दिल्ली में पूर्वांचली को बाहर कर वैश्य को कमान सौंप बीजेपी ने दिए जड़ों की तरफ लौटने के संकेत

मनोज तिवारी की जगह आदेश कुमार गुप्ता को दिल्ली अध्यक्ष बनाकर संदेश दिया है कि बीजेपी अपनी जड़ों की तरफ लौट रही है। वैसे भी दिल्ली की राजनीति में वैश्य बिरादरी का दबदबा रहा है। कांग्रेस के जे पी अग्रवाल और आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी वैश्य ही हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में बीजेपी ने दिल्ली को लेकर एक हैरान कर देने वाला फैसला लेते हुए मनोज तिवारी को दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया। साथ ही अपनी जड़ों की तरफ वापसी करते हुए वैश्य समाज से आने वाले जमीनी नेता आदेश कुमार गुप्ता को दिल्ली बीजेपी की कमान सौंप दी। हालांकि मौजूदा हालात में इस तरह के फैसले की किसी ने कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन बीजेपी दिल्ली के साथ ही मणिपुर और छत्तीसगढ़ के अपने अध्यक्ष बदलने का ऐलान कर दिया। इन तीनों में दिल्ली के अध्यक्ष पद से मनोज तिवारी को हटाया जाना हैरान करता है, लेकिन इससे भी ज्यादा आदेश गुप्ता को कमान सौंपे जाने को आश्चर्य से देखा जा रहा है। एमसीडी पार्षद और उत्तरी दिल्ली के पूर्व मेयर आदेश गुप्ता को दिल्ली बीजेपी के प्रभारी श्याम जाजू का करीबी माना जाता है।

वैसे मनोज तिवारी का दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष पद पर कार्यकाल पिछले साल नवंबर में खत्म हो चुका था लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी नहीं बनाया था। बीते कुछ साल के दौरान दिल्ल में आबादी के लिहाज से कुछ सामाजिक परिवर्तन देखने को मिले हैं और दिल्ली की आबादी में यूपी और बिहार के लोगों की संख्या निर्णायक रूप से बढ़ी है। ऐसे में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली वोटरों पर नजर रखते हुए पूर्वांचली मनोज तिवारी को अध्यक्ष तो बनाए रखा लेकिन पार्टी को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। इसका बड़ा कारण दिल्ली में की केजरीवाल सरकार के पक्ष में लोगों का रुझान था, साथ ही यह भी वास्तविकता है कि आम आदमी पार्टी के भी काफी विधायकों का संबंध पूर्वांचल यानी यूपी और बिहार से है।

दिल्ली बीजेपी प्रभारी श्याम जाजू के नजदीकी समझे जाने वाले आदेश कुमार गुप्ता वैश्य समाज से आने वाले बीजेपी के चौथे बड़े नेता हैं। केंद्री मंत्री डॉ हर्षवर्धन के माता-पिता गोयल हैं, और डॉ हर्षवर्धन वैश्य समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी वैश्य नेता है वहीं दिल्ली में विधायक विजेंद्र गुप्ता भी वैश्य समाज के नेता हैं। विजेंद्र गुप्ता दिल्ली बीजेपी के तीन बार अध्यक्ष भी रहे हैं और तीन बार पार्षद भी रह चुके हैं। उनकी गिनती दिल्ली में बड़े वैश्य नेताओं में होती है। लेकिन आदेश कुमार गुप्ता का दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बनने से विजय गोयल की राजनीतिक दिक्कतें बढ़ सकती हैं क्योंकि एक वैश्य को दिल्ली बीजेपी की कमान सौंपकर केंद्रीय नेतृत्व ने इन सभी नेताओं को एक संदेश दे दिया है।


दिल्ली बीजेपी वैसे तो हमेशा बनियों और पंजाबियों की पार्टी मानी जाती रही है। हालांकि शुरुआत में पार्टी पर पंजाबियों और वह भी शरणार्थी पंजाबियों का दबदबा रहा। पार्टी खुराना, मल्होत्रा और साहनी की तिकड़ी के नाम से जानी जी थी। मदन लाल खुराना सीएम बने, विजय मल्होत्रा केंद्रीय मंत्री बने और केदारनाथ साहनी राज्यपाल। इस तिकड़ी के बाद वैसे तो जाट नेता साहिब सिंह वर्मा और गुर्जर नेता रमेश बिधूड़ी का काफी दबदबा रहा, लेकिन बुनियादी तौर पर दिल्ल बीजेपी में बनिए ही सबसे ताकतरवर और प्रभावशाली रहे। इसीलिए बीजेपी ने मनोज तिवारी की जगह आदेश कुमार गुप्ता को दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष बनाकर साफ संदेश दे दिया है कि वह अपनी बुनियादी जड़ों की तरफ लौट रही है।

वैसे भी दिल्ली की राजनीति में वैश्य बिरादरी का दबदबा रहा है। कांग्रेस जे पी अग्रवाल और आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ राज्य सभा सांसद भी वैश्य ही हैं।

आदेश कुमार गुप्ता के सामने फिलहाल कोई बड़ी राजनीतिक चुनौती नहीं है, क्योंकि दिल्ली में अभी कोई चुनाव नहीं होने वाला है। एमसीडी चुनाव में भी समय है और वैसे भी एमसीडी के वार्ड छोटे होने के चलते बीजेपी जीतती ही रही है। इसके अलावा एमसीडी चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी की साख भी बदलेगी। इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू का नजदीकी होने के चलते आदेश गुप्ता को किसी असंतोष से भी दो-चार नहीं होना पड़ेगा।

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