लगातार बदलता रहा है बीजेपी का नारा और वादा, पिछले 6 साल में ‘कालाधन’ से ‘मैं भी चौकीदार’ तक पहुंचा

लोकप्रिय नारों और उसके प्रचार के जरिये 2014 में केंद्र की सत्ता में आई बीजेपी ने आगामी आम चुनाव से ठीक पहले ‘मैं भी चौकीदार’ का नया नारा दिया है। लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि पिछले 6 साल में आए दिन नए नारे गढ़ने वाली बीजेपी का ये नारा कितने दिन तक चलता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

चुनावी नारे और जुमले गढ़ने में महारत रखने वाली बीजेपी ने अब एक और नया नारा दिया है- ‘मैं भी चौकीदार’। लेकिन ये नारा कितने दिन तक टिकेगा कहा नहीं जा सकता। क्योंकि बीजेपी और मोदी सरकार ने नारे गढ़ने और बदलने में सभी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 6 साल की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए 2013 में शुरू हुए नरेंद्र मोदी के अभियान से लेकर अब तक बीजेपी ने नारों और वादों की संख्या का रिकॉर्ड बना दिया है।

पिछले 6 साल यानी 2013 से बीजेपी के नारों और फिर 2014 के बाद बनी उसकी मोदी सरकार के नारों की बात करें तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड ही होगा। 2013 में शुरू हुआ बीजेपी का लोकसभा चुनाव का अभियान ‘कालाधन’ लाने के नारे के साथ शुरू हुआ था। तब नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तमाम नेताओं ने पूरे देश में घूम-घूमकर और विज्ञापन छपवाकर 80 लाख करोड़ रुपये का कालाधन 100 दिन में वापस लाने का नारा दिया था।

इसके साथ 2014 में लोकसभा चुनाव आते-आते बीजेपी ने कालाधन लाकर देश के लोगों के खाते में ‘15-15 लाख रुपये’ डालने का नारा दिया। इसके साथ ही टीवी से लेकर अखबारों और रेडियो के जरिये बीजेपी ने नारा दिया कि अच्छे दिन आने वाले हैं। लेकिन 2014 में चुनाव जीतते ही बीजेपी और उसकी सरकार न सिर्फ अपने नारे और वादे को भुला दिया, बल्कि नारा भी बदल दिया।

और फिर इसके बाद तो हर नये चुनाव पर बीजेपी ने पिछले नारे को हटाकर नए नारों की लाइन लगा दी। साल 2015 में ‘सबका साथ, सबका विकास’, 2016 में ‘न्यू इंडिया’, 2017 में ‘मेरा देश बदल रहा है’, 2018 में ‘साफ नीयत, सही विकास’, और फिर 2019 आते-आते बीजेपी और पीएम मोदी को ‘मैं भी चौकीदार’ का नारा लगाना पड़ा है। बीजेपी ने इस दौरान ना सिर्फ नारे और वादे बदले बल्कि उसने पुराने वादे भुला भी दिए।

कांग्रेस ने भी इन नारों की बाढ़ को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मैं भी चौकीदार नारे पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “मोदी बाबा और उनके 40 चोर नाम के आगे चौकीदार लगा बहरूपिया बनकर फिर जनता को ठगना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि अपनी निश्चित हार देख बौखलाए और घबराए मोदी जी अपने चुनावी नारे को इतनी बार बदल चुके हैं, जितनी बार तो उन्होंने अपने 10 लाख के सूट और 5 हजार से अधिक ड्रेस भी नहीं बदले।

बीजेपी के नए नारे पर उन्होंने कहा कि फ्लॉप ब्रांड को बेचने के लिए बार-बार नाम, पैकेट का रंग और लोगो बदलना पड़ता है। बीजेपी के आत्ममुग्ध प्रोपगेंडा सरकार के पास धरातल पर दिखाने को कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के 'चोरों का चौकीदार' होने की सच्चाई जगजाहिर कर दी है। जब राफ़ेल की चोरी पकड़ी गई, तो अब 'चोरों का चौकीदार' नया ढोंग रच रहा है।”

पिछले 6 साल का बीजेपी का नारों का इतिहास खंगालने पर साफ दिखता है कि बीजेपी का नारा और वादा हर साल और हर नए चुनाव के समय बदलता गया है। और पिछले नारों और वादों को भुला दिया गया है। ऐसे में आने वाले चुनाव में देखना होगा कि बीजेपी के इस नए नारे पर लोग कितना भरोसा करते हैं।

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Published: 19 Mar 2019, 7:55 PM