जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर रही कांग्रेस, चुनावों में BJP को देंगे कड़ी टक्कर: सुप्रिया श्रीनेत

कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि वो इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को कहा कि मुझे गर्व है कि कांग्रेस के अलावा ऐसा कोई दल नहीं जहां 9 हज़ार डेलीगेट्स ने लोकतांत्रिक तरीके से अपना अध्यक्ष चुना हो। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए जीता-जागता और प्रखर विपक्ष बहुत जरूरी होता है। कांग्रेस लगातार यह जिम्मेदारी निभा रही है। ब्लॉक अध्यक्ष से पार्टी अध्यक्ष बने। हमने दलित-शोषित वर्ग को प्रधानता दी। कोई अन्य पार्टी ऐसा श्रेय नहीं ले सकती। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि वो इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी। पार्टी ने दावा किया कि इसने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन बड़े कदम उठाए हैं -- भारत जोड़ो यात्रा, कृषि कानूनों को खत्म करवाना और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू न होने देना।



उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से, पार्टी ने खुद को मजबूत करने और एक क्रूर सत्तावादी शासन का मुकाबला करने के लिए पार्टी के भीतर संस्थागत सुधार सुनिश्चित करने के लिए लगातार और ठोस कदम उठाए हैं।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस जनता के मुद्दों पर सड़क पर उतर रही है। हम बार-बार सीएए के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं, हम किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं, हम खतरनाक रूप से उच्च स्तर की बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं, हम कमर तोड़ ऊंची कीमतों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। और हर बार हम सड़कों पर उतरे हैं - हमारे नेताओं ने एजेंसियों का सामना किया है - जो सरकार और क्रूर पुलिस बल की कठपुतली बन गए हैं।


श्रीनेत ने कहा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव जोरदार तरीके से लड़ेंगे और हमारी जीत अगले साल के आमचुनाव के लिए मंच तैयार करेगी।

श्रीनेत ने कहा कि हाथ से हाथ जोड़ो के साथ कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन ने न केवल महत्वपूर्ण संगठनात्मक परिवर्तनों के लिए जमीन तैयार किया है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए सभी पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करता है, बल्कि बाकी पदों पर भी 50 वर्ष से कम आयु के लोगों को जगह दी गई है। अधिवेशन में जन संपर्क कार्यक्रमों की जरूरत को रेखांकित किया गया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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