महाराष्ट्र में बीजेपी की जिद से भड़की शिवसेना, लगाया मंत्रालय में आग लगाने और फाइलें गायब करने का आरोप

महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर लंबी खींचतान के बावजूद शिवसेना और बीजेपी में से कोई बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है। इस बीच निर्दलीय विधायकों को साथ लाकर बीजेपी ने फिर कहा कि सीएम उसी का रहेगा। उधर शिवसेना भी 50:50 के फॉर्मूले पर अड़ी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद भी सरकार बनने की प्रक्रिया अटकी पड़ी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलो में तकरार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। सीएम पद के लिए मची खींचतान के बीच दोनों दलों के बीच आरोप और तीखे होते जा रहे हैं। इसी बीच सोमवार को राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात कर बीजेपी और शिवसेना ने एक बार फिर एक-दूसरे के आगे नहीं झुकने का संकेत दे दिया।

इस बीच बीजेपी की तरफ से शिवसेना के 50:50 फॉर्मूले पर लिखित आश्वासन से लगातार इनकार करने पर सोमवार को शिवसेना की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई। पार्टी नेता संजय राउत ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे फाइलें गायब करवा सकते हैं, मंत्रालय में आग लगवा सकते हैं, लेकिन मीडिया में रिकॉर्ड बयान कैसे डिलीट कर पाएंगे? एक चैनल से बातचीत में राउत ने बीजेपी से सरकार बनाने को लेकर चर्चा पर कहा कि, अब तक कोई बातचीत नहीं शुरू हुई है। कोई संदेश नहीं आया है। सिर्फ आंकड़ों से खेला जा रहा है।”

बीजेपी को राम की याद दिलाते हुए संजय राउत ने कहा, “मीडिया के सामने आम चुनाव से पहले जो जुबान दी थी, वह रिकॉर्ड है। आप उसे डिलीट नहीं कर सकते। आप कागज फाड़ सकते हैं। फाइलें गायब करवा सकते हैं। मंत्रालय में आग लगवा सकते हैं। रिकॉर्ड गायब करने के लिए बीच में लगवाई भी थी। लेकिन मीडिया के सामने जो सत्ता के बंटवारे पर 50-50 का फार्मूला तय हुआ था, उसे आप कैसे डिलीट करेंगे?”


बीजेपी के मुकर जाने की स्थिति पर पूछे जाने पर राउत ने भगवान राम का जिक्र करते हुए बीजेपी से सत्य बोलने का आह्वान किया। अपनी पार्टी की तरफ से सीएम पद के कैंडिडेट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये सिर्फ पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। बता दें कि चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना विधायक दल की बैठक में बीजेपी से 50:50 फॉर्मूले पर लिखित आश्वासन लेने की बात सर्वसम्मति से तय हुई थी। इसके तहत 2.5-2.5 साल तक दोनों दल को सीएम पद देने की बात थी। इस चुनाव में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।

इस बीच शिवसेना के 50-50 फॉर्मूले पर अड़े रहने पर सोमवार को बीजेपी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बीजेपी का था, है और आगे भी रहेगा। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी का रुख साफ है और शिवसेना भी इसे जानती है। ऐसे में राज्य में सरकार गठन को लेकर दोनों दलो के बीच जारी खींचतान काफी तीखी होती जा रही है और अब इसमें एक-दूसरे पर गंबीर आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गया है।

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