नेहरू जी पूरे देश को ‘चौकीदार चोर है’ बताने वाले अपने पड़नाती राहुल को समझा दो, वरना... !
माननीय नेहरू जी... हम वे हैं, जो गांधी जी की हत्या पर लड्डू भी बांटते हैं और गांधी जी की समाधि पर 30 जनवरी को शोक की मुद्रा ओढ़कर रघुपति राघव भी गाते हैं।आपको पता नहीं हम क्या थे और आज क्या हो गए हैं और देखते जाइए, क्या-क्या होकर क्या-क्या करेंगे अभी!
![फोटोः सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-03%2Fd94c5244-93d6-4cb9-8941-cb566c29a7e2%2Fmodi_nehru.jpg?rect=62%2C0%2C889%2C500&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
माननीय स्वर्गीय नेहरू जी...
आपको इस प्रधानसेवक, इस चौकीदार का प्रणाम पहुंचे। आगे समाचार यह है कि वैसे तो सब चकाचक और धकाधक है, लेकिन एक प्राब्लम है प्रभो! आपका यह पड़नाती, जिसका नाम राहुल गांधी है, कहता है कि 'चौकीदार चोर है'। वैसे तो 'मैं भी चोकीदार' का नारा भक्तों को लगवाकर सब चोरों को चौकीदार बनाने में लगा हुआ हूं, लेकिन आप ही बताइए कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में चोर को कभी चोर कहा जाता है भला?
आपका पड़नाती इतनी सी बात भी नहीं जानता, यह तो हद है न! आप बहुत पढ़े-लिखे थे, ज्ञानी थे, मैं तो फर्जी डिग्री वाला हूं, फिर भी मुझे इतना पता है और उसे नहीं! खैर अगर कोई चोर को चोर कह दे, उस पर ऊंगली उठा दे तो फौरन चोर को अपने को चौकीदार घोषित कर देना चाहिए और यही किया मैंने।
फिर भी आप राहुल को समझा देते कि बच्चे, मोदी जी को ऐसा नहीं कहते तो अच्छा होता। उससे कह देते कि देखो, मोदी जी, जो भी, जैसे भी हों मगर मेरी तरह, तुम्हारी दादी और तुम्हारे पापा की तरह प्रधानमंत्री हैंं, तो वह शायद मान जाएं। आप तो 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे, मेरे तो अभी जुम्मा-जुम्मा पांच साल ही पूरे हुए हैं। मुझे भी आपकी तरह इतना मौका मिल जाता तो आपकी कृपा होती।
आप ही बताइए आज की तारीख में कौन एक बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर हटना चाहता है? और खासकर मैं हट गया तो मुझे इतनी प्राब्लम हो जाएगी कि क्या बताऊं। आप स्वयं समझदार हैं। आपसे यह निवेदन व्यक्तिगत है, सार्वजनिक नहीं, इसलिए इसे पर्सनल ही रखिएगा। अगर आप जैसा उदार हृदय आदमी भी ऐसा नहीं करेगा तो फिर कौन करेगा- मैं?
तो यह तो पत्र का निवेदन वाला पार्ट हुआ,अब धमकी वाला पार्ट आरंभ करता हूं। अगर आपने मेरा निवेदन नहीं माना तो याद रखिए, आज की तारीख में प्रधानमंत्री मैं हूं, आप नहीं हो। मैं आपको अच्छी तरह देख लूंगा। आप 55 साल पहले मर चुके हैं, फिर भी आपको बर्बाद कर दूंगा। वैसे भी आपको पता होना चाहिए कि मैंने पिछले पांच सालों मेंं आपकी वो गत बनाई है कि आपके दुश्मन ने भी कभी क्या बनाई होगी!
आप पाँँच दशक से भी पहले इस दुनिया से कूच कर चुके, आपकी बेटी इंदिरा भी 35 साल पहले और आपका नाती राजीव भी 27 साल पहले चल बसे। फिर भी मैंंने और संघ ने मिलकर आपको आज तक बख्शा नहीं है क्योंकि आपका पड़नाती (और अब तो पड़नातिन भी) राजनीति के मैदान में हैंं। ये कभी भी मेरे लिए प्रॉब्लम बन सकते हैं।
इसलिए हम आपको गंगाधर नेहरू का नहीं, गयासुद्दीन गाजी नामक किसी कल्पित व्यक्ति का पोता बना देते हैंं, आपको मुसलमान सिद्ध कर देते हैं, जिनसे हमें दिली नफरत किया करते हैंं। हम आपकी पैदाइश रेडलाइट एरिया में बताते हैंं। जो झूठ हम बरसों से फैला रहे थे, उस झूठ को भक्तों के लिए 'व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी' के जरिए हमने इतना बड़ा सच बना दिया है कि उससे बड़ा सच कुछ और हो नहीं सकता!
और भी बताऊं, तो धीरज से सुनिए हमने आपके बारे में दुष्प्रचार के लिए कुछ वेबसाइटें भी खोल रखी हैं, जो आपकी 'अविरत सेवा' करती रहती हैं। हमने एक तथाकथित इतिहासकार के जरिए आपकी आत्मकथा में यह तक लिखा हुआ बता दिया है कि आप शिक्षा से अंग्रेज, संस्कृति से मुस्लिम और संयोग से हिंदू थे। और भी सुनेंगे एक संन्यासिन से आपको एक बेटा हुआ था, यह तक बता दिया है।
हम वे हैं, जो गाँधीजी की हत्या पर लड्डू भी बांटते हैं और गांधी जी की समाधि पर 30 जनवरी को शोक की मुद्रा ओढ़कर रघुपति राघव भी गाते हैं।आपको पता नहीं हम क्या थे और आज क्या हो गए हैं और देखते जाइए, क्या-क्या होकर क्या-क्या करेंगे अभी!
तो नेहरू जी आपको बता दें कि आपके सेकुलरिज्म, आपकी मिश्रित अर्थव्यवस्था का जमाना गया, अब अंबानी-अडाणी अर्थव्यवस्था का युग हम ला चुके हैंं। अब रोजगार बढ़ाने का नहीं, बेरोजगार बढ़ाने का युग हम ला चुके हैं। वह जमाना गया, जब आपने हमें सांप्रदायिक बताकर धकियाकर कोने में खड़ा कर दिया था। आज हम आपको अपनी अदालत के कटघरे में खड़ा करके रोज आप पर आरोप लगाते हैं।और ऐसे- ऐसे आरोप लगाते हैं कि समझदार भले ही हम पर हंसें मगर भक्त हमारी ओर अधिक झुकते हैं। मोदी-मोदी मंत्र का प्रतिदिन जाप करते हैं।
इसलिए निवेदन भी है और धमकी भी कि अब भी सुधर जाओ और यह बात आपसे इसलिए कहनी पड़ रही है कि पता नहीं कि आपके मां-बाप ने आपको क्या घुट्टी पिलाई थी कि हमारे लोग तो मरकर मर जाते हैं, लेकिन आप जैसे मर कर और अधिक जिंदा हो जाते हैं, चाहे हम आपके खिलाफ सरदार पटेल को ही क्यों न खड़ा कर दें!
लेकिन जब तक आप सुधरोगे नहीं, हमारे लिए उपयोगी सामान नहीं बनोगे, तब तक चाहे मसूद अजहर को 'ग्लोबल टेरेरिस्ट' घोषित करने का मसला क्यों न हो, हम आपको वास्तविक दोषी बताएंगे। और सुनो वैसे हमने आपको गणतंत्र दिवस की परेड में संघ कार्यकर्ताओं में शामिल करने, कुंभ में गंगा स्नान करनेवाला हिंदू बताने का अभियान भी चला रखा है। सुधर गए, उपयोगी बन गए तो ठीक वरना तो फिर वरना ही है। इति। आपका अपना ही नमो।
अंत में एक छोटा सा निवेदन इस लेखक का भी है नेहरू जी! मोदी नामक आपके समय के इस बच्चे को बख्शो! अरे जब आप प्रधानमंत्री थे, तब बेचारे मोदी जी नन्हे से बच्चे ही तो थे! हो सकता है,इस बच्चे ने 'चाचा नेहरू जिंदाबाद' का नारा भी लगाया हो। तब प्रधानमंत्री बनने की सोचना तो दूर उन बेचारे बच्चे को यह भी पता नहीं रहा होगा कि प्रधानमंत्री पद होती क्या बला है! हो सकता है, मोदी जी ने तब तक तथाकथित रूप से चाय बेचने की शुरुआत भी नहीं की हो! ऐसे आदमी के लिए आप समस्या पैदा करें, यह आपको शोभा नहीं देता। बाकी आप जानो और मोदी जी जानें। धन्यवाद)
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