कांग्रेस उम्मीदवार आसिम खान को जीत की पक्की उम्मीद, कहा- नाटक करते हैं केजरीवाल, दिल्ली समझ गई है आप की हकीकत

दिल्ली की मटिया महल विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार आसिम अहमद खान को अपनी जीत की पक्की उम्मीद है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है। वे कहते हैं कि आप और केजरीवाल सिर्फ नाटक करते हैं।

फोटो आसिम अहमद खान के फेसबुक पेज से साभार
फोटो आसिम अहमद खान के फेसबुक पेज से साभार

कांग्रेस ने दिल्ली की मटिया महल विधासभा सीट से आसिम अहमद खान को उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी से होगा। आम आदमी पार्टी ने अधिकारिक तौर पर तो शोएब इकबाल को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन चर्चा है कि इसमे बदलाव होगा और उम्मीदवारी शोएब इकबाल के बेटे आले इकबाल को मिलेगी। वर्तमान में शोएब इकबाल इस सीट से विधायक हैं। वैसे आसिम अहमद खान भी आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में आसिम अहमद खान का मुकाबला अपनी ही पुरानी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी है।

उम्मीदवारी का ऐलान होने के बाद आसिम इलाके में लोगों से मुलाकातें कर रहे है और चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी दौरान उनसे हुई बातचीत में वह कहते हैं कि भले ही उनका मुकाबला शोएब इकबाल के खानदान से है, लेकिन न तो शोएब इकबाल और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने इलाके के लिए कोई खास काम नहीं किया है।

आसिम खान का मानना है कि मटिया महल के लोग वैसा ही विकास चाहते हैं जैसा उन्होंने मंत्री रहते हुए किया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इलाके की पानी की समस्या सुलझाने का दावा करते हुए कहा कि यह ऐसा संकट था जिससे इलाके के लोग लंबे समय से जूझ रहे थे। वे दावा करते हैं कि शोएब इकबाल की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि वे चुनाव जीतने के बाद अपने ही क्षेत्र और वहां के लोगों को अनदेखा कर देते हैं। खान कहते हैं कि शोएब इकबाल इस रवैये के चलते ही लोगों में गुस्सा है जिसके कारण उनकी (आसिम अहमद खान की) जीत निश्चित है।

वोटरों के रुझान के बारे में आसिम कहते हैं कि अब माहौल कांग्रेस के पक्ष में बन रहा है, खासतौर से हाशिए के समुदाय और दिल्ली के अल्पसंख्यक वर्ग को कांग्रेस से काफी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि लोगों के दिल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के लिए खास जगह है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार दोनों की सरकारों की नाकामी देखी है। आसिम खान का मानना है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ही सिर्फ नाटकीयता करती हैं और असली मुद्दों की तरफ उनका ध्यान नहीं होता है।


बीते वर्षों में देश में हुई कोविड महामारी का जिक्र करते हुए आसिम अहमद खान काफी रोष में नजर आते हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से निजामुद्दीन मरकज में ठहरे तब्लीगी जमात के लोगों पर कोविड फैलाने का आरोप लगाया गया और केजरीवाल सरकार ने भी इसमें हां में हां मिलाई वह बेहद निराशापूर्ण रवैया था। उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर कोविड फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर उस समय वे मंत्री होते तो तुरंत ही इस्तीफा दे देते।

उन्होंने 2020 के उत्तरी दिली के दंगों के दौरान अल्पसंख्यकों की मदद न करने और सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में सामने न आने के लिए आम आदमी पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही मामलों में आप का रवैया बेहद निराशाजनक रहा।

आसिम खान ने पूर्व कांग्रेस नेता चौधरी मतीन द्वारा कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए हैं, वह बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मतीन अहमद उनके बेटे और उनकी बहू को क्या कुछ नहीं दिया, फिर भी उन्होंने सारे मूल्यों को दरकिनार कर दिया।

उन्होंने साफ किया कि चुनाव लड़ने का उनका फैसला गुस्से में लिया गया नहीं है। उन्होंने बताया कि उन पर लगे सारे आरोप एक साल के अंदर ही गलत साबित हो गए थे, जबकि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह जैसे आप के बड़े नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ी।

आसिम खान का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है, इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री घबराहट में लंबे चौड़े वादे करते फिर रहे हैं। महिलाओं को भत्ता और पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने का वादा भी दिखावा ही है। वे कहते हैं कि इस सबके बीच केजरीवाल भूल जाते हैं कि दिल्ली सरकार के अधीन काम करने वाले दिल्ली वक्फ बोर्ड ने बीते 17 महीनों से इमामों और मुअज्जिन (मस्जिद में अजान देने वाला) को तंख्वाह नहीं दी है।

उन्होंने केजरीवाल पर नाटक करने का आरोप लगाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार मटिया महल में 2015 का नतीजा दोहराया जाएगा जब उन्होंने शोएब इकबाल को 26 हजार वोटों से हराया था।। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के प्रति वोटरों का बढ़ता रुझान और शोएब इकबाल और उनके परिवार की नाकामी उनकी जीत का आधार बनेंगे।

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