‘जो हमारे लिए लड़ते हैं, उनके लिए हमें खड़ा होना होगा’

चीनी कलाकार ऐ वेइ वेइ की प्रदर्शनी ‘ट्रेस’ पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बोलने की आजादी की वकालत करने वालों और उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने निरंकुश शासन के खिलाफ आवाज उठाई।

‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र
‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र
user

ऋचा शर्मा

प्रतिरोध की आवाज पर हमला और अपनी सरकार की आलोचना और उससे सवाल करने वालों को चुप कराने की कोशिश के तहत की गई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद अचानक वह प्रदर्शनी मुझे बहुत खास और प्रासंगिक लगने लगी, जिसे मैंने हाल ही में देखा था।

प्रख्यात चीनी कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता ऐ वेइ वेइ की प्रदर्शनी ‘ट्रेस’ पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बोलने की आजादी की वकालत करने वालों और उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने निरंकुश शासन के खिलाफ आवाज उठाई। अपनी विचारधारा के लिए डटे रहने वाले लोगों की तकलीफों और कष्टों को सम्मान देने के मकसद से ऐ वेई वेई उन्हें राजनीतिक कैदी कहते हैं।



‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र
‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र

ऐ वेई वेई का काम चीनी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने और उसकी आलोचना करने के उनके अनुभव से प्रेरित है। इसके लिए उन्हें लगभग 3 महीने तक नजरबंद रखा गया और देश के बाहर जाने से 2015 तक प्रतिबंधित कर दिया गया था। वह निरंतर निगरानी में थे और पूछताछ के लिए उन्हें कई बार हिरासत में भी लिया गया।

उन्होंने अपने काम के जरिये चीन में मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाया और दुनिया भर के लोगों को इसमें शामिल करने के लिए इस प्रदर्शनी की परिकल्पना की। प्रदर्शनी के लिए चुने गए सभी 176 लोगों ने अपने विचारों, सांस्थानिक जुड़ाव और शासन की आलोचना की वजह से एक जैसे अत्याचारों को झेला है। उन्होंने अपने विषयों का चुनाव खुद किया, जिसमें कुछ विवादास्पद व्यक्तित्व भी शामिल हैं।



‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र
‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र

ये चित्र लेगो ब्लॉकों के 12 लाख से अधिक टुकड़ों को लेकर बनाये गये हैं और सर्विलांस फुटेज में मिलने वाले दृश्यों के नकल को दिखाने के लिए इन्हें जानबूझकर पिक्सलेट किया गया है। जाहिर है कि लेगो कंपनी ने शुरू में अपने स्टूडियो में थोक मांग स्वीकार करने से इंकार कर दिया था क्योंकि उन्होंने लगा कि यह काम बहुत जोखिम भरा है और राजनीतिक प्रकृति वाला है। उनके द्वारा ट्वीटर पर इस नामंजूरी की जानकारी साझा करने के बाद उनके कई फॉलोअर ने ऑस्ट्रेलियाई प्रदर्शनी की इस परियोजना को पूरा करने के लिए अपने लेगो संग्रह की पेशकश की। हालांकि बाद में लेगो ने ऐसी गंभीर प्रतिक्रियाएं सामने आने के बाद अपनी आपत्ति वापस लेते हुए अनुमति दे दी। उन्होंने इस प्रदर्शनी के लिए विशेष रूप से लेगो को चुना क्योंकि वह उन्हें स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखते थे, जिसके माध्यम से एक जटिल बात आसानी से व्यक्त की जा सकती है।

प्रदर्शनी में इस्तेमाल किए गए भित्ति पत्र का अपना विशेष अर्थ है। अगर आप करीब से देखें तो इसके डिजाइन में ट्वीटर के लोगो वाली चीड़िया, हथकड़ी और निगरानी कैमरा है जो इस बात को दिखाता है कि ऐ वेई वेई ने सरकार, अपनी निगरानी के लिए लगाए गए सर्विलांस कैमरे और अपनी गिरफ्तारी के लिए हथकड़ियों को चुनौती देने और अपनी आवाज पहुंचाने के लिए व्यापक रूप से कैसे ट्विटर का इस्तेमाल किया।

भित्ति पत्र पर एक जानवर भी है जो चीनी कहावत का प्रतीक है। एक पशु जो लामा की तरह लगता है, लेकिन वास्तव में वह अल्पाका है। मूल रूप से यह बुद्धिमता का इस्तेमाल कर सरकार की आलोचना है।



‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र
‘ट्रेस’ प्रदर्शनी में लगे चित्र

एक ओर नतीजों की जानकारी होने के बावजूद किसी मुद्दे पर डटे रहने वालों के प्रति समर्पण और सम्मान रखने वाला कलाकार है और दूसरी तरफ हम एक पत्रकार की सोची-समझी हत्या का जश्न मनाते और इस तरह की ज्यादा घटनाओं की इच्छा व्यक्त करते लोगों को देखते हैं।

इन भावनाओं के बीच इतने बड़े पैमाने पर विरोधाभास को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। आप घृणा की भावना को महसूस करते हैं, लेकिन साथ ही दूसरे के लिए डर भी महसूस करते हैं। जैसा कि मैंने पहले ही उल्लेख किया है कि सभी सैनिक वर्दी या तमगा नहीं पहनते हैं। जो लोग खुद की बजाय बड़े उद्देश्यों के लिए अपनी जिंदगी देकर कीमत चुकाते हैं, उनके लिए हम कम से कम इतना कर सकते हैं कि जब कोई घटिया शख्स उनका उपहास उड़ाए तो हम मौन दर्शक नहीं बने रहें। अगर वे हमारे लिए नहीं लड़ते तो फिर कौन लड़ता? अगर हम उनके लिए नहीं खड़े हो सकते तो फिर किसके लिए खड़े होंगे?

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 14 Sep 2017, 1:34 PM