लोकतंत्र के पन्ने: जानिए मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट क्यों है खास, क्या है इसका चुनावी इतिहास 

शुरुआत में मुजफ्फरनगर सीट पर कई साल तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 1952 से लेकर 1962 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में रही। उसके अगले दो चुनाव 1967 और 1971 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने यहां से जीत हासिल की। 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल को यहां से जीत मिली।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ‘जाटलैंड’ से मशहूर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। 2013 में हुए दंगों की वजह से चर्चा में रहने वाले इस लोकसभा सीट पर पिछली बार बीजेपी के संजीव बालियान ने बड़ी जीत दर्ज की थी। संजीव बालियान को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। बीजेपी ने मोदी सरकार में मंत्री रहे संजीव बालियान को दोबार अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह बीएसपी-एसपी और आरएलडी गठबंधन की ओर से चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान नहीं है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी काफी मुश्किल का विषय बनी थी।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का इतिहास

शुरुआत में मुजफ्फरनगर सीट पर कई साल तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 1952 से लेकर 1962 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में रही। उसके अगले दो चुनाव 1967 और 1971 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने यहां से जीत हासिल की। 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल को यहां से जीत मिली। उसके अगले 1980 के चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। जनता पार्टी सेक्यूलर ने मुजफ्फरनगर से जीत दर्ज की। जबकि 1984 में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में गई। तो वहीं 1989 चुनाव में जनता दल ने जीत दर्ज की। 1991 में यह सीट पहली बार बीजेपी के खाते में गई। नरेश बालियान बीजेपी की टिकट पर संसद पहुंचे। 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में यहां पर लगातार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। 1999 में जब फिर से चुनाव हुए तो कांग्रेस ने सीट छीन ली। हालांकि, 2004 में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई। जबकि 2009 में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कबीर राना यहां से लोकसभा पहुंचे। पिछले चुनाव में संजीव बालियान बीजेपी के टिकट पर यहां से संसद पहुंचे।

बता दें कि मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर करीब 16 लाख मतदाता हैं। इनमें से 875186 लाख पुरुष और 713297 लाख महिला मतदाता हैं। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभाएं आती हैं। इनमें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, सरधना सीट आती हैं। फिलहाल इन पांचों ही सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia