राजस्थान में क्या वसुंधरा राजे से BJP आलाकमान को मिल गई मुक्ति? पिक्चर अभी बाकी है!

पूरी कोशिश के बावजूद वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री नहीं बन सकीं। खबरों में यह कहा गया था कि बीजेपी आलाकमान वसुंधरा राजे से छुटकारा पाना चाहता है और नए मुख्यमंत्री के तौर पर एक नए चेहरे को मौका देना चाहता है और ऐसा ही हुआ।

राजस्थान में क्या वसुंधरा राजे से BJP आलाकमान को मिल गई मुक्ति? पिक्चर अभी बाकी है!
राजस्थान में क्या वसुंधरा राजे से BJP आलाकमान को मिल गई मुक्ति? पिक्चर अभी बाकी है!
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हैदर अली खान

राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के एक हफ्ते बाद आखिरकार बीजेपी ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद पर नाम का ऐलान कर दिया। भजनलाल शर्मा राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों में से एक राजनाथ सिंह ने इस बात का ऐलान जयपुर में किया। बीजेपी ने राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था, जिन्होंने बीजेपी विधायकों के साथ बैठक की और सीएम के नाम पर आम सहमति बनाई।

आखिर वसुंधरा राजे ने कैसे छोड़ी अपनी दावेदारी? 

सवाल यह पूछा जा रहा कि आखिर वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री के लिए भजनलाल शर्मा के नाम पर कैसे राजी हुईं? सवाल यह भी है कि आखिर वसुंधरा ने अपनी दावेदारी कैसे छोड़ दी? क्योंकि राज्य में बीजेपी के पक्ष में नतीजों के आने के बाद से ही वसुंधरा राजे सक्रिय थीं। एक तरफ तो उन्होंने राज्य में अपने समर्थन वाले विधायकों के साथ बैठकें कीं। वहीं, दूसरी तरफ वह दिल्ली भी पहुंची थीं, जहां उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी बैठक की थी। 

पूरी कोशिश के बावजूद वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री नहीं बन सकीं। खबरों में यह कहा गया था कि बीजेप आलाकमान वसुंधरा राजे से छुटकारा पाना चाहता है और नए मुख्यमंत्री के तौर पर एक नए चेहरे को मौका देना चाहता है और ऐसा ही हुआ। सांगानेर सीट से पहली बार चुनाव लड़ने वाले भजनलाल शर्मा को पार्टी ने कमान सौंप दी। और इस तरह से पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा के हिस्से में मुख्यमंत्री का पद आ गया।


वसुंधरा राजे से BJP आलाकमान को मिल गई मुक्ति? 

अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी आलाकमान को वसुंधरा राजे मुक्ति मिल गई है? इस सवाल का जवाब शायद नहीं में है। क्योंकि मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के बाद जो तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं, वो यही कह रही हैं कि वसुंधरा राजे से बीजेपी आलाकमान को फौरी तौर पर मुक्ति मिली है, पूरी तरह से नहीं। खबर यह है कि वसुंधरा राजे के आशीर्वाद से ही भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने हैं। दरअसल बीजेपी विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे ने ही भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिस पर सभी विधायकों ने हामी भर दी। 

भजनलाल शर्मा ने लिया वसुंधरा का आशीर्वाद 

जयपुर से जो तस्वीरें सामेन आई हैं, वो भी इस बात की तस्दीक करती हैं कि भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के पीछे सिर्फ आलाकमान का आशीर्वाद नहीं है, बल्कि वसुंधरा राजे ने भी भजनलाल शर्मा को आशीर्वाद दिया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद जब राजनाथ सिंह भजनलाल शर्मा के साथ मीडिया के सामने आए तो उनके साथ वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं। भजनलाल शर्मा मीडिया के सामने सबसे पहले राजनाथ सिंह के सामने झुके और आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह आगे बढ़कर वसुंधरा राजे के सामने झुके और सभी के सामने उनका भी आशीर्वाद लिया। इसके बाद वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह ने भजनलाल शर्मा को फूलों का गुलदस्ता दिया और उन्हें बधाई दी।

वसुंधरा का हाथ भजनलाल शर्मा के साथ! 

भजनलाल शर्मा को वसुंधरा राजे का आशीर्वाद मिला है। इस बात की पष्टि सीएम की रेस में गिने जाने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने भी की है। मीडिया से बात करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। भजनलाल मीणा राज्य को आगे ले जाएंगे। उनका नाम वसुंधरा जी ने प्रस्तावित किया था और मैंने उनके नाम को आगे बढ़ाया। तीन बार महामंत्री रहे, पूरे राजस्थान का दौरा किया हुआ अनुभवी व्यक्ति राजस्थान को आगे बढ़ाएगा, हम उनकी अगुवाई में पूरे प्रदेश में कार्य करेंगे।"


बीजेपी आलाकमान को भले ही फौरी तौर पर वसुंधरा राजे से मुक्ति मिल गई हो। लेकिन पिक्चर बाकी अभी है। क्योंकि वसुंधरा राजे का भजनलाल को आशीर्वाद देना, उनके नाम को आगे बढ़ाना यह दर्शाता है कि उनकी मर्जी या फिर कहें कि उनकी पसंद से ही भजनलाल मीणा के नाम को सीएम पद के लिए आगे बढ़ाया गया और उस पर मुहर लगाई गई। मतलब यह है कि आगे भी वसुंधरा राजे सीएम के साथ अपने समर्थन वाले विधायकों पर पकड़ बनाए रखना चाहेंगी। ताकि जरूरत के हिसाब से वह राजनीति में अपनी चाल चल सकें।

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Published: 12 Dec 2023, 8:33 PM