विष्णु नागर का व्यंग्यः मोदी जी को अब खुद के भविष्य की चिंता, लोग भूल न जाएं इसलिए म्यूजियम में खुद को रखेंगे जिंदा!

इंदिरा जी कैसे मरा, या उसको किसने मारा, राजीव गांधी कू बी किसी ने मारा, ये फालतू बात, उनको शहीद बनाने वाला बात, नईं बताने का! रूस मेंं शास्त्री ने समझौता किया होता तो इदर उसका आने पर उसको कौन सा पारटी काला झंडा दिखाने की बात बोला था, ये काय को बताने का!

फोटोः सोशल मीडिया
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विष्णु नागर

मोदी साब अब दिल्ली में पुराना पंतप्रधान साहबोंं का बड़ा सा म्यूजियम बनाएंंगा। मोदी साब का प्राब्लम ये है कि उसको आज से ज्यास्ती कल का फिकर होता। अरे बाबा, मैं इस मुलक के कल की बात नईंं करता, तुमको मालूम नईं क्या,उसको इसका कोई बी फिकर नईं होता। ये मुलक गड्डे में जाए, उसको अपना, अपने कल का फिकर ज्यास्ती होता। आज तो मोदी साब का भोत सेफ है, दूसरे को अनसेफ करके अपना आज सेफ करना, उसको खूब आता। पन हे क्या कि आज अपना चौकस होता तो कल भी तो अपना चौकस होना मंगता कि नई मँंगता!

उसको कल की फिकर होता कि कल तो उसका पोस्टर गल्ली-गल्ली, मोहल्ले-मोहल्ले नईं लगेगा न, न उसका मन का, तन का, धन का बात कोई सुनेंगा तो उसको तो ये मुलक, ये लोक सब भूल जाएंगा और वो कुच बी, कुच बी नई कर सकेंगा! कल पे तो आज के पंतप्रधान का बस नईं होता न, अक्खा का अक्खा तो आज पे बी नईं होता।

मामला है तो भाय, भोत सीरियस। और ये बात सीरियस होता, ये मैं नईंं, वो खुद बोला, पंतप्रधान बोला। क्या नाम है रे उसका बाबा, हां,अरे वो जो बच्चा लोक 2014 में खूब बोलता होता था बार-बार। हां मोदी-मोदी-मोदी-मोदी। मैं तो रे अबीच उसको भूलने को लगा था। मेरे को वो जल्दी बनां देंगा, बोले तो देशद्रोही। अबी तो वो तुमको-हमको आतंकवादी एनाउंस करने का कानून बी बना दियेला है।

तो वो पंतप्रधान बोला कि देश में एक जमात ऐसा होता, जो पुराना पड़ेला प्राइम मिनिस्टर को बदनाम करने की कोशिश करता, उसको भुलाता। और याद करता तो बी तो काय वास्ते याद करता कि वो क्या पीता होता! अरे वो दारूड़िया तो नईं होता न भाय। खुद बनाता और खुद उसकी खपत करता। तुम मेरे को बता सकेंगा, इसमें दिक्कत का क्या बात है! अपना कच्चा माल, अपना फैक्ट्री, अपना मेनत, अपना माल और उसका खपत करने वाला बी खुद। ऐनी, प्राब्लम? नो प्राब्लम!


एक ऐसा पंतप्रधान भी होता था कि उसको पारलियामेंट में ई अच्चा नींद आता था, उसको वो जगह, सोने का बिल्कुल माफिक लगता, तो वो क्या करेंगा? सोना तो इनसान को मंगता हे न भाय। और लोक बी क्या करेंगा, जो पंतप्रधान पार्लियामेंट में सोता देखेंगा तो क्या वो दीवार की तरफ मुंह कर लेगा? उसको सोता नईं देखेंगा? सोचने का बात है।

अब मानो कि कोई पंतप्रधान ऐसा होता, जो अक्खा दिन, अक्खा रात झूठ ही झूठ बोलता, तो बताओ वो क्या करेंगा? सच बोलके क्या मुलक के वासते अपना हाजमा बिगाड़ेंगा? एक्सरसाइज भी करेंगा और हाजमा भी बिगाड़ेंगा, कोई पीएम इत्ता बेवकूफ होता क्या? वो तो झूठ ही बोलेंगा न, भाय। तुम और मैं उसको झूठ बोलने के लिए याद रखना चाएंगा तो वो जमात क्या मुझको इससे रोक सकेंगा?क्या वो ये बोलेंगा कि ऐ इसको फकत नोटबंदी-जीएसटी-मॉबलिंचिंग के लिए याद करने का, 2002 के लिए याद करने का, उसका झूठ पर ऊंगली तुम नईं सिरफ हम उठाएंगा! कोई पुराना पड़ेला पंतप्रधान को किस वास्ते याद करेंगा, ये कोई जमात बताएगा क्या उसको? ऐसा सटकेला बात काय कू करने का! अपना भेजा बी थोड़ा इस्तेमाल करने का! दिमाक लगाने का कि नईं लगाने का भाय!

ये पंतप्रधान वेसे तो जो बी करता, अच्चा करता। पुराना पड़ेला पंतप्रधान का म्यूजियम बनाना अच्चा बात है। उसमें उसका फोटा-वीडियो वगैरा बी बाद को किदर लगेगा, कित्ता लगेगा, ये भी वो जरूर सोच के रखा होंंगा। इससे पता चलता कि इस पंतप्रधान को आज से ये बी मालूम होता कि एक दिन उसको भी कोय रिटायर करके घर बैठने को बोलेंंगा इच बोलेंगा, मार्गदर्शक मंडल में उसकी बी एक कुड़छी लगाएंगा तो उसका फोटू किदर तो बी होना तो मांगता न भाय। वो इस म्यूझियम में लगेंगा।

ये बड़ा बात होता कि उसको पता होता कि वो बी एक दिन रिटायर होएंगा, वरना पंतप्रधान को ये छोटा-मोटा बात किदर याद रहता। अठरा-अठरा घंटा काम करने के बात कौन सोचता कि उसका भी एक दिन रिटायरमेंट होएंगा इच होएंगा। ये भी अच्चा बात होएंगा कि उस म्यूजियम में कौन पंतप्रधान क्या पीता होता, वो पार्लियामेंट में सोता, ऐसा कोई बात उसमें नईं होएंगा। इसका भी बात नईं होएंगा कि दिन का किसी भी टैम वो सच बी बोलता था कि कबी बी नईं बोलता था!। इसका बारे काय कू सबको बताने का! उदर सब अच्चा-अच्चा वीडियो और फोटो होएंगा।


इंदिरा जी कैसे मरा, मरा कि उसको किसने मारा, राजीव गांधी बिस्तर पर मरा या उसकू किसने तो बी मारा, ये फालतू वाला बात, उसको शहीद बनाने वाला बात, लोक को नईं बताने का, उनका टेम फालतू में खोटी नईं करने का! अपना मुलक का इमेज दूसरा मुलक का सामने खराब नईं करने का। उदर रूस मेंं लालबहादुर शास्त्री ने समझौता किया होता तो इदर हवाई अड्डे पर उसका आने पर उसको कौन सा पारटी काला झंडा दिखाने की बात बोला था, ये काय को बताने का!

पर एक बात पक्का है कि जो भी पंतप्रधान हो जाता, वो जवाहर लाल नेहरू सर का ही ग्रेट भी होता, ये मोदी साब प्रूव करके दिखाएंगा। मैं सोचता था कि मैं अब तक पंतप्रधान काय को नहीं बन सका तो आज मेरे को पता पड़ा कि उसका वास्ते आज नेहरू जैसा नईं मगर मोदी जैसा 'ग्रेट' होना मंगता, वो मैं अगले जनम में बी नईं बन सकता और बनेंगा बी नईं। मोदी साहब बी बोलेंगा कि जय श्रीराम बोलने का तो नई बोलेंगा तो नईंच बोलेंगा।

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Published: 28 Jul 2019, 7:59 AM