चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद BJPआलाकमान पर बरसे सदानंद गौड़ा, कर्नाटक के नेताओं को विश्वास में लेने की दी सलाह

येदियुरप्पा के बयान पर गौड़ा ने कहा कि मैं किसी नेता का गुलाम नहीं हूं। मुझे लालच नहीं दिया जा सकता और मुझे अपनी जिम्मेदारी का एहसास है। बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट पर 32 लाख मतदाता हैं। यदि कोई मतदाता कहता है कि मैं गलत हूं, तो मैं बेंगलुरु शहर छोड़ दूंगा।

चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद BJPआलाकमान पर बरसे सदानंद गौड़ा
चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद BJPआलाकमान पर बरसे सदानंद गौड़ा
user

नवजीवन डेस्क

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बेंगलुरु उत्तर से सांसद डी.वी. सदानंद गौड़ा चुनावी राजनीति छोड़ने के ऐलान के दूसरे दिन आज बीजेपी आलाकमान के उदासीन रवैये पर जमकर बरसे। उन्होंने पार्टी को जल्द विपक्ष का नेता चुनने और राज्य इकाई को विश्वास में लेने की सलाह दी।गौड़ा ने बेंगलुरु में कहा, ''मैं केंद्रीय नेताओं से कर्नाटक राज्य के नेताओं को विश्वास में लेने का अनुरोध करता हूं।''

सदानंद गौड़ा ने कहा, “हम विधानसभा चुनाव में भले ही हार गए हों, लेकिन लोकसभा चुनाव में हम पार्टी के लिए दोहरी जीत सुनिश्चित करेंगे। कृपया राज्य के नेताओं को विश्वास में लें। राज्य का दौरा न करने और विपक्ष के नेता का चुनाव नहीं करने का निर्णय सही नहीं है। पार्टी आलाकमान को राज्य नें जल्द विपक्ष के नेता का चुनाव करना चाहिए।”


चुनावी राजनीति से संन्यास के बारे में बोलते हुए सदानंद गौड़ा ने कहा कि चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के उनके फैसले पर किसी का कोई दबाव नहीं था। मैं भगवान हनुमान की तरह अपना दिल खोलकर नहीं दिखा सकता। मैंने सच कहा है और मैंने इस मामले पर किसी भी नेता से चर्चा नहीं की है।

गौड़ा पहले जेडीएस के साथ गठबंधन करने के पार्टी के फैसले पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा, "मैंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के बारे में बात की थी। पार्टी और आरएसएस चाहते थे कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं। मैंने ईमानदारी से काम किया है और पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। मैं राजनीति में कभी भी चापलूस नहीं था।"

येदियुरप्पा के उस बयान के बारे में बोलते हुए कि उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सीधे तौर पर राजनीति से सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा था, गौड़ा ने कहा कि येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया है और कहा है कि उन पर चुनाव से दूर रहने का कोई दबाव नहीं था।

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि, “सदानंद गौड़ा किसी नेता के गुलाम नहीं हैं। मैं दबाव में निर्णय नहीं लूंगा। मुझे लालच नहीं दिया जा सकता और मुझे अपनी जिम्मेदारी का एहसास है। बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट पर 32 लाख मतदाता हैं। यदि कोई मतदाता कहता है कि मैं गलत हूं, तो मैं बेंगलुरु शहर छोड़ दूंगा।”

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia