मध्य प्रदेश में बीजेपी के असंतुष्ट हो रहे लामबंद, शिवराज सरकार पर छाया संकट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमित होने के बाद से अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी अनुपस्थिति में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की हलचल तेज हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की राजनीति में कभी भी बड़ा धमाका हो सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

मध्य प्रदेश में बीजेपी के अंदर असंतुष्ट एक बार फिर लामबंद होने लगे हैं। ऐसे कई नेता एक बैठक भी कर चुके हैं और आगामी अगस्त माह में भी एक और बैठक करने की तैयारी में हैं। दावा किया जा रहा है कि बैठक उन लोगों की हुई है, जो पार्टी के भीतर अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

बीजेपी प्रदेश में कांग्रेस से दल बदल कर आए नेताओं के कारण सत्ता में आई है, जिस कारण उन्हें सत्ता मे हिस्सेदारी दी गई है। इससे बीजेपी के कई नेता असंतुष्ट हैं। पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी यह स्वीकार किया है कि कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों की एक बैठक हुई है और इस बैठक में उपेक्षा का मुद्दा छाय रहा।

पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा का कहना है कि "कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें इस बात का मलाल है कि पार्टी और संगठन उनकी उपेक्षा कर रही है, उनसे संवाद नहीं कर रही। संवाद और सपर्क के अभाव में जो चिंताग्रस्त नेता थे, जो पार्टी हित की बात सोचते हैं, जो मैदानी कार्यकर्ता हैं, उनकी एक बैठक हुई।"

बीजेपी के असंतुष्टों की आगामी बैठक के बारे में रघुनंदन शर्मा ने कहा कि "जो लोग नाराज हैं, वे नौ अगस्त को फिर बैठेंगे और अपनी बात से पार्टी के प्रमुख को अवगत कराएंगे। सभी की चिंता यह है कि बाहर से आ रहे लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है और बरसोंं से पार्टी की सेवा कर रहे लोगों को उपेक्षित किया जा रहा है।"

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं की बैठक पर चुटकी ली है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर का कहना है कि "बीजेपी में दरी बिछाने वाले, पसीने से पार्टी को सींचने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी के खेल समझ आने लगे हैं। चाहे रघुनंदन शर्मा की बैठक हो या पारुल साहू की, तकलीफ अब खुलकर आ रही है। थोड़ा इत्मीनान रखिए, ऊपर वाला न्याय करेगा।"

गौरतलब है कि दल बदल के जरिये मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कोरोना संक्रमित हो गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद से वह अस्पताल में भर्ती हो गए हैं और वहीं से सरकार चला रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की हलचल तेज हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की राजनीति में कभी भी बड़ा धमाका हो सकता है।

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