नेशनल चैंपियनशिप से लौटते वक्त ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठे 18 पहलवान, यूपी से ओडिशा वापसी का वीडियो वायरल
ओडिशा के 18 पहलवानों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता से लौटते समय ट्रेन में शौचालय के पास बैठकर सफर करना पड़ा। वीडियो वायरल होने के बाद मामले की जांच शुरू की गई है।

देश में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के दावे अक्सर किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कई बार इन दावों के बिल्कुल उलट तस्वीर दिखाती है। ओडिशा के 18 स्कूली पहलवानों के साथ हुई एक घटना ने खेल व्यवस्था और प्रशासनिक तालमेल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर लौट रहे थे
ओडिशा के अलग-अलग स्कूलों से चुने गए 18 प्रतिभाशाली पहलवान और उनके साथ गए 4 शिक्षक 69वीं राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने उत्तर प्रदेश के बलिया पहुंचे थे। यह प्रतियोगिता अंडर-17 बालक-बालिका फ्री स्टाइल कुश्ती के लिए आयोजित की गई थी, जहां इन खिलाड़ियों ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
20 नवंबर को जब टीम भुवनेश्वर से बलिया के लिए रवाना हुई, तब सभी के लिए 3-टियर एसी कोच में टिकट बुक कराए गए थे। उस समय यात्रा में कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन समस्या वापसी के दौरान सामने आई।
फर्श पर बैठकर करना पड़ा सफर
वापसी की यात्रा के लिए जिन टिकटों की बुकिंग की गई थी, वे कंफर्म नहीं हो पाए और खिलाड़ियों को कोई बर्थ आवंटित नहीं हुई। रेलवे और खेल विभाग के बीच तालमेल की कमी का सीधा असर इन बच्चों पर पड़ा। मजबूरी में सभी 18 खिलाड़ी नंदनकानन एक्सप्रेस के गेट और शौचालय के पास फर्श पर बैठकर घंटों का सफर करने को मजबूर हुए।
राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले ये युवा पहलवान ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठे रहे, जबकि उनके लिए पहले से एसी कोच की टिकट बुक की गई थी। यह हालात न सिर्फ असहज थे, बल्कि खिलाड़ियों की गरिमा पर भी सवाल खड़े करते हैं।
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप
इस पूरी घटना का खुलासा तब हुआ जब ट्रेन में सफर कर रहे इन खिलाड़ियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बच्चे और किशोर खिलाड़ी बेहद खराब हालात में यात्रा कर रहे हैं। वीडियो सामने आते ही मामला तूल पकड़ गया और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।
शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट, जांच शुरू
मामला सामने आने के बाद ओडिशा विद्यालय एवं जन शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इस पूरे घटनाक्रम पर विस्तृत और स्पष्ट रिपोर्ट तलब की है। अब यह जांच की जा रही है कि जब 3-टियर एसी के टिकट बुक थे, तो वे कंफर्म क्यों नहीं हुए और बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
अधिकारियों का कहना है कि यह पता लगाया जाएगा कि लापरवाही किस स्तर पर हुई और जिम्मेदारी किसकी बनती है, ताकि भविष्य में खिलाड़ियों के साथ ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
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