TRS विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दो आरोपी फिर गिरफ्तार, जेल से छूटते ही तेलंगाना पुलिस ने पकड़ा

तेलंगाना पुलिस ने टीआरएस विधायत पायलट रोहित रेड्डी की आरोप लगाया था कि बीजेपी के करीबी रामचंद्र भारती, तिरुपति के पुजारी सिम्हाजी और हैदराबाद के व्यवसायी नंद कुमार ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना में टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दो आरोपियों रामचंद्र भारती और के. नंद कुमार को चंचलगुडा केंद्रीय कारागार से जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद बंजारा हिल्स पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों को उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों के सिलसिले में फिर से गिरफ्तार किया गया है। उन्हें दिन में बाद में अदालत में पेश किया गया।

जहां रामचंद्र भारती पर कई पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज रखने का मामला दर्ज किया गया था, वहीं नंद कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए पांच मामले दर्ज किए गए थे। तेलंगाना हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में तीनों आरोपियों को जमानत दे दी थी। हालांकि, वे एक सप्ताह तक जेल में रहे, क्योंकि वे अदालत के निर्देशानुसार दो जमानतदार और 3 लाख रुपये के निजी मुचलके की व्यवस्था नहीं कर सके थे।


एक आरोपी सिंहयाजी को बुधवार को रिहा कर दिया गया था। रामचंद्र भारती के खिलाफ बंजारा हिल्स पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच के बाद मामला दर्ज किया था, जिसमें पाया गया कि उनके पास दो पासपोर्ट हैं। आरोपी के पास एक पासपोर्ट श्री रामचंद्र स्वामी जी के नाम पर और दूसरा भारत कुमार शर्मा के नाम से है।

पुलिस ने पहले उसके खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। टीआरएस के एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर बंजारा हिल्स पुलिस ने फर्जी आधार, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस रखने का मामला दर्ज किया था। हरियाणा के फरीदाबाद के एक पुजारी रामचंद्र भारती पर आरोप है कि उनके बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं।

26 अक्टूबर को हैदराबाद के पास मोइनाबाद में एक फार्म हाउस पर छापेमारी के दौरान रामचंद्र भारती, तिरुपति के एक पुजारी सिम्हाजी और हैदराबाद के एक व्यवसायी नंद कुमार को साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर गिरफ्तारी की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। नंद कुमार के खिलाफ शहर के अलग-अलग थानों में पांच मामले भी दर्ज हैं।

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