विष्णु नागर का व्यंग: अब झटका नहीं, हमें हलाल चाहिए, रोज-रोज की जगह एक बार में विपक्षियों के लफड़े का खात्मा चाहिए!

हम किसी को भी देशद्रोही, नक्सली, आतंकवादी, सांप्रदायिक सौहार्द का दुश्मन, पाकिस्तानी एजेंट, बांग्लादेशी नागरिक यानी कुछ भी घोषित कर सकते हैं तो फिर झटका क्यों, हलाल क्यों नहीं? एक दिन, दो दिन, दस दिन देश- विदेश में निंदा होगी और क्या होगा? और हमने कब इसकी चिंता की है, जो अब करेंगे?

फोटो: सोशल मीडिया
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विष्णु नागर

अध्यक्ष जी, आपने यह कह कर कि देश की सभी पार्टियां खत्म हो जाएंगी -बचेगी केवल भाजपा, हमारे हौसले को सातवें आसमान से भी ऊपर पहुंचा दिया है। इसके बाद कुछ खास कहने को बचता नहीं। अध्यक्ष के भाषण के बाद कुछ कहना वैसे भी दृष्टता होती है मगर दृष्टता समय की मांग है, वक्त की पुकार है तो मैं चंद लफ्जों में अपनी बात कहूंगा। अध्यक्ष जी, आपने लक्ष्य तो बता दिया मगर शायद जानबूझकर यह नहीं बताया कि यह लक्ष्य 2024 तक हासिल करना है। भविष्य के मोदियों-शाहों-आदित्यनाथों पर इसे नहीं छोड़ना है। आपने यह भी नहीं बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति कैसे होगी? मैं जानता हूं कि हमारे नेतृत्व के संज्ञान में ये बातें हैं ,फिर भी दो शब्द अपनी सीमित बुद्धि के आधार पर कहना चाहूंगा।

हमें जब लक्ष्य 2024 तक हासिल करना है तो हमें एक पार्टी, एक देश, एक नेता, एक धर्म के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ना चाहिए। रोज -रोज विपक्षियों को एजेंसियों के सामने पूछताछ के लिए बुलाना, 50-50 घंटे तक पूछताछ करना, किसी को औचक गिरफ्तार कर लेना बेशक देशहित में है। कोई देशभक्त इसका विरोध भी नहीं करेगा। और जो भी करेगा, हम आपके आशीर्वाद से उसकी टांग, हाथ, मुंह सब तोड़ देंगे। बस ऊपर से एक हल्का सा इशारा चाहिए बल्कि माननीय आपने हर कार्यकर्ता का ऐसा सशक्तिकरण कर दिया है कि अब इशारे की जरूरत नहीं रही। घटना के बाद आपका इतना कहना पर्याप्त है कि कानून अपना काम करेगा। मतलब हरी झंडी है। जयश्री राम है। मोदी-मोदी है‌।

हां तो माननीय जब लक्ष्य इतना स्पष्ट है और जनता को हमने सब साफ- साफ बता भी दिया है तो फिर रोज- रोज, सुबह -शाम, टुकड़ों-टुकड़ों में कार्रवाई क्यों? हम सौ सुनार की बजाय एक लोहार की करके काम जल्दी से फिनिश क्यों नहीं करते? हथौड़ा हमारे पास है, लोहार हमारे हैं और डर किसी के बाप का नहीं है। अब समय आ चुका है कि एक ही वार में समस्त विरोधियों के सिरों पर हथौड़ा चला दिया जाए। यह काम हद से हद दो -चार दिन में पूरा हो सकता है। हमारे पास क्या-क्या नहीं है? पुलिस है, होमगार्ड है, विभिन्न सैन्य-असैन्य बल हैं, संघ है। फिर हम भी तो हैं माननीय। हमारे हाथों में वैसे भी खुजली चलती रहती है कि कुछ बड़ा करें। अब झटका नहीं, हमें हलाल चाहिए। हमेशा के लिए विरोध और विरोधियों के लफड़े का खात्मा चाहिए। वैसे भी हम प्रमाण -सबूत, नियम -प्रक्रिया, न्याय वगैरह की परवाह कहां करते हैं? जब हम इन फालतू के झंझटों को पालते नहीं तो फिर टुकटुक करते रहने का क्या लाभ?

हमारे पास अनेकानेक एजेंसियां हैं, पीएमएलए जैसे अनेक कानून हैं। हम बिना किसी शिकायत, बगैर किसी एफआईआर, किसी को, कभी भी, कहीं भी गिरफ्तार करने में सक्षम हैं। कोई हमें रोक नहीं सकता। हम किसी को भी देशद्रोही, नक्सली, आतंकवादी, सांप्रदायिक सौहार्द का दुश्मन, पाकिस्तानी एजेंट, बांग्लादेशी नागरिक यानी कुछ भी घोषित कर सकते हैं तो फिर झटका क्यों, हलाल क्यों नहीं? एक दिन, दो दिन, दस दिन देश- विदेश में निंदा होगी और क्या होगा? और हमने कब इसकी चिंता की है, जो अब करेंगे?

सबको एक ही बार में हलाल करने से फायदा ये होगा कि देश में प्रतिदिन निराशा का वातावरण निर्मित नहीं होगा। लोग सुबह टीवी खोलते हैं या अखबार पढ़ते हैं तो वही दाढ़ीवाला चेहरा और वही खबरें। लोग बोर हो चुके हैं इससे। हमारे कार्यकर्ता तक कहने लगे हैं यार हम तो अब न टीवी देखते हैं, न अखबार। वही- वही कब तक देखें? कुछ नया तो हो। डिफरेंट तो हो! नफ़रत की हमें नई पुड़िया चाहिए! पुरानी से नशा नहीं आता!

अब देश को फील गुड फैक्टर चाहिए। जनता महंगाई है, महंगाई है। बेरोजगारी है, बेरोजगारी है। भ्रष्टाचार है, भ्रष्टाचार है। बुलडोजर इधर भी है, बुलडोजर उधर भी है। ये सब बहुत सुन चुकी। उसे विपक्षियों-विरोधियों की ये चूंचां-फूंफां नहीं चाहिए। अब उसे चाहिए ,सब ठीक है, सब चंगा है। मोदी जी, शाह जी, आदित्यनाथ जी जो कहते हैं, वह ब्रह्मवाक्य है, आदिसत्य है। कोई इफ ,कोई बट नहीं है। अच्छे दिन आ चुके हैं। 15 लाख आने की फीलिंग- सी आ रही है। भूख, कुपोषण मिट चुके हैं। दो करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से अभी तक 16 करोड़ लोगों को रोजगार मिल चुका है। बेरोजगार ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। देश में शांति और अमन है, दूध और घी की नदियां बह रही हैं। कोई गोदी मीडिया नहीं है, सब असली मीडिया है। अमृतकाल गुजरते ही, अहा, देश कितना खुशहाल हो गया है, यह फीलिंग अब लोगों को चाहिए। कोई कहनेवाला बचना नहीं चाहिए, जो कहे कि यह झूठ है। ऐसा सुकून हमें चाहिए। ऐसा अमृतमय राष्ट्र हमें चाहिए। भारत माता की जय। वंदे मातरम। मोदी-मोदी।

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