस बदल-बदलकर और फेंका-फेंकी करके बहुत अधिक थक चुके हैं।

उनके स्वास्थ्य का खयाल, उनके अपने भले के लिए, विपक्ष ही नहीं रखेगा तो फिर कौन रखेगा? क्या संघ-परिवार, क्या बीजेपी? कतई नहीं! इसलिए विपक्ष उन्हें भूतपूर्व प्रधानमंत्री के बंगले में आराम करने का मौका देना चाहता है। वह चाहता है कि मोदी जी ने सत्ता का पर्याप्त भोग कर  लिया है! वह16-17 साल से लगातार भोग ही भोग करते आ रहे हैं! बेचारे को पचाने का समय नहीं मिला, जिससे उन्हें अजीर्ण हो गया है। इसलिए उन्हें पचाने का पर्याप्त समय मिलना चाहिए। मिलना चाहिए न, भाइयों-बहनों! तो मोदी जी सब कुछ आपके हित में ही किया जा रहा है, इसलिए नहीं कि विपक्ष आपसे नफरत करता है।

और वैसे भी विपक्ष का काम तो दिल्ली विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्रीधारी महोदय, हमेशा से चुनाव के जरिए सत्तारूढ़ दल को हटाना ही होता है, या नहीं होता है? जहां तक दुनिया जानती है, आप का तो ‘सुनहरा’ रिकार्ड रहा है कि आप गोवा समेत दूसरे राज्यों में बहुमत प्राप्त दल को भी सरकार नहीं बनाने देते। वहां भी अपनी सरकार बना लेते हैं, जहां जनता ने नकार दिया होता है। यहां तक कि जहां दो सीटें मिलती हैं, वहां भी झटपट सरकार अपनी पार्टी के गठबंधन की बना लेते हैं!

अभी आपकी पार्टी कर्नाटक की सरकार को भी दलबदल करवाकर गिराने में लगी  थी, नाकामयाबी मिली। उधर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के बारे में आपके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय आदि कह चुके हैं कि हम जब चाहें यह सरकार गिरा सकते हैं। बस ऊपर से इशारा मिलना चाहिए। आपकी नजर राजस्थान पर भी लगी ही होगी कि वहां की सरकार को भी कैसे गिरा दें!

और आप यानी आप ही यह कह रहे हैं कि विपक्ष मुझे हटाना चाहता है? तो क्या बैठाए रखें आपको प्रधानमंत्री की गद्दी पर आजीवन और विपक्षी दलों की सरकारों को हड़पने का मौका देता रहें? और अपना और देश का नाश करने का मौका देते रहें ? और हां याद आया,आप तो शायद मनमोहन सिंह को हटाकर नहींं बने थे प्रधानमंत्री! आप तो उन्हें बिना हटाए ही बन गए थे न! और 1977 में जनता पार्टी भी इंदिरा गांधी को सत्ता से हटाकर नहींं बल्कि उन्हें कुर्सी पर बैठाकर सत्ता में आई थी! और हां विश्वनाथ प्रताप सिंह भी राजीव गांधी को हटाकर नहीं बने थे प्रधानमंत्री। और अटल जी भी तो कहां किसी को हटाकर प्रधानमंत्री बने थे? क्यों मोदी जी सच है न!

क्या मान लें कि आप बहुत ही भोले हैंं मोदी जी? राजनीति की गोद में पलते एकदम दूध पीते बच्चे हैं, वरना ऐसी बेसिर-पैर की बात आप नहीं कर सकते थे! आप तो विदेश ही घूमते रहे  हैं। वैसे किस देश में आपको ऐसा लोकतंत्र मिला है, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का काम सत्तापक्ष को जिताना होता है? है कोई ऐसा मुल्क?

मोदी जी कहते हैं कि उनके प्रति नफरत ही विपक्ष को एकजुट कर रही है। अच्छा जी! ऐसा है क्या? आप भी मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से नफरत करते थे, इसीलिए आपने प्रधानमंत्री बनना चाहा था वरना आप तो फकीर हैं, आप तो मुख्यमंत्री बनकर ही खुश थे!

और माननीय आपको हटाने में जनता की, वोटर की तो कोई भूमिका होगी नहीं, सिर्फ विपक्ष आपके खिलाफ नफरत फैलाएगा और आप और आपकी पार्टी की हार हो जाएगी! आपकी पार्टी तो बगैर वोटर के समर्थन के ही सत्ता में आ गई थी और आप प्रधानमंत्री बन गए थे! ऐसा ही हुआ था न परम-चरम मोदी जी! अरे प्रेस कांफ्रेंस मत करो मगर ‘मन की बात’ में ही कह दो कि यह लेखक जो कह रहा है, बिल्कुल सच है!

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