सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, पार्टी में बगावत और तनखैया घोषित होने के बाद छोड़ा था पद

पिछले साल सुखबीर बादल के नेतृत्व के खिलाफ पार्टी में कुछ नेताओं ने बगावत कर दी थी। उसी दौरान सुखबीर बादल और अन्य अकाली नेताओं को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया था। उसी दौरान 16 नवंबर को सुखबीर बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, पार्टी में बगावत और तनखैया घोषित होने के बाद छोड़ा था पद
सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, पार्टी में बगावत और तनखैया घोषित होने के बाद छोड़ा था पद
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नवजीवन डेस्क

अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल को एक बार फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। अमृतसर में शनिवार को सर्वसम्मति से उन्हें पार्टी प्रमुख चुना गया है। सुखबीर सिंह बादल ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य पंजाब के हितों की रक्षा करना और अकाली दल को और मजबूत करना है।"

शिरोमणि अकाली दल की एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने किसी अन्य उम्मीदवार का परिचय नहीं कराया, जिसके बाद सभी नेताओं ने सुखबीर सिंह बादल के नाम पर सहमति जताई। शिरोमणि अकाली दल की इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और कार्यकर्ता शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, नेताओं ने माना कि उनके अनुभव और नेतृत्व से पार्टी को पंजाब की सियासत में मजबूती मिलेगी।


पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद सुखबीर बादल के नेतृत्व के खिलाफ पार्टी में कुछ नेताओं ने बगावत कर दी थी। बगावत करने वाले नेताओं में प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, और सुखदेव सिंह ढींडसा शामिल थे। उसी दौरान सुखबीर बादल और कुछ अन्य अकाली नेताओं को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखाहिया घोषित किया था जिसकी सजा इन नेताओं ने भुगती। उसी दौरान 16 नवंबर को सुखबीर बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि ये इस्तीफा पार्टी की वर्किंग कमेटी ने इसी साल जनवरी में स्वीकार किया था।

सुखबीर बादल लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं। वह पहली बार 2008 में पार्टी अध्यक्ष बने थे और तब से कई बार इस पद पर चुने जा चुके हैं। उनके पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद उन्होंने पार्टी की कमान पूरी तरह संभाली। हालांकि, पिछले कुछ साल में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2022 के विधानसभा चुनावों में हार और कुछ नेताओं का पार्टी छोड़ना शामिल है।


पार्टी सूत्रों का कहना है कि सुखबीर अब संगठन को मजबूत करने और नए नेताओं को मौका देने पर ध्यान देंगे। पंजाब में 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सुखबीर ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने की अपील की है। उन्होंने कहा, "हम पंजाब के किसानों, युवाओं और सभी वर्गों के लिए काम करेंगे। हमारी प्राथमिकता पंजाब की खुशहाली और एकता है।"

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