यूपीः नई समाजवादी पार्टी में 'एम-वाई' का मतलब महिला और युवा, चुनाव से पहले अखिलेश ने गढ़ा सपा का नया फार्मूला

अखिलेश यादव ने कहा कि हम अब बड़े परिप्रेक्ष्य में मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और जातिवाद से बंधे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों को पूरी तरह नजरअंदाज किया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा है। ये मुद्दे आगामी चुनाव में चुनावी मुद्दा होंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी ने पार्टी की नई टैग लाइन 'नई हवा है, नया सपना है' जारी करते हुए अपने एम-वाई (मुस्लिम-यादव) फॉर्मूले को भी नया अर्थ दिया है, जिसने उसे उत्तर प्रदेश में एक से अधिक बार सत्ता में पहुंचाया है। एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि नई एसपी में एम-वाई का मतलब महिला (एम) और युवा (वाई) हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि हम अब बड़े परिप्रेक्ष्य में मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और जातिवाद से बंधे नहीं हैं। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने किसानों के मुद्दे को पूरी तरह नजरअंदाज किया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे आगामी चुनावों में चुनावी मुद्दा होंगे।

महिलाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों ने साबित कर दिया कि वे इस शासन में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हमने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन स्थापित की थी, लेकिन इस सरकार ने उन्हें अप्रभावी बना दिया। महिलाओं के बारे में सारी बातें कागजों पर होती हैं, हकीकत में नहीं।"


उन्होंने दावा किया कि जनता बीजेपी सरकार से निराश है और एसपी को सत्ता में वापस लाएगी।
उन्होंने कहा कि एसपी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और नई रणनीतियों के साथ सरकार बनाएगी। अखिलेश ने अपनी पार्टी के खिलाफ भाई-भतीजावाद के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि सपा के पास हमेशा हर मेहनती, समाजवादी और उत्साही कार्यकर्ता के लिए जगह थी।

उन्होंने कहा, "इसके बजाय, यह बीजेपी है, जिसे अपने कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान नहीं है। जिन्होंने पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है, उन्हें किनारे कर दिया गया है, जबकि दल बदलूओं को मंत्री पदों से पुरस्कृत किया गया है।

अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख शिवपाल यादव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक ही विचारधारा वाले सभी दलों के साथ गठबंधन संभव है, लेकिन एसपी बड़ी पार्टियों से हाथ नहीं मिलाएगी क्योंकि उनके साथ अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एसपी शासन के दौरान रणनीतिक विकास कार्यों का श्रेय बीजेपी ले रही है।

अखिलेश के पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक को इंगित करने वाले फार्मूले का नया अर्थ गढ़ने के इस कदम से साफ हो गया है कि समाजवादी पार्टी, जाहिर तौर पर, जाति की रेखाओं से ऊपर उठकर महिलाओं और युवाओं को एक समुदाय के रूप में संबोधित करना चाहती है।

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