बिहार चुनावः पासवान परिवार में बढ़ी दरार, पारस ने चिराग को सभी सीटों पर चुनौती देने का प्रण लिया
पशुपति पारस और चिराग, दोनों कभी रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का हिस्सा थे। लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी बनने और पार्टी पर कब्जे को लेकर दोनों के बीच लंबी जंग छिड़ गई थी।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ पासवान परिवार में एक बार फिर दरार बढ़ती दिख रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी जहां उनके भतीजे की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चुनाव लड़ेगी। पारस ने पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्रिपरिषद से तब इस्तीफा दिया था जब बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग को साथ लेने का निर्णय किया था।
आरएलजेपी प्रमुख ने यह घोषणा पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने घोषणा की कि हम चिराग द्वारा उतारे गए सभी उम्मीदवारों की करारी हार सुनिश्चित करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए आरएलजेपी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जिन पर एलजेपी (रामविलास) चुनाव लड़ेगी।’’
पारस और चिराग, दोनों कभी रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का हिस्सा थे। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान (42) बीजेपी के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भीतर ‘‘सम्मानजनक समझौते’’ के लिए बातचीत कर रहे हैं। एनडीए में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी शामिल हैं।
आरएलजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘हमें यह घोषणा इसलिए करनी पड़ी क्योंकि हमें विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में औपचारिक रूप से शामिल करने और सीट बंटवारे की घोषणा में लगातार देरी हो रही है। हमारे पास अब बहुत कम समय बचा है, नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया परसों से शुरू हो जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी, जिनमें कांग्रेस भी शामिल है, कह रहे हैं कि पारस जी को गठबंधन में लाया जाएगा। लेकिन समन्वय समिति के प्रमुख होने के बावजूद यादव ने अब तक हमारे नेता को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया है जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष है। झारखंड की पार्टी जेएमएम को भी बुलाया गया है, जबकि बिहार में उसका कोई आधार नहीं है। हमें अब भी उम्मीद है कि यादव समय रहते पहल करेंगे और आरएलजेपी को लेकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।’’