लोकतंत्र के पन्ने: जानिए क्या है जम्मू लोकसभा सीट का इतिहास, इस बार बीजेपी के जीतने के क्यों कम है आस

यह लोकसभा सीट 1957 में आस्तित्व में आया। जम्मू लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस ने यहां से 9 बार चुनाव में जीत दर्ज की है।1957 से 1971 तक लगातार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा।1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मौलाना अब्दुर रहमान ने जीत दर्ज की थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की जम्मू लोकसभा सीट पर भी पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। यह लोकसभा सीट 1957 में आस्तित्व में आया। जम्मू लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस ने यहां से 9 बार चुनाव में जीत दर्ज की है।

जम्मू लोकसभा सीट का इतिहास

1957 से 1971 तक लगातार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा।1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मौलाना अब्दुर रहमान ने जीत दर्ज की थी। जबकि 1962, 1967 और 1971 के चुनाव में लगातार तीन बार इंद्रजीत मल्होत्रा यहां से सांसद बने। वहीं 1977 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ठाकुर बलदेव सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1980 के चुनाव में गिरधारी लाल डोगरा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते। इसके अगले दो चुनाव में (1984 और 1989) कांग्रेस के जनक राय गुप्ता यहां के सांसद बने। 1991 में यहां चुनाव नहीं कराया गया। 1996 में कांग्रेस के मंगत राम शर्मा विजयी हुए। 1996 तक जम्मू लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा। लेकिन उसके बाद दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार भी यहां से सांसद बने।

1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी पहली बार यहां से जीत दर्ज की। पार्टी के उम्मीदवार विष्णु दत्त शर्मा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1999 में भी उन्हें ही जीत मिली। जबकि 2002 के उपचुनाव में इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी तालीब हुसैन जीते। अगले चुनाव में कांग्रेस की वापसी हुई। कांग्रेस के मदन लाल शर्मा 2004 और 2009 के चुनाव में लगातार दो बार जीते। लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मदन लाल शर्मा को बीजेपी के जुगल किशोर शर्मा ने हराया।

राजनीतिक हालात

जम्मू लोकसभा सीट के अन्तर्गत राज्य की 20 विधानसभा सीटें (सांबा, विजयपुर, नगरोटा, गांधीनगर, जम्मू पूर्व, जम्मू पश्चिम, बिश्नाह, आर एस पुरा, सुचेतगढ़, मरह, रायपुर दोमाना, अखनूर, छंब, नौशेरा, दरहल, राजौरी, कलाकोटे, सुरनकोट, मेन्धार, पुंछ-हवेली) आती हैं। जिनमें से 13 पर बीजेपी का कब्जा है। जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 3 सीटें हैं। पीडीपी के खाते में भी 3 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस का केवल एक विधायक है। निर्वाचन आयोग की 2014 की रिपोर्टे के अनुसार, इस सीट पर वोटरों की संख्या 18.48 लाख है, जिनमें से 9.77 लाख पुरुष और 8.70 लाख महिलाएं हैं।

इस बार किसके जीतने के हैं आस

सिख समुदाय द्वारा जम्मू में कांग्रेस के उम्मीदवार रमन भल्ला का समर्थन करने का निर्णय भारतीय जनता पार्टी के जुगल किशोर शर्मा पर भारी पड़ सकता है। जम्मू शहर और जम्मू लोकसभा सीट के अन्य जगहों के गुरुद्वारों में यह घोषणा की जा रही है कि सिख समुदाय ने रमन भल्ला को समर्थन देने का फैसला किया है।

कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बनने के बाद एनसी ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। एनसी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू शहर से दो दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार रमन भल्ला और अन्य उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के पक्ष में प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के कट्टर विरोधी पीडीपी ने भी दोनों सीटों से 'धर्मनिरपेक्ष मतों' को मजबूती देने के लिए अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है।

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