छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे विष्णुदेव साय, BJP ने आदिवासी नेता पर खेला बड़ा दांव

छत्तीसगढ में सारे कयासों को पलटते हुए बीजेपी के शानदार जीत दर्ज करने के बाद सीएम पद के कई दावेदार उभर आए। इनमें रमन सिंह, अरुण साव, ओपी चौधरी और रेणुका सिंह के नाम आगे रहे। लेकिन आदिवासी सीएम के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने बाजी मार ली।

छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे विष्णुदेव साय, BJP ने आदिवासी नेता पर खेला बड़ा दांव
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे विष्णुदेव साय, BJP ने आदिवासी नेता पर खेला बड़ा दांव
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नवजीवन डेस्क

आखिरकार बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किया है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित किया था जिस पर रायपुर में हुई विधायक दल की बैठक में मुहर लगा दी गई। साय के नाम के ऐलान के साथ ही एक हफ्ते से सीएम के नाम को लेकर जारी तमाम अटकलों पर विराम लग गया है।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए आदिवासी नेता को सूबे का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने विष्णुदेव साय का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था, जिस पर विधायक दल की बैठक में मुहर लगा दी गई। विधायक दल की बैठक के लिए सुबह करीब नौ बजे केंद्रीय पर्यवेक्षक सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन मुंडा और दुष्यंत कुमार गौतम के अलावा छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर रायपुर पहुंचे। वही हुआ, जैसा कि अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी किसी आदिवासी नेता को सूबे का सीएम बनाएगी।


बता दें कि बीजेपी ने इस बार किसी भी चुनावी राज्य में सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था। छत्तीसगढ में सारे कयासों को पलटते हुए बीजेपी ने शानदार जीत हासिल करते हुए 54 सीटें हासिल कर लीं, जबकि कांग्रेस 34 सीटें ही जीत सकी। इसके बाद छत्तीसगढ बीजेपी में सीएम पद के कई दावेदार उभर आए। इसमें रमन सिंह, अरुण साव, ओपी चौधरी और रेणुका सिंह के नाम शामिल रहे। लेकिन आदिवासी सीएम के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने बाजी मार ली।

विष्णु देव साय का सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफर

विष्णु देव साय के सियासी अनुभव की बात करें तो 21 फरवरी 1964 को जन्मे साय ज्यादा पढे-लिखे नहीं हैं, मगर सियासी तौर पर उनका अपना अनुभव है। वह 16वीं लोकसभा में निर्वाचित हुए थे और उन्हें केंद्र में इस्पात और खान राज्य मंत्री बनाया गया था। वह अनुभवी राजनेताओं में से एक हैं। लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए, केंद्र सरकार में मंत्री रहे और उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई।

साय जशपुर जिले के बगिया गांव के किसान परिवार में जन्मे हैं। विष्णु देव साय ने दसवीं तक की पढ़ाई कुनकुरी में की और वह अपने गांव बगिया से निर्विरोध सरपंच भी चुने गए। उन्होंने विधानसभा का पहला चुनाव 1990 में लड़ा था और लोकसभा का पहला चुनाव 1999 में। वे चार बार सांसद रहे हैं। इससे पहले वह दो बार विधानसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए। वर्तमान में उन्होंने कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से बतौर बीजेपी प्रत्याशी जीत दर्ज की है।

विष्णु देव की बात करें तो वे राज्य की राजनीति में आदिवासी का बड़ा चेहरा हैं और पार्टी ने आदिवासी वोट बैंक को अपने पक्ष में रखने के मकसद से ही उन्हें मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी है। विष्णु देव साय को आरएसएस की पसंद भी माना जा रहा है, क्योंकि इस बार के चुनाव में संघ ने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर सरगुजा, रायगढ़ और बस्तर जैसे इलाके में काम किया है।

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