बिहारः रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद अब उनके पत्रों पर उठे सवाल, सियासत भी सरगर्म

आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने रघुवंश प्रसाद द्वारा अस्पताल से लिखे पत्रों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अस्पताल के आईसीयू से कैसे पत्र लिख सकता है। उन्होंने इसे एक साजिश बताया, जिसे लेकर बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने आरजेडी पर निशाना साधा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

बिहार के वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद एक ओर जहां उनके पैतृक गांव पानापुर शाहपुर में राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी ओर निधन से पहले उनके द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्रों को लेकर अब बिहार के सियासी जगत में सवाल उठने लगे हैं और साथ ही राजनीति भी गर्म हो गई है।

सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने रघुवंश प्रसाद के अस्पताल से लिखे पत्र पर ही सवाल उठा दिए हैं, जिसे लेकर बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने आरजेडी पर निशाना साधा है। आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद द्वारा लिखे पत्रों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) से कैसे पत्र लिख सकता है। उन्होंने इसे एक साजिश बताया।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को साधु संत प्रवृत्ति का व्यक्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही रघुवंश प्रसाद से भेंट की थी। उस समय वे नीतीश सरकार और मोदी सरकार की आलोचना कर रहे थे, जबकि लालू प्रसाद की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा, “मैं तो पहले ही कहा है कि यह पत्र एक साजिश है।”

इधर, जेडीयू ने इस पर पलटवार किया है। बिहार के मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि आजेडी अब समाजवादी नेता के निधन के बाद अमर्यादित टिप्पणी कर रही है। जिंदा रहने पर तो आरजेडी के नेता ने उनकी सुध नहीं ली। उन्होंने जब अपनी भावना एक पत्र के माध्यम से व्यक्त की, तो अब आरजेडी नेता उसी पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं बीजेपी ने आरजेडी को अनपढ़ और गंवारों की जमात तक करार दे दिया। हैं।

गौरतलब है कि रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। इससे पहले उन्होंने लालू यादव के नाम लिखे पत्र में आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था। इस पत्र को बिहार के मीडिया में जारी किया था। उसके बाद निधन से एक दिन पहले तक रघुवंश प्रसाद के नाम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे एक के बाद एक चार पत्र मीडिया में जारी हुए, जिनमें वैशाली गढ़ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराने की मांग सहित कई अन्य मांगें रखी गई थीं। दावा किया गया कि ये सभी पत्र रघुवंश बाबू ने आईसीयू ससे लिखे हैं।

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