लोकतंत्र के पन्ने: हैदराबाद लोकसभा सीट पर चलता है ओवैसी परिवार का सिक्का, 1984 से नहीं हारे एक भी चुनाव

हैदराबाद लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 8 बार एआईएमआईएम को जीत मिली है। तो वहीं कांग्रेस ने 6 बार इस सीट पर जीत हासिल की है। जबकि एक बार तेलंगाना प्रजा समिति और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पर्ल सिटी हैदराबाद को नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है। हैदराबाद लोकसभा सीट पर भी पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। इस ऐतिहासिक शहर का निर्माण मोहम्मद कुलीकुतुब शाह ने करवाया था। हैदराबाद को गंगा-जमुनी तहजीब वाला शहर भी कहा जाता है। 1948 में हैदराबाद को एक जिले का दर्जा दिया गया। हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। मलकपेट, कारवां गोशमहल, चारमीनार, चंद्रयान गुट्टा, याकूतपुरा और बहादुरपुर सीटें हैं। इनमें से छह सीटें एआईएमआईएम के पास हैं तो एकमात्र सीट बीजेपी के खाते में है।

हैदराबाद का राजनीतिक इतिहास

हैदराबाद लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 8 बार एआईएमआईएम को जीत मिली है। तो वहीं कांग्रेस ने 6 बार इस सीट पर जीत हासिल की है। जबकि एक बार तेलंगाना प्रजा समिति और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई। 1951 के पहले आम चुनाव में कांग्रेस के अहमद मोहिउद्दीन हैदराबाद के पहले सांसद बने। तो वहीं 1957 के दूसरे आम चुनाव में कांग्रेस के ही विनायकराव कोरटकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 1962 और 1967 के चुनाव में गोपालैया सुब्बुकृष्णा मेलकोट कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। जबकि 1971 में वह कांग्रेस का हाथ छोड़ तेलंगाना प्रजा समिति के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़े और जीते भी। 1977 और 1980 के अगले दो चुनाव में में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में गई। पार्टी के उम्मीदवार केएस नारायण चुनाव लगतार दो बार यहां से सांसद चुने गए।

एमआईएम के पास 1984 से है यह सीट

1984 लोकसभा चुनाव के बाद से हैदराबाद लोकसभा सीट पर ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। यहां से एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहउद्दीन ओवैसी छह बार सांसद चुने गए, पांच बार एआईएमआईएम के टिकट पर और एक बार निर्दलीय लड़कर चुनाव जीते। उनके बाद से यह सीट लगातार तीन बार उनके बेटे असदुद्दीन ओवैसी के खाते में जा रही है।

असदुद्दीन के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी ने टीडीपी की लहर के बीच पहली बार यह सीट 1984 में जीती थी। इसके बाद वह 1999 तक लगातार इस सीट से जीतते रहे। खराब सेहत की वजह से सलाहुद्दीन ने अपने बड़े बेटे के लिए इस सीट को छोड़ दिया, जो उस समय विधानसभा में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। तब से अब तक वह तीन बार यहां से जीत कर सांसद बन चुके हैं। असदुद्दीन ओवैसी 2004 में पहली बार लोकसभा पहुंचे। 2009 लोकसभा चुनाव में भी असदुद्दीन ओवौसी को ही जीत मिली। तो वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंन बीजेपी के डॉ. भगवंत राव को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इस लोकसभा चुनाव एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी में एकबार फिर से मैदान में हैं। आज (सोमवार) उन्होंने हैदराबाद लोकसभा सीट से नामांकर भर दिया है।

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