यूपी चुनाव में बीजेपी को झटका दे सकती है JDU, ललन सिंह ने गठबंधन नहीं होने पर अकेले लड़ने का किया ऐलान

ललन सिंह ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि हमारी पार्टी को अरुणाचल प्रदेश में मान्यता मिल गई है। धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी हम उम्मीदवार उतारेंगे। हमारा लक्ष्य दो और राज्य में मान्यता प्राप्त कर राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता प्राप्त करना है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रही जेडीयू के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को एलान कर दिया कि अगर उत्तर प्रदेश और मणिपुर में कोई पार्टी भागीदार नहीं बनाएगी तो जेडीयू अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने जोर देकर उनका लक्ष्य जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है। नीतीश कुमार के बेहद करीबी ललन सिंह के इस बयान को जातीय जनगणना के बाद जेडीयू का बीजेपी को दूसरा झटका माना जा रहा है।

पटना में जेडीयू कार्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मणिुपर में चुनाव होने वाले है। हम पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में भागीदार पार्टियों से बात करेंगे, अगर वे भागीदार बनाना चाहते हैं तो ठीक है, नहीं तो हम अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि हम जीत भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को देख लीजिए। पिछले विधानसभा चुनाव में हमने 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और उनमें से सात में जीत हासिल की।


अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार शुक्रवार को ललन सिंह बिहार पहुंचे थे। शनिवार को वह मुख्यमंत्री आवास भी पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "आज हमारी पार्टी को अरुणाचल प्रदेश में मान्यता मिल गई है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी हम उम्मीदवार खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य दो और राज्य में मान्यता प्राप्त करने की है और फिर राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता प्राप्त करना है।

शुक्रवार को पटना पहुंचने पर कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए स्वागत से प्रसन्न मुंगेर के सांसद ललन सिंह ने कहा, "कल जिस तरह उर्जा और उत्साह कार्यकर्ताओं में दिखा, उस उत्साह और उर्जा को वर्ष 2024 और 2025 तक बनाए रखना है। हम सभी मिलकर जेडीय को नंबर- 1 की पार्टी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी और पार्टी अध्यक्ष के हाथ और पैर कार्यकर्ता ही होते हैं। अध्यक्ष का काम कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना और उनको मान-सम्मान देना और उचित हिस्सेदारी देना है। उन्होंने कार्यकतार्ओं से कहा कि उन्हें केवल नीतीश कुमार ने जो पंद्रह साल काम किया है, उसे जनता को बताना है।

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