महाराष्ट्र: MLC चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन को तगड़ा झटका, अपने ही गढ़ में हारी BJP, शिंदे भी बेअसर

बमुश्किल तीन साल में यह तीसरी बार है जब एमवीए ने बीजेपी को उसके घरेलू मैदान पर हराया है। आरएसएस मुख्यालय यहीं है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेता यहीं से आते हैं।

फोटो: IANS
फोटो: IANS
user

नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में हुए शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक एमएलसी चुनावों में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं बीजेपी-शिंदे गुट को तगड़ा झटका लगा है। नागपुर में तो बीजेपी का सफाया हो गया है। महाविकास आघाड़ी को तीन सीटें मिली हैं। बीजेपी का सिर्फ एक उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब हो पाया है। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है।   

नागपुर शिक्षक कोटे की एमएलसी सीट पर महाविकास अघाड़ी के सुधाकर अदबोले ने बीजेपी के नागो गाणार को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। अडबले को 16,700 वोट मिले जबकि गाणार को 8,211 वोट मिले। औरंगाबाद शिक्षक एमएलसी सीट से एनसीपी के उम्मीदवार विक्रम काले ने जीत दर्ज की है। विक्रम काले को 20,195 वोट मिले। वहीं, अमरावती स्नातक सीट पर सबसे बड़ा उलटफेर हुआ। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार धीरज लिंगाडे ने जीत दर्ज की है। धीरज ने बीजेपी उम्मीदवार रणजीत पाटिल को हराया।


नासिक खंड की स्नातक एमएलसी सीट पर कांग्रेस के बागी कैंडिडेट सत्यजीत तांबे ने जीत हासिल की है। कांग्रेस ने तांबे के पिता सुधीर तांबे को अपना आधिकारिक प्रत्याशी बनाया था, जो तीन बार से एमएलसी का चुनाव जीतते रहे थे।

सभी पांच सीटों को जीतने के भरोसेमंद दावों के बावजूद, बीजेपी को केवल कोंकण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संतोष करना पड़ा। यहां से बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर म्हात्रे ने बलराम पाटिल को हराया। ज्ञानेश्वर म्हात्रे को 20 हजार से ज्यादा और बलराम पाटिल को महज 9500 वोट मिले। इस तरह से बीजेपी-शिंदे गुट को महाराष्ट्र की पांच में से एक सीट ही मिली है जबकि चार सीटों पर उसे मात खानी पड़ी है। यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका तो है साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए भी है।


महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने नागपुर की जीत पर कहा, एमवीए ने आरएसएस के जन्मस्थान में बीजेपी को झटका दिया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि बीजेपी को 4 सीटों का नुकसान हुआ है और इन चुनावों में शिक्षित और बुद्धिजीवी वर्गों के बीच पार्टी ने अपना ओहदा भी खो दिया है।

लोंधे ने कहा, बीजेपी 4 सीटों पर हार गई है। यह हार दर्शाती है कि पार्टी ने शिक्षित और बुद्धिजीवी वर्गों के बीच अपना स्थान खो दिया है। यह राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बमुश्किल तीन साल में यह तीसरी बार है जब एमवीए ने बीजेपी को उसके घरेलू मैदान पर हराया है। आरएसएस मुख्यालय यहीं है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेता यहीं से आते हैं।

इससे पहले, एमवीए ने नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और फिर जिला परिषद चुनावों में जीत हासिल की थी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


/* */