यौन हिंसा की बड़ी वजह है शराब, 50 प्रतिशत अपराधों में नशे में होता है हमलावर

संयुक्त राज्य अमेरिका में 1400 कॉलेज विद्यार्थी एल्कोहल से जुड़ी दुर्घटनाओं में मर जाते हैं, 5 लाख जख्मी होते हैं और 70 हजार छात्राएं शराब के नशे से जुड़े यौन हमलों का शिकार होती हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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भारत डोगरा

दुनिया भर से आ रहे अध्ययनों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि विभिन्न अपराधों विशेषकर यौन अपराधों की वृद्धि में शराब और अन्य तरह के नशों की बहुत बड़ी भूमिका है। कुछ वर्ष पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी जिसे हिंसा और स्वास्थ्य पर विश्व रिपोर्ट (हिंस्व रिपोर्ट) का शीर्षक दिया गया था।

हिंस्व रिपोर्ट के अनुसार यौन हिंसा के मामलों में हमलावर के संदर्भ में और जिस पर हमला हुआ है उसके संदर्भ में भी यह कहा जा सकता है कि एल्कोहल और नशीली दवा के उपभोग से बलात्कार सहित यौन हमले और हिंसा की संभावना बढ़ जाती है।

विभिन्न देशों में होने वाले अध्ययनों में यह महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि 50 प्रतिशत से अधिक यौन हिंसा और हमलों में शराब और नशीली दवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

एंटोनिया ऐबी, टीना जवाकी और अन्य विशेषज्ञों ने ‘एल्कोहल और यौन हमले’ शीर्षक से संयुक्त राज्य अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ एल्कोहल एब्यूज और एल्कोहोलिज्म’ के लिए एक अनुसंधान पत्र में उन्होंने इस विषय के व्यापक अध्ययन के आधार पर लिखा है, “हिंसक अपराधों में कम से कम आधे अपराधों में पाया गया है कि हमला करने वाले, हमले के शिकार, इन दोनों में से एक या दोनों व्यक्ति शराब के नशे में थे। यौन हिंसा की भी यही स्थिति है। अलग-अलग स्थानों के अध्ययनों में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि लगभग दो में से एक यौन हमले उन पुरुषों द्वारा किए गए जो शराब के नशे में थे।”

इन अनुसंधानकर्ताओं ने बताया है कि नशे में व्यक्ति को यह ध्यान नहीं रहता है कि उसके अनुचित व्यवहार के उसके और महिला के लिए क्या परिणाम होंगे और उसे यह भी ध्यान नहीं रहता है कि उसके लिए कैसा व्यवहार उचित है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया है कि नशे में किए गए यौन हमलों में सामान्य यौन हमलों की अपेक्षा अधिक क्षति की या अधिक गंभीर चोट लगने की संभावना रहती है।

मार्टिन और हमर के एक अन्य चर्चित अनुसंधान पत्र में बताया गया है कि अनेक सामाजिक पार्टियों और समारोहों में महिलाओं पर शराब पीने के लिए दबाव बनाया जाता है जिससे उनसे यौन शोषण में आसानी हो।

संयुक्त राज्य अमेरिका में कालेजों में शराब पीने से जुड़ी समस्याओं पर गठित राष्ट्रीय कार्य दल ने बताया कि प्रति वर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका में 1400 कॉलेज विद्यार्थी एल्कोहल से जुड़ी दुर्घटनाओं में मर जाते हैं, 5 लाख जख्मी होते हैं और 70 हजार छात्राएं शराब के नशे से जुड़े यौन हमलों का शिकार होती हैं।

इस विषय पर तेस्ता और लिविंगस्टोन के अध्ययन में बताया गया है कि शराब और नशीली दवाओं की भूमिका के कारण बलात्कार और यौन हिंसा का शिकार बनी अनेक महिलाओं को यह ठीक से पता ही नहीं चल पाता है कि उनसे क्या किया गया है या इस बारे में उनकी याद बहुत कम होती है। इससे यह संभावना भी पता चलती है कि कुछ नशीली दवाओं को शराब या किसी अन्य ड्रिंक में मिलाकर महिलाओं को पिला दिया जाता है। इस तरह की कुछ विशिष्ट नशीली दवाओं का प्रचलन भी हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है।

अनेक देशों में बहुत कच्ची उम्र में ही शराब पीने की प्रवृत्ति बहुत बढ़ चुकी है जो विशेषकर धीरे-धीरे बहुत छककर पीने में प्रकट होती है जिसे बिंज ड्रिकिंग कहा जाता है। यह बिंज ड्रिकिंग मस्तिष्क के लिए विशेष हानिकारक मानी गई है। जो कच्ची उम्र में बिंज ड्रिकिंग करते हैं उन्हें आगे चलकर एल्कोहल की लत लगने की संभावना बढ़ जाती है। इंग्लैंड में मात्र 15-16 वर्ष के किशोरों में 33 प्रतिशत के बारे में पता चला कि वे महीने में 3 या अधिक बार बिंज ड्रिकिंग करते हैं। एक अन्य प्रवृत्ति ड्रंकोरेक्सिया विशेषकर काॅलेज की छात्राओं में चल निकली है - छहरापन बनाए रखने के लिए और इसके लिए कैलोरी का उपभोग कम करने के लिए वे बिना भोजन किए शराब का उपभोग करती हैं जो कि और भी अधिक हानिकारक सिद्ध होता है क्योंकि इससे एल्कोहल बहुत शीघ्र ही रक्त में पंहुच जाता है।

विशेषकर युवाओं की हिंसा के संदर्भ में हिंस्व ने कहा है कि हिंसा होने में या उसकी संभावना बढ़ाने में शराब की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। युवा हिंसा पर स्वीडन के एक अध्ययन ने बताया कि हिंसा करने वाले लगभग 75 प्रतिशत व्यक्ति और हिंसा की मार सहने वाले लगभग 50 प्रतिशत व्यक्ति हिंसा की घटनाओं के समय नशे में पाए गए।

हिंस्व रिपोर्ट ने कहा है कि किसी समुदाय में अपराध और हिंसा कम करने की रणनीति में शराब की उपलब्धता कम करने की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

न्यूजीलैंड में किए गए चार वर्ष के अध्ययन में एल्कोहल की कम और अधिक उपलब्धता की भिन्न स्थितियों में अपराधों की दर से तुलना की गई। इस अध्ययन से पता चला कि जहां एल्कोहल की उपलब्धता कम हुई वहां अपराध भी कम हुए।

संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल काउंसिल आॅन एल्कोहलिस्म एंड ड्रग डिपेंडेंस को संक्षेप में नकैड कहा जाता है। नकैड द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में घरेलू अपराध, नशे में कार चलाना, नशीली दवा अपराध और पब्लिक आर्डर अपराध प्रायः जेल जाने का कारण बनते हैं और जेल का कारण बने मामलों में से 80 प्रतिशत में शराब की भूमिका होती है। सभी हिंसक अपराधों में से 40 प्रतिशत में शराब की भूमिका होती है।

सजा सुना दिए गए और जेल में रह रहे 20 लाख अपराधियों में से 37 प्रतिशत ने कहा कि वे अपराध वाली घटना के समय शराब पी रहे थे। किसी अवैध नशीली दवा की अपेक्षा शराब ही सबसे अधिक हिंसक अपराधों (जैसे हत्या, बलात्कार, हमले, बच्चों और पत्नी से दुर्व्यवहार) से जुड़ी पाई गईं। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक वर्ष में 30 लाख हिंसक अपराध ऐसे होते हैं जिनमें हिंसा का शिकार बने व्यक्ति कहते हैं कि हिंसा करने वाले शराब पी रहे थे या उसके नशे में थे। जब एक दूसरे को भली-भांति जानने वाले व्यक्तियों के बीच हिंसा हुई तो इनमें से दो तिहाई मामलों में शराब की भूमिका देखी गई।

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Published: 02 Nov 2018, 6:59 AM